कुछ चेहरे समाज में बहुत ही मान सम्मान और मर्यादा के सूचक होते हैं किंतु, क्या सचमुच उनमें वह सारे गुण पाए जाते हैं ?जो हमारी मानवीय संस्कृति के लिए यथोचित हैं l ठाकुर साहब को पूरा गांव देवता की तरह पूजता था,
क्या उनके कृत्यों का पता लगने के बाद लोग उन्हें वह सम्मान दे पाएंगे जो अभी ठाकुर साहब को देते हैं ?या फिर उनके हृदय में वही स्थान हमेशा रहेगा जो कि अभी है शायद नहीं क्योंकि चाहे आप किसी अपने के साथ या किसी गैर के साथ अगर कुछ गलत करते हैं तो वह किसी भी परिप्रेक्ष्य में सही कैसे हो सकता है। रूढ़िवादी परंपराओं को अपने ऊपर हावी कर लेना उन्हीं के अनुरूप आचरण करना अपने स्वार्थ को कही न कहीं दिखाता अवश्य है।
किंतु लोग मान मर्यादा और पारिवारिक प्रतिष्ठा को इससे जोड़ कर साफ़ बचने का प्रयास करते हैं तो क्या सच में वह इन सब चीजों से बच जाते हैं या फिर जीवन भर उनके मन में कहीं ना कहीं यह दर्द छुपा रहता है कि वह गुनाहगार है शायद ना भी रहता हो क्योंकि अपनी संस्कृति, मर्यादाओं की आड़ में हवेलियों में जाने क्या क्या होता है उसकी भनक तक लोगों को नहीं लगती l आज जो अवनी और राजीव के साथ हुआ उसका गुनाहगार कौन था, कानों कान इसकी भनक किसी को नहीं शायद यह बात हवेली के बाहर किसी को नहीं पता हवेली के अंदर भी हो सकता है कोई न जानता हो लेकिन क्या ठाकुर साहब इस बात से इंकार कर सकते हैं कि उन्होंने दो मासूम जिंदगियों को कत्ल कर दिया इसका अधिकार उन्हें किसने दिया अगर जन्म देने वाला ही मृत्यु देने लगे तो फिर वह देवता ही तो कहलाएगा शायद आपको यह तथ्य समझ ही ना आए किंतु देवता की तरह पूजे जाना मान सम्मान पाना यह सब गुनाहों पर पड़ा एक महीन पर्दा ही तो है जिसके हटते ही हवेलियों का सच लोगों के समक्ष आ जाता है और लोगों का गुस्सा उस पर्दे को तार तार कर देता है। किंतु हवेली के लोग उसे अपने लिए एक मिसाल के तौर पर लेते हैं। एक ऐसी मिसाल जो कभी न टूटे, राजीव का इस तरह अचानक से गायब होना किसी को भी कुछ समझ नहीं आता कि आखिर राजीव कहां चला गया क्योंकि यह किसी को पता ही नहीं चल पाता कि राजीव की लाश बंद बोरी में जंगलों में जानवरों के लिए छोड़ दी गई है l
मयंक राजीव का बहुत देर तक इंतजार करता है उसके बाद मयंक के मन में एक बेचैनी सी महसूस होती है वह सोचता है ऐसे राजीव बिना कुछ बताए कहां चला गया एक बार मुझे फोन करके उसने बताया भी नहीं और उसको गए तो काफी देर हो गई अब मुझे बाहर जाकर देखना चाहिए l मयंक खाने का सामान वैसे ही ढक कर बाहर निकल जाता है थोड़ी दूर इधर उधर देखता है राजीव को कोई दिखाई नहीं देता फिर अपने रूम के आसपस रहने वाले लड़कों से पूछता है कि भाई कहीं राजीव को देखा हर लड़का यही कह रहा था कि राजीव को तो इधर दो-तीन दिन से नहीं देखा मयंक परेशान हो जाता है वह पागलों की तरह राजीव को हर जगह ढूंढने की कोशिश करता है फिर उसके मन में विचार आता है कहीं ऐसा तो नहीं राजीव सच में हवेली चला गया, हो सकता है उसका फोन स्विच ऑफ हो गया हो और वह मुझे फोन ना कर पाया हो। यह सब सोचकर मयंक नीलम के पास फोन मिलाता है नीलम अपने घर पहुंच जाती है मयंक का फोन देख कर नीलम पूछती है राजीव कैसा है।
