हर किसी के जीवन में जरूरी नहीं है ,कि बरसात कुछ अच्छा लेकर आए ज्यादातर मामलों में बरसात अच्छी ही होती है।
किन्तु कभी -कभी यह कहर भी बरपा देती है। आज अवनी के जीवन की दिशा बदलने में कुछ हद तक यह भी जिम्मेदार है।
नीलम के लिए अबनी को संभालना और भी मुश्किल हो रहा था ,क्योंकि जैसे जैसे समय बीत रहा था। अवनी का नशा बढ़ता जा रहा था।
डांस और पार्टी के चक्कर में समय की ओर किसी का ध्यान ही नहीं गया तभी नीलम ने किसी से पूछा अंकल क्या टाइम हुआ ??
उन्होंने घड़ी देखते हुए कहा बेटा 9:00 बज रहे हैं । इतना सुनते ही उसने अवनी को तेजी से झगझोरा और बोली 9:00 बज रहे हैं।
नीलम की सांसे अटक गई, वह सोचने लगी अब तक हास्टल का गेट बंद
हो गया होगा ?फिर यह विचार आता है,कि कभी -कभी थोड़ा देर से भी बंद होता है ।क्या पता खुला ही हो?
पार्टी से लोग धीरे-धीरे कम होने लगे ज्यादातर के पास तो कार थी जिनके पास नहीं भी थी वह किसी न किसी से लिफ्ट लेकर जा रहे थे।
नीलम अवनी को लेकर होटल के बाहर पहुंची तो देखा बारिश बहुत तेज हो रही थी। बाहर देखते हुए कहती है मर गए अब क्या होगा??
इसको तो कुछ होश ही नहीं है। पहले मन में विचार आया कि रिया के पास जाकर कह दे कि हमें छुड़वा दो लेकिन फिर सोचने लगी ऐसे तो बहुत से मेहमान हैं।
किसको किसको रिया छुड़वाएगी 2 मिनट में पहुंच जाऊंगी भीग भी की गई तो हॉस्टल जाकर कपड़े बदल लूंगी फिर रात में कौन देखी रहा है??
बस भगवान से मना रही हूं हॉस्टल खुला रहे दुपट्टे को सर पर रखकर अवनी का भी सिर दुपट्टे से ढक कर एक हाथ से उसको पकड़ कर भीगते भीगते ही चलती थोड़ी दूर जाने पर रुकी सामने ढाबे पर उसे राजीव और मयंक दिखाई दिए,
और भी बहुत से लोग बारिश से बचने के लिए उसकी शेड के नीचे खड़े थे। वह भी उसी ढाबे में अवनी को लेकर पहुंची सब लोग उनकी तरफ देखने लगते हैं।
तभी राजीव दौड़ कर आता है। नीलम की ओर देखकर अवनी को क्या हो गया बीमार है? और इतनी रात में तुम दोनों हॉस्टल से बाहर ??
राजीव और कुछ पूछता तभी नीलम ने कहा रुको सब बताती हूं ,बैठने तो दो मयंक उठ खड़ा हुआ और बोला बैठिए ,बारिश की वजह से आज यह ढाबा भी भर गया,,,,
राजीव आश्चर्यचकित! होकर अवनी की ओर देखता रहता है। इन्हें क्या हुआ ?नीलम बोली तुम तो जानते हो आज रिया का बर्थडे था उसने कहा था हम लोगों को 8:00 बजे फ्री कर देगी,,,,
लेकिन पार्टी में टाइम किसी ने देखा ही नहीं और अवनी तथा अन्य लड़कियों की कोल्ड ड्रिंक मेनशीला पदार्थ मिला दिया था जिसके कारण ज्यादातर सभी लड़के और लड़कियां नशे में है।
मयंक ने आश्चर्य से कहा इसका मतलब यह नशे में है अब तुम क्या करोगी ?आई मीन कैसे इसको मैनेज करोगी?? नीलम बोली प्लीज क्या तुम मेरी हेल्प करोगे ,,,,,
तभी राजीव बोला हां हां क्यों नहीं? तुम्हें हॉस्टल तक पहुंचाना है। नीलम बोली बस पहले यह पता करके बतला दो कि हॉस्टल का गेट खुला है या बंद है?
