राजीव के बहुत बार कहने पर ठाकुर साहब ने डॉक्टर से बात की डॉक्टर ने कहा जी ठाकुर साहब मैं अभी तुरंत आता हूं
, ठाकुर साहब ने राजीव को यह बताया कि डॉक्टर साहब आ रहे हैं तुम घर पहुंचो हो सकता है उसके थोड़ी देर बाद डॉक्टर साहब भी घर पहुंच जाएं,
राजीव ने उनका शुक्रिया अदा किया और तेज कदमों से हवेली से निकलकर घर की ओर चल दिया केशव वैसे ही चारपाई पर आंख बंद किए लेटा रहता है ।
उसके समीप उसकी पत्नी भी बैठी रहती है राजीव आकर केशव का हाथ अपने हाथों में लेकर कहता है ,बापू ठाकुर साहब ने डॉक्टर साहब से बात कर ली अभी डॉक्टर साहब आते ही होंगे।
केशव कुछ बोलता नहीं बस हां में सिर हिला देता है। गांव के और कई लोग भी केशव के आसपास बैठे रहते हैं, सबको यही चिंता रहती है,
कि केशव के जाने के बाद राजीव और उसकी मां किस प्रकार अपना निर्वहन करेंगे सब आपस में इसी विचार विमर्श में लगे रहते हैं।
तभी डॉक्टर साहब आते हैं केशव के समीप पहुंच कर डॉक्टर साहब उसका निरीक्षण करते हैं, तथा कुछ दवाइयां और इंजेक्शन देकर डॉक्टर साहब केशव के घर से निकलकर जैसे ही बाहर खड़े होते हैं।
,राजीव दौड़ कर उनके पास जाता है और कहता है, डॉक्टर साहब कोई चिंता की बात तो नहीं है, डॉक्टर साहब बोले चिंता की बात तो है, कुछ कहा नहीं जा सकता है ।
शरीर बेहद कमजोर हो गया है ,और पल्स भी बहुत धीरे चल रही है राजीव ने कहा आपने जो दवाइयां लिखी है मैं उन्हें लेकर आता हूं ,,,
,फिर डॉक्टर साहब को चुपचाप खड़े देख राजीव ने पूछा जी डॉक्टर साहब कुछ और कहना चाहते हैं । डॉक्टर साहब ने कहा हां हमारी फीस???
राजीव को तो एकदम जैसे झटका सा लगा क्योंकि आज तक कभी ठाकुर साहब ने जिस डॉक्टर को बुलाया उसने कभी फीस नहीं ली फिर आज ऐसा क्या हो गया???
फिर भी राजीव ने पूछा जी बताएं कितना हुआ आपका डॉक्टर साहब ने कहा वैसे तो मेरी ₹500 फीस है लेकिन घर आने का मैं ₹1000 लेता हूं इंजेक्शन वगैरा मिलाकर कुल ढाई हजार रुपए हुए ???
राजीव अंदर गया और कुछ देर पश्चात पैसा लेकर बाहर आया उसने डॉक्टर साहब को फीस दी और अपने बापू के समीप आकर बैठ गया,
तभी लखन चाचा की आवाज आई वह बोले अरे राजीव तुम शहर से कब आए? राजीव ने लखन चाचा से कहा चाचा आज ही आया हूं,
केशव की ओर निहारते हुए लखन ने कहा अब केशव भैया ज्यादा दिन के मेहमान नहीं है ,राजीव ने उन्हें टोकते हुए कहा चाचा आप ऐसा क्यों कह रहे हैं?? ,मैंने बहुत बड़े डॉक्टर को दिखाया है ।बापू बिल्कुल ठीक हो जाएंगे डॉक्टर ने कहा भी है कि सुबह के बाद स्थिति नॉर्मल हो जाएगी।
इधर दूसरी तरफ हॉस्टल में अवनी और नीलम तैयार होती रहती हैं, अवनी नीलम से कहती हैं यार कितने दिन हो गए मैंने राजीव से बात भी नहीं की,,,,
क्लास में भी मैं उसकी तरफ देखती नहीं क्योंकि मैं डरती हूं कहीं ऐसा ना हो कि आपस में एक दूसरे को देखने के कारण हम अपने मन पर कंट्रोल न कर पाए ?
