क्या किसी से प्रेम करना गलत है? प्रेम जात-पात, ऊंच-नीच को देख करना चाहिए, और चलिए मान लीजिए सब कुछ देखने के बाद प्रेम वाला भाव ही ना आया तो क्या करें?
यूं तो दिन भर व्यक्ति की नजरों से लाखो हजारों लोगों की आंखें टकराती है, किंतु बस एक निगाह सामने आने पर एक अजीब सी मन में सिहरन दौड़ जाती है ।
और चाह कर भी वह निगाह मन से हटाए नहीं हटती। डीजे वाले बाबू के गाने की धुन सुनकर जोर का शोर ,,,,,
और फिर सीनियर लड़कों ने मंच संभाला सभी छात्र-छात्राएं अपनी पसंदीदा जोड़ी के साथ बैठे, जैसे अपने हाथ से ये मौका जाने ना देना चाह रहे होl ।
राजीव भी मयंक के साथ बैठा तभी उसे सामने से अवनी आती दिखाई दी सिल्वर कलर की साड़ी पर हल्के सितारे ऐसा लग रहा था मानो चांद सितारों से आज ढक गया हो।
राजीव अपलक उसकी ओर निहारता रह गया तभी मयंक यार यह लड़की तो बड़ी सुंदर है। हां हमारे ठाकुर साहब की लड़की है ।
तू जानता है इसे राजीव कुछ बोलता, उसके पहले अवनी उसकी ओर आई और बोली 'ऐ मिस्टर 'तुम्हारा जो भी नाम हो ,,,
शायद हो सकता है तुम्हें मिस्टर फ्रेशर चुना जाए तो "प्लीज "वहां कम से कम दो कदम की दूरी पर ही रहना, वह क्या है ना, कि यह फोटो पेपर में भी छप सकती हैं ।
,और तुम तो जानते हो गांव हो या शहर हो पेपर तो सभी पढ़ते हैं और गांव में मेरी कितनी इज्जत है। तो इसलिए बता रही हूं,
कि अपनी औकात में रहकर खड़े होना मयंक बोला आपको बात करने की तमीज नहीं है| राजीव मयंक को चुप कराते हुए कहने लगा छोड़ो यार जाने दो,
नीलम बोली अवनी यह तरीका तो गलत है तुम किसी को इस तरह नहीं कह सकती वह उसकी मर्जी है चाहे जैसे खड़ा हो।
बेचारा कुछ बोला भी नहीं अवनी गुस्से से हां जो टुकड़ों पर पलते हैं वह बोलते नहीं ,यह बात राजीव को चुभ गई उसने मन ही मन निश्चय किया कि 1 दिन इसका उत्तर वह जरूर देगा|
अवनी ने राजीव को घूर कर देखा और वह आगे बढ़ गईl नीलम भी उसके पीछे चली गई इधर यह बात मयंक को बहुत बुरी लगी और वह राजीव से गुस्से में बोला क्या तु?
इसकी जागीर हो जो इस तरह बोल कर चली गई, बड़े घर की बदतमीज लड़की!! राजीव मयंक से कहता है |शांत हो जाओ,,
उसने मुझे कहा तुम इतना परेशान क्यों हो रहे हो ??क्योंकि मैं तेरा दोस्त हूं ?और मुझे तो लगता है इसके या इसके खानदान में तू किसी से डरता जरूर है।
वरना इसकी बदतमीजी का तो तुझे तुरंत कोई ना कोई उत्तर जरूर देना थाl 'मैं किसी से नहीं डरता' ,मयंक आश्चर्य से नहीं डरता??
तो फिर तू इस से प्रेम करता है। राजीव ने मयंक के मुंह पर हाथ रख कर बोला ऐसा सोचना भी मत, बड़े एहसान हैं, इन लोगों के हम पर ,,,
मयंक ने कहा अरे ओ ,,,,अहसान के बोझ तले दबे आदमी चल कुछ खाते हैं ।सारा मूड इस लड़की ने खराब कर दिया पागल लड़की??
राजीव मुस्कुराया उसकी नजरें अभी भी अवनी के आसपास ही थी ना चाहते हुए भी बरबस उसकी ओर खींची चली जा रही थी।
सीनियर छात्र छात्राओं ने सबसे पहले एक सरस्वती वंदना की उसके पश्चात एक से एक गाने पर छात्र-छात्राएं थिरकते नजर आए ,,
कुछ कुछ छात्र बीच में उठकर नाश्ता करने जा रहे थे या फिर लेकर अपनी कुर्सी पर बैठकर खा रहे थे। मयंक और राजीव नाश्ता करके वापस आते हैं।
।इस बार यह लोग आगे की कुर्सी पर बैठ जाते है, और मंच की ओर देखने लगते हैं कुछ देर बाद मंच का संचालन कर रहे ,,,
नीरज भैया ने मिस्टर फ्रेशर का नाम पुकारा" राजीव "अचानक घबराते हुए बोला, इसका मतलब अवनी को पता था ।,
नीरज भैया ने मिस्टर फ्रेशर का नाम पुकारा" राजीव "अचानक घबराते हुए बोला, इसका मतलब अवनी को पता था ।कि मैं ही चुना जाऊंगा ???
मयंक बोला अब मंच पर जाएगा या उसके डर से यहीं से सबका अभिवादन करेगा कि, मैं हूं मिस्टर "डरपोक फ्रेशर "राजीव मुस्कुराया बोला क्या कुछ भी ??
