जहां चाह होती है, वहां राह वाली बात तो हम सब जानते हैं, किंतु अवनी के साथ तो जहां चाहत थी ,उसको वही जाने का रास्ता भी मिल गया, उसे रास्ता ढूंढना नहीं पड़ा बल्कि रेहान ने खुद ही दे दिया, रेहान की घटिया हरकत के कारण, कलावती क्रोधित होकर अपने कमरे में आ जाती है, अखंड प्रताप कहते हैं । आज हवेली की बहू इतने गुस्से में क्यों है। किसी ने कुछ कहा क्या ॽकलावती बोली मुझे कौन कुछ क्यों कहेगा, अखंड प्रताप उठकर कलावती के पास आते हैं, प्यार से उसके गाल पर हाथ रखते हुए कहते हैं । क्या हुआ हवेली की बहू का चेहरा गुस्से से लाल क्यों है ॽ कलावती कहती है, रेहान अगर मांजी का रिश्तेदार ना होता, तो आज मैं उसे एक थप्पड़ जरूर मारती ,अखंड प्रताप घबराकर क्या हुआॽ उसने कुछ तुम्हारे साथ बदतमीजी की कलावती नहीं, मेरे साथ क्यों बदतमीजी करने लगा, तो हुआ क्या अखंड प्रताप बोले कलावती ने नीलम के साथ हुई सारी बात अखंड प्रताप को बता दी, अखंड प्रताप गुस्से से आगबबूला हो गए आज मैं रेहान को छोडूंगा नहीं, उसकी हिम्मत कैसे हुई, उसका सारा सामान उठाकर बाहर फेंक दूंगा, कलावती अखंड प्रताप को पकड़ लेती है, और बहुत प्यार से समझाती है, देखिए अगर आप ऐसा करेंगे तो अपने ही घर का बाहर तमाशा बनेगा, और हम यह नहीं चाहते कि, कोई हवेली पर उंगली उठाए या फिर यहां रहने वाले लोगों पर, कोई छींटाकशी हो, अखंड प्रताप गुस्से से लाल आंखें किए कलावती की ओर देखते हुए कहते हैं। तो तुम क्या चाहती हो ,कोई बाहर वाला हमारी घर की लड़कियों की ऐसी बेज्जती करें, और चला जाए ,यह तो हम ठाकुरों के यहां संभव ही नहीं है। कलावती बोली अभी आप बहुत गुस्से में हैं । जब आपका गुस्सा थोड़ा शांत होगा तब हम इस विषय पर बात करेंगे और एक डिसीजन पर पहुंचेंगे, अखंड प्रताप उठकर जाने लगते हैं, तो कलावती उन्हें रोकती है कहती है आप कहीं मत जाइए, अखंड प्रताप बैठ जाते हैं, कलावती प्यार से उनके सिर को सहलाने लगती है, इधर अवनी और नीलम आपस में बातें करती हैं। कि अब तक तो भाभी ने भैया को सारी बातें बता दी होंगी, भैया के गुस्से का सामना कौन कर सकता है अवनी बोली ,नीलम ने कहा भाभी उनको समझाएंगी जरूर वरना यह बात अगर मेरे मम्मी पापा को पता चल गई तो फिर मेरा हवेली आना तो बंद ही हो जाएगा । अवनी बोली ,नीलम तुम डरो मत मैं खुद भैया से बात करूंगी ,उस सिरफिरे लड़के को तो भैया सबक जरूर सिखाएंगे , दोपहर में गोपाल रेहान खाने की थाली लेने उसके कमरे में जाता है ,तो देखता है रेहान ने खाना नहीं खाया था, गोपाल बोला भैया जी आपने खाना नहीं खाया रेहान गुस्से से कहता है। कितनी बार कहा अपने काम से काम रखो और यह तुम मुझे भैया जी तो मत ही कहो तुम मेरे भाई हो क्या ॽ नौकर हो अपनी औकात में रहो, गोपाल चुपचाप वहां से चला जाता है । तभी ठाकुराइन आती रहती हैं, उन्होंने गोपाल से पूछा रिहान के कमरे से झूठी थाली ले आए, गोपाल चुपचाप सिर झुकाए खड़ा था ,ठकुराइन ने कहा क्या हुआ गोपाल गोपाल ने कहा मांजी रेहान भैया ने खाना नहीं खाया, ठकुराइन आश्चर्य