प्रेम एक ऐसा एहसास है, जिसमें व्यक्ति दूसरों के किए गए कार्य को छुपाने का भरसक प्रयास करता है भले ही वह कार्य उसने न किया हो, किंतु जिसे वह चाहता है, उसकी हर इच्छा को पूरा करना ही वह अपने जीवन का ध्येय बना लेता है।
किसी भी तरह वह उसके मन की सारी खुशियां उसे देना चाहता है भले ही इसके लिए उसको कोई भी कीमत चुकानी पड़े क्योंकि उस समय उसके दिलो-दिमाग पर उसी का जुनून छाया रहता है।
जिससे वह प्रेम करता है, इसीलिए तो जाति पाति रंगभेद उम्र एवं अमीरी गरीबी सभी से परे है प्रेम, आज राजीव कुछ ऐसी ही दशा में पहुंच गया था।
भले ही वह सब को सफाई देकर अवनी को निर्दोष साबित कर रहा था, किंतु कहीं ना कहीं उसके इस स्थिति की जिम्मेदार अवनी ही थी।
यह बात अवनी अच्छी तरह समझ रही थी, राजीव जान तो रहा था ,लेकिन वह मानने को तैयार नहीं था उसकी इस स्थिति को उसके आसपास सभी उसके शुभचिंतक समझ रहे थे ।
मयंक भी अपने दोस्त को समझाने का बहुत भरसक प्रयास भी किया किंतु उसकी बुद्धि समझ से परे हो चुकी थी क्योंकि वह समझना चाह ही नही रही थी,
बहुत देर की कशमकश के बाद राजीव यह निर्णय लेता है कि वह अवनी के पास फोन करेगा और अवनी को फोन मिला देता है, ।
अवनी का फोन बजता है अवनी तो पता नहीं किन ख्यालों में खोई थी, फोन की घंटी सुनकर भी वह फोन नहीं उठाती फोन ना उठाने पर राजीव सोचता है।
क्या दोबारा फोन करना ठीक रहेगा? लेकिन फिर उसका मन नहीं मानता और वह अवनी को फिर से फोन करता है, इस बार नीलम अवनी को टोकते हुए कहती है।
अवनी तेरा फोन बज रहा है, देख कही राजीव का ना हो, राजीव का नाम सुनते ही अवनी बावरी की तरह फोन उठा लेती है।
फोन उठाकर अवनी हैलो उधर से राजीव के मुंह से तो जैसे शब्द ही नहीं फूटते, अवनी फिर कहती है ,हैलो कौन बोल रहा है,।
राजीव हकलाते हुए कहता है हां हैलो मैं राजीव, अवनी को तो बस इसी फोन का इंतजार था, वह तुरंत राजीव से कहती हैं कि राजीव आज शाम को हम हॉस्टल गेट पर नहीं मिल सकते!
,राजीव आश्चर्यचकित होकर पूछता है क्योंॽ अवनी बोली क्योंकि आज शाम को हम सब नीलम की पार्टी में जाएंगे तुम भी पार्टी में चलना राजीव बोला नीलम ने तुम्हें पार्टी में जाने के लिए मना ही लिया ।
अवनी मुस्कुरायी और बोली नीलम ने नहीं मैं तो तुम्हारी वजह से पार्टी में जा रही हूं राजीव ने कहा मेरी वजह से क्यों अ्वनी ने कहा क्योंकि तुम्हें यह महसूस ना हो कि तुम्हारे कारण मैं पार्टी में नहीं जा रही हूं इसलिए हम और तुम दोनों लोग पार्टी में जाएंगे,
राजीव अवनी से कहता है की हो सकता है मैं पार्टी में न आ सकूं अवनी चौंक जाती है ,और पूछती है क्यों राजीव कहता है क्योंकि मयंक को भी मनाना पड़ेगा वह भी कुछ मुझसे नाराज है ।
उसे भी यही लगता है कि मैंने जानबूझकर अपना परीक्षा फल खराब कर दिया अब तुम ही बताओ कोई जानबूझकर ऐसा करता है क्या,?