इसी वजह से मैं उसकी तरफ नजर उठाकर देखती भी नहीं तेरे फोन से भी बहुत ज्यादा देर तक बात नहीं हो पाती किंतु पता नहीं क्यों आज मेरा मन बहुत घबरा रहा है, ??
आज तो मेरा मन भी कर रहा है कि मैं राजीव से बात करूं दोनों क्लास में पहुंचती है। अवनी चारों ओर नजर घुमा कर देखती है उसे राजीव कहीं नजर नहीं आता।
अवनी नीलम से कहती है क्या आज राजीव कॉलेज नहीं आया? नीलम बोली क्या पता? कल उससे तुमने बात की थी मैंने तो बात ही नहीं की?
तो तुम्हें ज्यादा पता होगा अवनी ने कहा उसने कॉलेज आने को कहा तो था फिर आया क्यों नहीं? कहीं वह बीमार तो नहीं हो गया या फिर कोई और बात हो ?
नीलम ने कहा हो सकता है कुछ लेट ही आए तुम इंतजार कर लो , अवनी ने कहा तुम मुझे अपना मोबाइल दो मैं उसे तुरंत पूछ लेती हूं।
तो नीलम ने अपना मोबाइल अवनी को दिया अवनी राजीव को फोन मिलाती है। उस समय राजीव फोन नहीं उठाता क्योंकि वह केशव को दवा खिलाता रहता है।
अवनी लगातार कई बार फोन करती है किंतु राजीव उसका एक बार भी फोन नहीं उठाता अवनी ने कई मैसेज किए लेकिन राजीव उनका भी जवाब नहीं दे पाता l
अब अवनी को राजीव के ऊपर बहुत तेज गुस्सा आती है अपने मन में कहती हैं। एक फोन करके बताना तो चाहिए? पहले बताया नहीं अब फोन करो तो उठा भी नहीं रहा है।
मैंने कितने सारे मैसेज किए किसी का राजीव ने रिप्लाई नहीं किया पता नहीं क्या हुआ होगाॽ इधर केशव की तबीयत के कारण राजीव दिन रात उनकी सेवा में लगा रहता और फोन तक देखने की उसके पास फुर्सत ना रहती है,
इसीलिए राजीव अवनी का फोन नहीं देख पाता अवनी फोन करते करते थक जाती है और उतना ही ज्यादा वह गुस्सा राजीव से होती है।
रात में किसी तरह राजीव की मां ने कुछ खाने के लिए बनाया, किंतु केशव की तबीयत के कारण भूख किसको थी ॽ किंतु सब लोगों के कहने पर किसी तरह राजीव ने थोड़ा सा खाना खाया और फिर बात करने अपने बापू के पास बैठ जाता है,।
इधर अवनी का गुस्सा सातवें आसमान पर रहता है। कई बार फोन और मैसेज करने के बाद राजीव कोई उत्तर नहीं देता इसीलिए अवनी काफी नाराज रहती है।
बिना खाए पिए वहीं केशव की चारपाई के पास राजीव रात भर बैठा रहता है ,जाने कब सुबह के टाइम उसकी आंख लग जाती है ।
और वहीं चारपाई पर केशव के हाथ के पास सिर रखकर सो जाता है, सुबह कुछ शोर की आवाज सुनते ही उसकी नींद टूटती है तो वह देखता है।
उसके बापू अब इस दुनिया में नहीं है चारों तरफ सब के रोने की ही आवाज आ रही है, राजीव एकदम घबरा जाता है ।
और उसके समझ में कुछ नहीं आता बस उसके मुंह से एक चीख निकलती है बाबू तुम इतनी जल्दी हमें छोड़ कर कैसे चले गए,??
तभी उसकी मां उसके समीप आती हैं और राजीव को पकड़कर तेज तेज रोने लगती हैं और कहती हैं अब हमारा क्या होगा ?राजीव उनको किसी तरह संभालता है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहे प्रतिउत्तर ॽॽॽक्रमश: