राजीव अपने बापू से बहुत प्रेम करता था ,उसकी मां की मृत्यु के बाद केशव ने उसको किसी चीज की कमी नहीं महसूस होने दी ।
भले ही केशव ने दूसरा विवाह किया किंतु राजीव के साथ उसने हमेशा न्याय किया उसने अपनी दूसरी पत्नी को कभी भी राजीव के ऊपर हावी नहीं होने दिया
, गांव के सब लड़के जब इधर उधर घूमते खेलते रहते तभी राजीव की पढ़ने में रुचि देखकर केशव ने उसकी पढ़ाई का पूरा जिम्मा अपने सिर पर ले लिया,
कभी कभी गांव वाले केशव से कहते भी कि जवान लड़के को बैठा कर बुढ़ापे में खुद खेतों पर काम करते हो राजीव से भी थोड़ा हाथ बटवा लिया करो??
किंतु केशव कभी राजीव से कोई काम न कराता था ना ही अपनी पत्नी से करवाने देता था l इसी कारण राजीव को बहुत सारी चीजें पता ही नहीं थी ,
क्योंकि वह सिर्फ अपनी पढ़ाई ही करता रह गया राजीव ने सिर घुमा कर देखा चारों और गांव और रिश्तेदारों से आंगन भरा हुआ था ।
यह दुख तो राजीव से बर्दाश्त ही नहीं हो रहा था, उसे यही लग रहा था कि अभी तो डॉक्टर साहब ने दवा दी फिर बापू ठीक कैसे नहीं हुए ??
उसका मन इस बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं था कि अब मेरे बापू इस दुनिया में नहीं है बार-बार अपने मन को समझा रहा था, सामने केशव का मृतक शरीर देखता किंतु उसकी समझ में ना आता वह फिर उससे लिपट कर रोने लगता l
तभी राजीव देखता है ठाकुर साहब अखंड प्रताप के साथ उसके दरवाजे पर खड़े रहते हैं, राजीव उठकर रोते बिलखते ठाकुर साहब के पास जाता है,
और केशव की तरफ इशारा करते हुए कहता है ठाकुर साहब बापू हम लोगों को छोड़ कर चले गए ठाकुर साहब राजीव को सांत्वना देते हुए कहते हैं।
होनी को कौन टाल सकता है, भगवान को यही मंजूर था और फिर राजीव से कहते हैं, केशव के कफन इत्यादि की व्यवस्था हमने कर दी है।
तुम्हें और किसी चीज की जरूरत हो तो निसंकोच बताना और थोड़ा आगे बढ़कर केशव की पत्नी के समीप पहुंचकर ठाकुर साहब ने कहा जो कुछ जरूरत होगी हमें बताना हवेली जाकर ठकुराइन को भी तुम बता सकती हो,
इतना कहकर ठाकुर साहब ने नौकरों से कुछ सामान वही रखवा दिया और अखंड प्रताप के साथ गाड़ी में बैठे और हवेली की ओर चले गए l
ठाकुर साहब के जाने के बाद लखन उठकर राजीव के पास आता है और राजीव को समझाते हुए कहता है, बेटा अब तुम ही हो तुम्हें ही सब करना है।
इसलिए उठो और अपने पिता की अंतिम संस्कार की तैयारी करो ,राजीव बड़े भारी मन से उठता है ,और लखन काका से लिपट कर रोने लगता है ।
इस तरह अबोध बच्चे की तरह रोते देख लखन काका अपने आप को संभाल नहीं पाते वह भी राजीव के साथ रोते हुए राजीव का हाथ पकड़कर गांव के लोग जहां बैठे हुए थे वहां ले आते हैं ।
और कहते हैं आप सब लोग राजीव के साथ मिलकर केशव भैया की अंतिम संस्कार की तैयारी करवाइए गांव वालों में से कुछ लोग उठ कर राजीव के पास आते हैं और केशव के अंतिम संस्कार की तैयारी में लग जाते हैं।
इधर अवनी फोन कर कर के इतना ज्यादा परेशान हो जाती है उसे तो बस यही लगता है कि राजीव एक बार कहीं भी हो फोन करके बता सकता है ।
कि मैं इस समय तुमसे बात नहीं कर सकता आखिर ऐसा क्या हो गया ?कि उसने मेरे एक भी मैसेज का रिप्लाई नहीं किया ना ही एक बार फोन उठाया?
अवनी को बहुत तेज गुस्सा आती हैं, नीलम का फोन उसको वापस कर देती है और कहती है अब मुझे राजीव से कोई बात नहीं करनी है।
कम से कम मेरा फोन एक बार उठा लेता नीलम को भी एक अनजान भय सताता रहता है ,कि कहीं ऐसा तो नहीं अखंड भैया रूद्र भैया या ठाकुर साहब ने उसके साथ कुछ गलत किया हो,
फिर सोचती है अगर उनको ऐसा करना होता वह पहले ही कर देते अवनी से इस तरह राजीव और अवनी को दूर रहने की बात ही ना रखते ???
ऐसा नहीं हुआ होगा वह अपने मन में सांत्वना देती है। फिर सोचती है, हो सकता है राजीव की तबीयत ज्यादा खराब हो नीलम अवनी से कहती है ।
तुम परेशान मत हो कॉलेज खत्म होने के बाद मैं राजीव के रूम पर जाकर पता कर लेती हूं, कि आखिर क्या बात है, राजीव ने तुम्हारा फोन क्यों नहीं उठाया ?
अवनी बोली मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगी नीलम ने कहा ठीक है चलना किंतु बस 5 मिनट के लिए उससे ज्यादा मैं नहीं रूकूंगी अवनी ने कहा ठीक है।
कॉलेज खत्म होने के बाद नीलम और अवनी राजीव के रूम पर जाती हैं, लेकिन वहां ताला बंद पा कर दोनों सोचने लगती हैं ,कि कहां गए होंगे मयंक और राजीव ?
नीलम बोली हो सकता है इन दोनों में से कोई एक बीमार हो तो दूसरा उसको डॉक्टर को दिखाने गया हो, अवनी का मन नहीं मान रहा था, उसे तो बार-बार बस यही लग रहा था कि कुछ तो बुरा हुआ है।
जाने क्यों मेरा मन सुबह से ही व्याकुल है, कुछ तो गलत हुआ है ?राजीव के साथ नीलम ने कहा रुको मैं किसी लड़के से पूछती हूं, बगल वाले कमरे का नीलम ने दरवाजा खटखटाया एक लड़का बाहर निकला नीलम ने उससे पूछा कि आप के बगल में राजीव और मयंक रहते हैं ।
आप बता सकते हैं ?वह दोनों इस समय कहां है ,लड़के ने नीलम को सर से पांव तक देखा और फिर पूछा आप उनकी कौन है ?नीलम समझ गई कि वह कुछ दूसरे संदर्भ में ही समझ रहा है,
तो नीलम ने झट से कहा मैं उनकी बहन हूं, और उनसे मिलने आई थी ,लेकिन यहां आई तो ताला बंद है फोन कर रही हूं फोन लग नहीं रहा है ।
प्लीज आप हमें बता सकते हैं कि वह दोनों इस समय कहां है? लड़के ने कहा पता नहीं कल रात में भी दोनों अपने कमरे में नहीं थे, और ताला बंद था अवनी और नीलम सोचने लगी की रात से ही मयंक और राजीव कहां चले गए।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहें प्रतिउत्तर ॽॽॽ 🙏 क्रमशः।।।।।