से खाना नहीं खाया, उसकी तबीयत तो ठीक है। गोपाल बोला पता नहीं, ठकुराइन बोली अच्छा तुम यहीं रुको मैं देखती हूं, और रेहान के कमरे में जाती है। रेहान लैपटॉप पर किसी से बात करता रहता है। ठकुराइन को देखते ही वह सकपका जाता है, ठकुराइन बोली बेटा किस से बात कर रहे थे, रेहान बोला माजी मेरी दोस्त है, ठकुराइन ने कहा हां दोस्त है ठीक है, लेकिन दोस्तों के लिए ऐसे शब्द, रेहान ने कहा मांजी वो अमेरिकन है ,उसे ऐसे शब्द ही समझ आते हैं। ठकुराइन ने बात टालते हुए कहा बेटा तुमने खाना क्यों नहीं खाया रेहान बोला मुझे भूख नहीं ठकुराइन कहती है। जब से तुम हवेली में आए हो तुम ठीक से खाते पीते नहीं जबकि मौसी बताती है कि रेहान खाने पीने में बहुत अच्छा है वह सारी चीजें खाता है, रेहान तो बस मन ही मन सोच रहा था कि किस तरह नीलम और अवनी से बदला लिया जाए ,खासतौर से अवनी से ,उसे तो लग रहा था बस उसने एक ॓किस ॓ही तो किया था। उसके लिए इतना बड़ा इशू क्या करनाॽ अब तक तो उसने बहुत सारी लड़कियों को किस किया था। और बहुत सारी लड़कियों के साथ डेट पर भी गया था, पर किसी ने उसके साथ ऐसा सलूक किसी नहीं किया था चांटा तो उसे पहली बार पड़ा था, उधर रात के खाने की टेबल पर सभी लोग एकत्र होते हैं, रेहान भी आकर बैठता है। लेकिन किसी से कुछ बोलता नहीं, उसको इस तरह चुप देखकर ठाकुर साहब कहते हैं, क्या हुआ रेहान आज बहुत चुप चुप हो रेहान ने कहा कुछ नहीं ठाकुर साहब किंतु उसको देख कर अखंड प्रताप मन ही मन बहुत क्रोधित हो रहे थे , और सोच रहे थे कि इसका बदला तो मैं जरूर लूंगा। रेहान अवनी को देखकर बहुत गुस्सा हो रहा था, फिर सब ने चुपचाप खाना खाया ऐसा लग रहा था जैसे कोई किसी से बोलने को तैयार ही नहीं था। तभी अखंड प्रताप बोले, अवनी तुम और नीलम कल तैयार हो जाना कल सुबह तुम्हें हॉस्टल छोड़ आएंगे ,अखंड को इस प्रकार बोलता देख ठकुराइन गुस्से से खड़ी हुई और बोली बात तो एक हफ्ते रुकने की हुई थी, फिर कल क्यों ॽ अखंड , अपने मन को के भाव को छुपाते हुए कहते हैं की रुद्र का फोन आया था अवनी के टीचर ने किसी पेपर पर साइन करने के लिए अवनी को बुलाया है । इसलिए अवनी और नीलम दोनों कल मेरे साथ चली जाएगी , ठकुराइन ने बात काटते हुए कहा जब तक रेहान है तब तक अवनी नहीं जाएगी नीलम को जाना हो तो छोड़ देना, तभी रेहान बोला मैं कल ही जयपुर के लिए निकल रहा हूं सब उसकी ओर अचानक देखने लगते हैं ।ठकुराइन बोली क्यों बेटा तुम्हारी तो हफ्ते भर रुकने की बात थी। रेहान बोला जी बात तो थी लेकिन अब मैं जयपुर जाना चाहता हूं मुझे कुछ काम आ गया है ।वापस अमेरिका जाते समय आऊंगा तो एक हफ्ते रुकूंगा, रेहान की बात सुनकर अवनी और नीलम मन ही मन खुशी से उछल पड़ी, दूसरे दिन अखंड प्रताप सुबह ही अवनी और नीलम को लेकर हॉस्टल छोड़ने चल देते हैं। आगे जानने के लिए जाने के लिए पढ़िए प्रत्युत्तर क्या रेहान अवनी से बदला ले पाएगा या अखंड प्रताप रेहान से बदला लेंगे क्या होगा आगे पढ़ते रहिए और कमेंट करके हमें जरूर बताइए । क्रमशः।।।।।