संपूर्ण संसार में प्रत्येक व्यक्ति के मन में किसी कार्य को करने के पूर्व अंतः करण की आवाज अवश्य आती है,
किंतु उस समय व्यक्ति सामने वाले की कई बार कही गई बात को ही सही मान लेता है, और वह अपने अंतःकरण की आवाज को नहीं सुनता कभी-कभी यही उसके लिए कष्टदायी होता है।
अवनी को ही ले लीजिए कहां तो वह राजीव के अपने समक्ष खड़े होने पर डर रही थी, और आज नीलम के कई बार कहने पर पार्टी में जाने को तैयार हो गई क्या???
यह उसके अंतःकरण की आवाज थी, या फिर सामने वाले के बार-बार कहने का नतीजा?
जो कि अंदर से डर के कारण फिर भी जाने को तैयार कर देता है। राजीव सोच रहा था, कि मैं किस मोह में फंसता जा रहा हूं
लैंप मे पढ़ते समय उसकी निगाह अवनी के चेहरे की ओर टिक जाती है। कितनी सादगी और कितनी मासूमियत है इस चेहरे में और ना जाने कब देखते देखते राजीव की आंख लग जाती है।
उधर अवनी और नीलम आराम से सोई हुई थी, इधर मयंक अपने बिस्तर पर सो रहा था और अब तो राजीव भी सो चुका थाl फिर सुबह अचानक अवनी की आंख खुलती है।
सिर एकदम भारी लग रहा था, मानो उस पर कोई बोझ रखा हो, जग जाने के बावजूद आंख तो खुल ही नहीं रही थी। फिर अचानक वह चौक कर बैठ जाती है ।
उसकी आंखों को तो भरोसा ही नहीं हो रहा था कि वह हॉस्टल की बजाए किसी दूसरी जगह है। फिर आंख मीच कर देखती है उसकी नजर सामने के बिस्तर पर लेटे मयंक पर जाती है।
जिसे देखकर वह जल्दी से उठ कर खड़ी हो जाती है। और नीलम को जगाती है नीलम उठ-उठ, नीलम आलस से कहती है क्या है? सोने दो, अवनी जोर से झकझोरती है।
कहती है उठो नीलम, नीलम उठकर सुबह हो गई क्या? अवनी सुबह छोड़ो पहले यह बताओ कि हम दोनों यहां कैसे आए और यह सामने बिस्तर पर कौन है।
नीलम बोली सब तेरे कारण हुआ है। अवनी मेरे कारण क्या हुआ नीलम में बात काटते हुए कहा अब चल जल्दी हॉस्टल भी पहुंचना है।
वह तो भला हो तेरे उस गांव वाले लड़के का, मेरे गांव वाले लड़के का अवनी चौकी, नीलम बोली राजीव का उसने हमारी इतनी मदद की कि मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती वरना बारिश में हम पूरी रात हॉस्टल के बाहर खड़े होकर बिताते।
और फिर सुबह वार्डन हमें हमारे घर वालों से मिलवाती अवश्य, अवनी बोली राजीव तो पार्टी में नहीं गया था। सब बताती हूं पहले हमें हॉस्टल चलना चाहिए, वरना वार्डन को पता लग जाएगा,
अगर कोई लड़की हमारे पहुंचने पर हमें देख लेगी तो पक्का वार्डन को पता लग जाएगा कि हम रात भर हॉस्टल के कमरे में नहीं थे,
अवनी कुछ समझती उसके पहले नीलम बिस्तर से उतरने लगती है। तभी राजीव की नींद खुल जाती है वह नीलम से पूछता है।
सुबह हो गई क्या? नीलम कहती है हां, अवनी राजीव की ओर देखती है। और कहती है क्या रात भर हम यहां थे, राजीव बोलता है '।
जी', अवनी राजीव की ओर देखती हुई कहती है इस बात का किसी को पता ना लगे वरना तुम तो अच्छी तरह जानते हो हवेली की मान मर्यादा का सवाल है। कभी नीलम कहती है।
अवनी जल्दी कर वर्ना देर हो जाएगी राजीव भी तुरंत उठता है। और एक शर्ट पहन कर उन लोगों को हॉस्टल तक छोड़ने चल देता है।
अवनी कहती है हम चले जाएंगे, किंतु राजीव कहता है हम छोड़ देते हैं, सीढ़ियां उतरते समय अवनी राजीव से कहती है। मैं किस तरह तुम्हारा शुक्रिया अदा करूं?