मयंक ने कहा मैंने यही जानने के लिए तुम्हारे पास फोन किया है नीलम बोली मतलब तुम कहना क्या चाहते हो मयंक ने बताया कि मैं थोड़ी देर के लिए बाहर गया था तब से ही राजीव रूम पर नहीं है मैंने उसे हर जगह ढूंढा लेकिन उसका कुछ पता नहीं है उसका फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है l नीलम ने कहा हो सकता है हवेली गया हो मैंने पूछा तुम हवेली में नहीं हो, नीलम बोली अभी थोड़ी देर पहले मैं हवेली से अपने घर वापस आ गई, मयंक ने कहा तुम ही एकमात्र अंतिम सहारा थी जिससे मैं राजीव के बारे में जान सकता था किंतु अब मैं हवेली में किस को फोन करके पूछूंगा राजीव वहां है या नहीं l नीलम बोली फोन करने को तो तुम रहने दो मैं ही अखंड भैया से फोन करके पूछ लेती हूं कि राजीव हवेली पहुंचा कि नहीं l मयंक ने कहा जैसा तुम ठीक समझो हां लेकिन अगर राजीव के विषय में कुछ भी जानकारी मिले तो प्लीज मुझे जरूर बताना मुझे उसकी बहुत ज्यादा चिंता हो रही है मेरा मन किसी अनजान डर की ओर सशंकित हो रहा है नीलम ने कहा ऐसा मत कहो सब ठीक हो जाएगा नीलम ने अखंड प्रताप को फोन लगाया और पूछा कि भैया क्या राजीव भी आया था आपके घर, अखंड प्रताप बोले नहीं तो राजीव तो आने को कौन कहे झांक भी नहीं चला इससे तो यही अर्थ लगाया जा सकता है कि राजीव ने या तो दुःख की पराकाष्ठा को प्राप्त कर लिया या फिर सामाजिक दबाव के चलते उसने अपने आप को अवनी से दूर कर लिया, नीलम को उसका जवाब मिल चुका था, वह मयंक के पास फोन करके बताती है कि राजीव तो हवेली गया ही नहीं तुम्हें कुछ पता चला मयंक ने कहा अभी तक तो नहीं पर मैं पूरी कोशिश करुंगा शायद कुछ पता चल जाए अगर मुझे पता चला तो मैं तुम्हें जरूर बताऊंगा यह कहकर मयंक को राजीव के जहां जहां जाने की संभावना थी उसने वह सभी जगह देख ली थी देखते-देखते शाम हो गई और मयंक सीधे पुलिस स्टेशन पहुंच जाता है। पुलिस स्टेशन पहुंचकर मयंक ने राजीव की किडनैपिंग की रिपोर्ट लिखाई और अपने रूम वापस आ जाता है उदास होकर मयंक बैठा रहता है और कुछ खाना भी नहीं खाता, मयंक अपने मन में सोचता है कि आखिर राजीव कहां जा सकता है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए प्रतिउत्तर ॽॽॽ 🙏 क्रमशः।
मुझे साहित्यिक किताबें पढ़ना बहुत पसंद है ।और मैं लिखती भी हूं, कहानियां, उपन्यास , कविताएं और अपने विचार, सामाजिक समस्याओं पर ग्रह एवं नक्षत्रो पर ,,,D
पारिवारिक साख प्रतिष्ठा मान मर्यादा और स्वयं की लज्जा एवं भीरुता के कारण जो मुद्दे समाज से अछूते रह गए उसका उत्तरदायी कौन ॽॽ ,अवनी , राजीव,या फिर उनका परिवेश संस्कार या आधुनिकता के बहाने सिनेमा घरों में परोसी गयी अश्लीलता जो रिश्तो के तानो बानो को बुनने में असमर्थ हैं।सबका उत्तरदायी कौन ॽ