और मंच की ओर बढ़ा तभी पूरा हॉल राजीव, राजीव,!राजीव नाम से गूंज जाता है तभी नीरज भैया ने दूसरा नाम पुकारा अवनी सिंह ठाकुर, ,,,,,
अवनी ने अपनी जगह से ही हाथ हिलाया और फिर हॉल में अवनी -अवनी नाम गूंज उठता है ।अवनी दोनों हाथों को चूम कर हवा में लहराती है ।
राजीव यह सब चुपचाप देखता रहता है। और हाथ जोड़कर सबका अभिवादन करता है, तभी अवनी भी मंच पर चढ़ जाती है ।
सभी फोटोग्राफर और लड़के लड़कियां अपना मोबाइल लेकर फोटो खींचने लगते हैं ,थोड़ा चेहरा इधर करो ,सामने देखो स्माइल प्लीज इत्यादि !!
राजीव अवनी द्वारा कहे गए नियमों का पूरा पालन कर रहा था और अवनी से कुछ दूरी पर खड़ा था ।किंतु बुके पकड़ाते समय नीरज भैया दोनों के गले में हाथ डाल कर बीच में खड़े हो गए,,,
और कुछ इस तरह हटे कि दोनों काफी पास आ गए एक अजीब सा एहसास राजीव ने महसूस किया उसे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था।
कि उसके साथ क्या हुआ बस चेहरे पर एक मुस्कान और दिल में एक अजीब सी बेचैनी लिए वह मंच से नीचे उतर आया,
तब नीरज भैया मंच पर चढ़े वे उसके और अवनी के विषय में सब को बताते हैं।कि किस कारण से इतने छात्र-छात्राओं में केवल इन्हीं को चुना गया ,
किंतु राजीव के कान तो जैसे शून्य हो चुके थे उसे कुछ सुनाई ना दे रहा था लेकिन चेहरे की मुस्कान कम ना हो रही थी।
दौड़कर मयंक गले लग गया उसके डिपार्टमेंट के लड़के लड़कियां उसे और अवनी को बधाई दे रहे थे किंतु उसकी निगाह केवल अवनी के ऊपर थी,
उसका मन बार-बार अवनी को बधाई देने के लिए आतुर था ,किंतु डर के कारण कहीं बुरा ना मान जाए इस कारण वहउसको बधाई नहीं देता।
यह अंतिम प्रोग्राम था ।इसके बाद सब खाना खाने चले गए राजीव ने इतना अच्छा और स्वादिष्ट खाना कभी नहीं खाया था।खिलाता भी कौन ?
पिता तो ठाकुरों के बगीचे में काम करके बस दो वक्त के भोजन का जुगाड़ कर पाते थे और मां 11 वर्ष की उम्र में ही चल बसी ,,,
नई मां के आने के बाद वह 11 वर्ष का बालक बड़ा हो गया जो मिलता चुपचाप बिना ना,नुकुर किए खा लेता कभी-कभी त्योहारों पर हवेली से खाने-पीने की वस्तुएं आ जाती वही स्वाद उसके जीवन का सबसे अच्छा स्वाद था
,किंतु इतने सारे व्यंजन जो उसकी कल्पना से परे थे उसके सामने थे राजीव ने पेट भरकर भोजन किया और मयंक से बोला अब चलो,
मयंक बोला कहां चले अभी तो डांस बाकी है यार मुझे डांस नहीं आता तो क्या हुआ ?तुम एक किनारे बैठ कर डांस करते देखना,,,
मैं तो बिना डांस किए हिलूंगा नहीं और धम्म से कुर्सी पर बैठ गया राजीव ने चारों ओर नजरे घुमाई अवनी कहीं नजर नहीं आ रही थी।
उसे लगा वह हॉस्टल चली गई नीलम भी नहीं दिखाई दे रही थी अब तो राजीव ने मयंक का एक पल भी बैठना मुश्किल कर दिया,
यार !चलो घर जाकर आराम करेंगे यहां क्या कर रहे हैं ??बैठकर जब तक सब लोग खाना खा नहीं लेंगे डांस शुरू नहीं होगा,,
टाइम देखो बहुत देर हो चुकी है। तभी अचानक तेज म्यूजिक साउंड गूँजा एक साथ सब चिल्लाए क्लास की लगभग सभी लड़कियां मंच पर थी।
बीच में अवनी किसी देवी से कम ना लग रही थी ।राजीव अपलक उसकी ओर निहारता रहा तभी मयंक बोला चल यार टाइम तो मैंने देखा ही नहीं बहुत देर हो गई है ।
राजीव बोला इस डांस को देख लो तब चलते हैं फिर कमरे पर जाकर सोना ही तो है ।ंमयंक हंसते हुए बोला देख ले भाई अपनी ठकुराइन का डांस,,,,,,,
राजीव झेंपते हुए बोला हमारे डिपार्टमेंट की सभी छात्राओं का डांस है। मयंक बोला सफाई ना दे मुझे पता है किसका डांस है??
डांस देखते हुए राजीव कल्पना लोक में खो जाता है ,कभी उसे अवनी स्वर्गलोक की अप्सरा नजर आती है, तो कभी जलपरीl राजीव की तंत्रिकाए उसके बस के बाहर होती जा रही थी।
मंच पर 11 लड़कियों में उसे केवल एक ही दिखाई दे रही थी अवनी,हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा ,,,राजीव की ओर देखते हुए मयंक बोला, अब चले या फिर आप इजाजत लेकर आएंगे अवनी जी हम जाएं,,,
राजीव शर्माते हुए बोला चलो और दोनों बाहर की ओर निकल पड़े,,,,,, क्रमशः