राजीव कहता है इसमें शुक्रिया की क्या बात है यह तो मेरा फर्ज था। अवनी उसकी ओर देखने लगती है, राजीव उसकी ओर देखकर कहता है।
आप लोग अपनी मर्जी से थोड़ी ना आई थी वह तो परिस्थितियां ऐसी बन गई कि इसके अलावा कोई और चारा ना था। ।
सीढ़ियों से उतर कर बाहर आने पर बहुत हल्की रोशनी थी नीलम ने कहा अपना मोबाइल जलाऊं क्या? राजीव ने मना किया कहा मोबाइल चलाने की जरूरत नहीं है।
मोबाइल चलाने से खामखां कुत्ते भोकने लगेंगे नीलम और अवनी ने सिर से दुपट्टा लेकर अपना मुंह बांध लिया।।
ताकि कोई पहचान ना सके। आगे आगे राजीव चल रहा था और पीछे वो दोनों आ रही थी। अवनी के मन में बहुत से प्रश्न थे?
कि यहां कैसे आई ऐसा क्या हुआ ??कि उसे यहां आना पड़ा फिर राजीव मयंक कहां मिले इत्यादि लेकिन कुछ पूछती उसके पहले नीलम उससे कहती है।।
श श श चुप रहो पतली सुनसान गलियों से होती हुई हॉस्टल की सड़क पर आ जाती हैं अब थोड़ी रोशनी छिटकी दिखाई पड़ती है।
क्योंकि सड़क पर रोड लाइट का काफी उजाला फैला था हॉस्टल के गेट के पास पहुंचते ही नीलम कुर्सी पर बैठे गार्ड को धीरे से आवाज देती है।
गार्ड अंकल गार्ड अंकल, आवाज सुनकर गार्ड ऊपर कमरों की तरफ देखता है। अवनी अंकल इधर ऊपर नहीं गार्ड की नजर उन पर पड़ती है ।
वह गेट के पास आता है अरे! बिटिया तुम लोग बाहर कैसे! अंकल ताला खोलिए फिर आपको सब बताते हैं। फिर गार्ड तिरछी नजर से राजीव को देखता है।
नीलम कुछ समझ कर कहती है अंकल यह हमारी बुआ के लड़के हैं। हमें पहुंचाने आए हैं, कल रात को हमारी बुआ की तबीयत अचानक खराब हो गई थी।
तो हम इन्हीं के यहां रुक गए थे। अब यह हमें छोड़ने आए हैं, 7:00 बजे अंकल हमारी क्लास है इसलिए इतनी जल्दी हमें पहुंचाने आए हैं।
गार्ड निश्चिंत हो जाता है और गेट खोल देता है दोनों जल्दी से हॉस्टल के अंदर जाती हैं। राजीव गेट के बाहर खड़ा उनको देखता है नीलम हाथ हिला कर उसको विदा करती है।
और जल्दी से दोनों अपने कमरे का लॉक खोल कर कमरे के अंदर आकर दरवाजा बंद कर लेती हैं फिर चैन की सांस लेती हैं।
तभी अवनी नीलम से कहती है कि अब बताओ कि हम वहां कैसे पहुंचे नीलम कहती है पार्टी में किसी ने शरारत की और सब कोल्ड ड्रिंक में नशे की कोई चीज मिला दी,,
जिसको पी के सभी लड़के लड़कियां लड़खड़ा कर गिरने लगे तुमने भी वही कोल्ड ड्रिंक पी रखी थी बारिश बहुत तेज हो रही थी तुम्हें इस हॉस्टल तक ले आना बड़ा मुश्किल था ऊपर से बारिश इतनी तेज हो रही थी।
कि मेरे पैर फिसले जा रहे थे, वह तो भला हो उस राजीव का जो मयंक के विरोध करने के बावजूद हमें अपने कमरे में ले ही नहीं गया बल्कि तुम्हें तो उसने गोद में उठाकर कमरे तक पहुंचाया भी
l अवनी आश्चर्य से नीलम की ओर देखते हुए कहती है। उसने मुझे गोद में उठाया ऐसे भी तो ले जा सकता थाl ऐसे तो मैडम आप बहुत नशे में थी संभल ही नहीं रही थी।
सड़क पर नाच रही थी तो कोई कैसे ले जाता अवनी बोली मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है कि मैं इस तरह की हरकतें कर रही थी ।
"खैर जो हुआ उसे एक बुरा सपना समझकर हमें भूल जाना चाहिए, नीलम पूछती है आज कितने बजे की क्लास है, अवनी बोली चलो एक बार अभी सो जाते हैं, अभी काफी टाइम है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए प्रतिउत्तर ॽॽॽ क्रमशः