प्रेम एक एहसास है जिसे सिर्फ करने वाला ही समझ सकता है ,प्रेम में व्यक्ति सामने वाले की भावनाओं को इतनी बखूबी से समझता है, ।
जितना कि वह स्वयं के विषय में भी नहीं जानता होगा, एक प्रेमी और एक सफल व्यक्ति के बीच एक तारतम्यता होती है। दोनों में हद से ज्यादा, और कुछ कर गुजरने की इच्छा बनी रहती, इसीलिए तो प्रेम को बंधनों में नहीं बांधा जा सकता।
अवनी और राजीव के विषय में भी कुछ ऐसी ही तारतम्यता थी, पता नहीं कैसे वे दोनों एक दूसरे की भावनाओं को बिना कहे ही समझ जाते, यह बात नीलम को समझ ही ना आती राजीव ने जब नीलम से अवनी का फोन नंबर मांगा तो नीलम ने यह कह कर टाल दिया,
की राजीव अवनी से तुम नंबर मांग लो किंतु ,राजीव के दिमाग में यह बात बैठ गई थी कि मुझे अवनी का नंबर लेना है, क्लास के अंदर पहुंचते ही राजीव ने देखा अपनी अपनी सीट पर बैठी रहती है नीलम और राजीव दोनों साथ साथ क्लास के अंदर आते हैं।
दोनों अवनी की सीट के पास जाते हैं। नीलम के साथ राजीव को आता देख अवनी थोड़ा शरमाई और सोचने लगी कि राजीव मेरे पास क्यों आ रहा है। नीलम राजीवआराम से बात करते हुए आती है, और अवनी के पास पहुंच कर नीलम कहती है अवनी जी अपना फोन नंबर प्लीज राजीव जी को दे दीजिए, नीलम के इस तरह बोलने से अवनी थोड़ा गुस्सा होजाती है।
वह नीलम से कहती है तुमको तो हर समय मजाक ही सूझता है, नीलम कहती है मैं मजाक थोड़ी कर रही हूं राजीव तो सामने खड़े हैं ,चाहो तो खुद ही पूछ लो राजीव अवनी की ओर देखते हुए कहता है ,अवनी जी सच में मैंने नीलम से आपका नंबर मांगा था, अवनी अपना नंबर बोलने लगती है राजीव उसको फोन पर सेव कर लेता है, तभी उधर से प्रोफेसर दीक्षित क्लास में घुसते हैं।
काफी देर तक क्लास लेने के पश्चात प्रोफेसर दीक्षित राजीव की ओर देखते हुए कहते हैं ,राजीव तुम्हारा ध्यान कहां है ।यह सुनकर राजीव और अवनी दोनों घबरा जाते हैं ,राजीव हक लाते हुए बोलता है, सर कहीं नहीं प्रोफेसर दीक्षित कहते हैं, तो कहीं तो होना चाहिए ना क्लास में रहकर अगर क्लास में नहीं है तो कहां है, राजीव से प्रोफेसर दीक्षित का प्रकार बोलना सबको हैरत में डाल देता है ,क्योंकि प्रोफेसर दीक्षित राजीव को बहुत चाहते थे राजीव उनका एक होनहार विद्यार्थी था।
फिर प्रोफेसर दीक्षित कहते हैं ,तुम्हारे घर में कोई समस्या है। राजीव ने कहा जी नहीं सर बस मेरे बाबूजी की तबीयत थोड़ा ज्यादा खराब है, ।
प्रोफेसर दीक्षित कहते हैं ओहो यह बात है। राजीव ने पूछा क्या हुआ सर प्रोफेसर दीक्षित ने कहा कल आप लोगों का रिजल्ट आएगा ,राजीव तुम्हारी परफॉर्मेंस ऐसी होगी यह मुझे उम्मीद नहीं थी, खैर तुम्हारे बाबू जी की तबीयत की वजह से तुम्हारी परफारमेंस थोड़ी इधर उधर हो गई है ,तुम होनहार लड़के हो उसे संभाल लोगे यह कहकर प्रोफेसर दीक्षत क्लास से बाहर चले जाते हैं।
प्रोफेसर दीक्षित के शब्द राजीव के कानों में तीर की तरह चुभ रहे थे, राजीव सोच रहा था , लगता है मैंने एग्जाम में अच्छे अंक नहीं प्राप्त किए, इसी कारण प्रोफेसर दीक्षित ने यह बात कही और चुपचाप अपनी सीट पर बैठा रहता है, अवनी उठकर नीलम के साथ राजीव की सीट के पास आती है,