अवनी ने कहा जी हां मिस्टर राजीव आपने ऐसा ही किया है,अब मैं कुछ नहीं सुनना चाहतीआप पार्टी में आ रहे हैं, राजीव को अवनी के इस तरह बोलने कि उम्मीद नहीं थी, ।
अपने लिए अवनी के मुंह से आप शब्द सुनकर राजीव एकदम सकपका जाता है, और कहता है अवनी जी मैं आपकी बात टाल नहीं सकता मैं जरूर आऊंगा।
अवनी नीलम से कहती हैं जब हम लोग पार्टी दे ही रहे हैं तो हॉस्टल की और लड़कियों को भी कह दो सभी आ जाएंगी वैसे भी सब मुझसे नाराज हो गई हैं ।
उस समय जाने क्यों मुझे अचानक गुस्सा आ गया था, नीलम ने कहा ठीक है मैं सब से कह कर आती हूं और सब से कहने चली जाती है।
थोड़ी देर बाद नीलम आकर कहती है कि अगर पार्टी वाली बात रुद्र भैया को पता चल गई तो क्या जवाब दोगी,? अवनी ने कहा सच-सच बता दूंगी कि मेरे क्लास में टॉप करने पर सबने पार्टी मांगी थी।
,इसलिए मैंने सबको दे दी और कोई हास्टल में पार्टी लेने को तैयार नहीं था तो मुझे बाहर देनी पड़ी वैसे भी रूद्र भैया कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि हम रोज पार्टी करने बाहर तो जाते नहीं,,
कभी-कभी के लिए वह नाराज नहीं होंगे और शाम में सभी लड़कियां तैयार होने लगती हैं राजीव मयंक को मनाता रहता है ,और पूछता है अरे भाई कैसे मानोगे यह बताओ??
मयंक कहता है तुम उस अवनी को भूल जाओ तो मैं मान जाऊंगा राजीव ने कहा यह तो तुम्हें भी पता है कि यह संभव ही नहीं है ।
,फिर मयंक कहता है तो फिर जाओ अकेले मैं नहीं जाऊंगा ,राजीव बहुत मिन्नतें करता है। मयंक पार्टी में आने के लिए राजी हो जाता है, ।
दोनों तैयार होकर निकलने लगते हैं तो मयंक कहता है ,आखिर जाना कहां है राजीव कहता है। मैं तो यह पूछना ही भूल गया कि हमें आना कहां है ।
मयंक ने व्यंग करते हुए कहा कि तुम्हें आजकल कुछ याद ही नहीं रहता सिवाय अ्वनी के राजीव मुस्कुरा देता है और बोला कोई बात नहीं मैं अभी तुरंत फोन से पूछ कर बताता हूं, ।
तभी राजीव के फोन पर घंटी बजती है मयंक ने कहा राजीव तेरा फोन बज रहा है, देख किसका है राजीव फोन उठाता है तो अवनी कहती है, राजीव जी आपने( कहां आना है ),यह तो पूछा ही नहीं???
राजीव ने कहा अभी-अभी मयंक हमसे यही पूछ रहा था, और आप हमें राजीव ही कहा करिए राजीव जी सुनने में थोड़ा सा अटपटा लगता है ।
तो अवनी बोली फिर आप हमें अवनी जी क्यों कहते हैं आप भी हमें अवनी कहकर बुलाया करिए, राजीव ने कहा मैं तो हमेशा से आपको अवनी जी ही कह कर बुलाता था।
किंतु आप तो राजीव कहती थी आपके मुंह से राजीव सुनना मुझे अच्छा लगता है इसलिए आप हमें राजीव ही कहा करिए, यह सुनकर अवनी हंस पड़ी और बोली चलिए ठीक है।
अब मैं राजीव ही कह कर बुलाऊंगी, अवनी कहती है हमारे हॉस्टल के पास जो फाइव स्टार होटल है वहीं पर सब लोग मिलते हैं ।
राजीव बोला होटल के बगल में जो रेस्टोरेंट है वहां क्यों नहीं अवनी ने कहा क्योंकि वह ओपन प्लेस है और मैं नहीं चाहती कि हम सब लोग ओपन प्लेस में पार्टी करें होटल ही ठीक है राजीव ने कहा जैसा आप उचित समझे अवनी कहती है ठीक है फिर पहुंचो,
आगे जानने के लिए पढ़ते रहें प्रतिउतर 🙏🙏 क्रमशः