लो मैं अभी तुरंत पता करके बतता हूं यह कहकर राजीव हॉस्टल की तरफ बढ़ा कुछ देर पश्चात राजीव वहां से लौटा और उसने कहा नीलम हॉस्टल का गेट तो बंद है। ।
अब क्या करना है ?नीलम मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है ?अब मैं क्या करूं ?इतनी बारिश मैं कहां जाऊं? और अवनी को इस हालत मैं लेकर मै कहीं जा भी तो नहीं सकती
सिर झुकाए हुए नीलम कुछ सोचती है ।और फिर अचानक बोल पड़ी क्या ऐसा नहीं हो सकता? कि आज रात के लिए तुम हमें अपने कमरे में रुकने की जगह दे दो
,सुबह हॉस्टल का गेट खुलते ही हम दोनों चली जाएंगी। यह सुन मयंक का मुंह खुला का खुला रह गया और बोला ऐ हेलो तुम कहना क्चा चाहती हो..
कि हम अपने लॉज के रूम में लड़कियों को ले जाए अगर किसी लड़के ने देख लिया तो हमारी बड़ी बेइज्जती होगी ऊपर से मैं तो लोकल ही हूं,
ना बाबा ना यह तो हो ही नहीं सकता राजीव बोला क्यों नहीं हो सकता मैं (इनको अवनी की ओर देखकर) इस हालत में छोड़कर नहीं जा सकता ,
आखिर बारिश में यह बेचारी जाए तो जाए कहां मयंक बोला यार मैंने किसी का ठेका नहीं ले रखा है ।मुझसे पूछ कर गई थी क्या पार्टी में ???
राजीव थोड़ा नाराज़ होते हुए मयंक तू कैसी स्वार्थ वाली बातें कर रहा है तू ऐसा तो ना था ।किंतु कुछ मामलों में मैं ऐसा ही हूं
मुझे नहीं पड़ना किसी लड़की के चक्कर में राजीव बोला कौन तुझसे लड़की के चक्कर में पढ़ने को कह रहा है??
।एक रात की बात है ,रूम में रहेगी और हम दोनों कहीं बाहर रात बिता लेंगे अरे वाह! बारिश में यही खड़े रहेंगे भीगते हुए, मयंक बोला ,नीलम बोली आप लोग बाहर क्यों रहेंगे हमें कुर्सी या कोई जगह दे दीजिएगा हम रात बैठ कर काट लेंगे, नहीं नहीं आप ऐसे क्यों कह रही हैं। आपके लिए तो पूरा कमरा है चिढ़कर मयंक बोला राजीव मयंक की तरफ देख कर क्या कहते हो मयंक ? वह बोला जो तुझे ठीक लगे कर मुझसे मत पूछ कल कोई मुसीबत होगी तो मैं नहीं फंसने वाला इस पचड़े में राजीव बोला कुछ नहीं होगा, तू खामखां परेशान हो रहा है। राजीव बोला अब चले मयंक ने कहा अभी रुक जा अभी तो सारे लड़के जग रहे होंगे कुछ रूम के अंदर हो जाए तब चलते हैं पहले मैं और तुम जाएंगे फिर नीलम अवनी को लेकर आएगी राजीव ने कहा जैसा तू ठीक समझे इस पर नीलम बोली अवनी को मैं अकेले नहीं ला सकती सीढ़ियां भी तो चढ़नी है। ऊपर से इतना लड़खड़ा रही है कि मेरे बस की नहीं है राजीव बोला कोई बात नहीं मैं तुम्हारी मदद कर दूंगा मयंक (मन ही मन कहता है पागल हो गया है इस ठकुराइन के प्रेम में) आधे घंटे रुकने के बाद बारिश और तेज बढ़ती देख राजीव बोला अब हमें चलना चाहिए कब तक यू बारिश के रुकने का इंतजार करेंगे ढाबे में भी भीड़ कम होती जा रही 🙏 क्रमशः