और राजीव से पूछती है, क्या हुआ ॽप्रोफेसर सर ने ऐसा क्यों कहा राजीव बोला हो सकता है, मेरी परफॉर्मेंस इस बार खराब हो इसी कारण नीलम ने कहा कि तुम्हारी परफॉर्मेंस खराब हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता, राजीव ने कहा हो क्यों नहीं सकता बहुत से होशियार बच्चे क्लास में है, उन सब की अपेक्षा मेरी परफॉर्मेंस हो सकता है खराब हो इसीलिए तो प्रोफेसर दीक्षित ने मुझसे कहा वरना सर ऐसा क्यों कहते,
अवनी नीलम के साथ जाने लगती है तो पलट कर राजीव से कहती है आज शाम को हॉस्टल के गेट के पास मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी ,राजीव के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है ,और वह क्लास के बाहर निकल जाता है, अवनी की बढ़ती हुई हिम्मत देखकर नीलम उसे समझाती है कि देखो अवनी दोस्ती तो ठीक है लेकिन अब तुम लोग दोस्ती से आगे बढ़ गये हो,
अवनी बोली मैं तो और आगे जाना चाहती हूं अभी क्या है नीलम बोली तुम्हारे सिर पर इश्क का भूत चढ़कर बोल रहा है तुम्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है।
अवनी ने कहा मैं कुछ समझना ही नहीं चाहती ,और वह दोनों हॉस्टल की ओर चली जाती है शाम को राजीव तैयार होकर जैसे ही चलने को तैयार होता है मयंक उसको टोकता है ,और कहता है ।
राजीव संभल जाओ अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है उस रास्ते पर मत चलो जिसमें तुम्हें बर्बादी के सिवा कुछ नहीं मिलेगा मैं तुम्हारा भला चाहता हूं।
राजीव कहता है, मैं जानता हूं मैं सब समझता हूं लेकिन तुम भी मेरी मन की स्थिति को समझो मैं अवनी के बिना जीवित नहीं रह सकता मयंक कहता है,।
तब तो तब तो तू पक्का मरेगा क्योंकि जिस लड़की के चक्कर में तू पड़ा है वह खानदानी ठाकुर है ,वह किसी को छोड़ेंगे नहीं इतने बड़े घराने से तू क्यों पंगा ले रहा है।
शांति से पढ़ाई लिखाई कर, यह प्रेम हम जैसों के लिए करने की चीज नहीं है अगर हम लोग करें तो हमारा स्तर भी वही होना चाहिए,
जिसे हम और हमारे घर वाले मैनेज कर सके किंतु तेरी तो बात ही अलग है पढ़ाई में भी अव्वल और प्रेम में भी अव्वल दर्जे की चीज तुझे चाहिए ,
,मयंक की बातों का राजीव के ऊपर तनिक भी असर नहीं होता, वह चुपचाप सारी बातें सुनता है और चल देता है, मयंक बोला आज तो मैं नहीं जाऊंगा।
तुझे आग में कूदना है, तो तू कूद मैं तेरा साथ हरगिज़ नहीं दूंगा और तुझे भी यही सलाह दूंगा कि तू भी मत जा और शांति से बैठ कर अपनी पढ़ाई कर वैसे भी कल रिजल्ट आने वाला है,
राजीव बुत बना सब सुनता रहता है, उसके बाद जैसे कोई उसे जबरदस्ती धकेल रहा हो उसकी आंख में तो अवनी की पट्टी बधं गई थी, बस उसे अवनी ही दिखाई देती थी, बाकी उसे कुछ समझ ना आता था,
ना वह समझना चाहता था चुपचाप सीढ़ियों से नीचे उतर कर वह हॉस्टल की तरफ बढ़ जाता है ।इधर अवनी भी तैयार होकर नीचे गार्ड से कहती है, कि मुझे बस गेट पर थोड़ी देर के लिए जाना है,
गार्ड पूछता है बिटिया कोई काम है क्या ॽअवनी ने कहा नहीं गार्ड अंकल बस थोड़ी देर टहलने के बाद वापस चली आऊंगी गार्ड बोला कल आप लोगों ने बहुत देर लगा दी थी तो अवनी ने कहा आज आपको शिकायत का मौका नहीं दूंगी मैं समय रहते चली आऊंगी,
अवनी ने पीछे पलट कर देखा तो नीलम उसके साथ नहीं थी अवनी ने सोचा अच्छा हुआ नीलम नहीं आई मैं राजीव से अकेले में कम से कम कुछ बात तो कर सकती हूं ,यह सोचते हुए अवनी गेट के बाहर आई बाहर राजीव खड़ा उसका इंतजार कर रहा था,
आगे जानने के लिए पढ़ते रहें प्रतिउतर,,,,
🙏🙏🙏 क्रमशः।।।