कभी-कभी मन ऐसे द्वंद में फस जाता है, कि सारी बौद्धिकता धरी की धरी रह जाती है ।यही स्थिति आई होगी विश्वामित्र के सामने जब उन्होंने मेनका को पहली बार देखा होगा ,??
तप तो भंग होना ही था । जब वैदिक कालीन श्रेष्ठ ऋषि स्वयं को मन के द्वंद से बाहर नहीं कर पाए तो राजीव जैसे "तुच्छ" प्राणी की स्थिति क्या होगी???
सुंदरता एवं यौवन से परिपूर्ण अवनी को देखकर, कमरे में पहुंचने पर मयंक और राजीव ने कपड़े बदले और हाथ पैर मुंह धुल कर बैठ गए,
मयंक राजीव से तुझे पार्टी कैसी लगी? मुझे तो बड़ा मजा आया राजीव के बोलने के पहले मयंक बोला, मैं ना कहता तो तू तो जाने वाला ही नहीं था।
फिर कैसे उस ठकुराइन का डांस देखता राजीव बोला तुम उसे अवनी भी बोल सकते हो ,ओहो सॉरी अवनी जी क्षमा करिएगा कहकर जोर-जोर से हंसने लगा।
राजीव की आंखों के सामने अभी भी अवनी का चेहरा घूम रहा था। राजीव उठा और एक किताब लेकर पढ़ने बैठ गया मयंक बोला अरे ओ पढ़ाकू अगर एक दिन नहीं पढ़ोगे तो कुछ हो नहीं जाएगा??
राजीव ऐसी बात नहीं है ।मुझे नींद नहीं आ रही मयंक बोला पर मुझे बहुत तेज नींद आ रही है तुम सो जाओ मैं लाइट बंद कर देता हूं।
ऐसा कहकर राजीव ने कमरे की लाइट बंद कर दी और लैंप जलाकर पढ़ने बैठ गया राजीव किताब पढ़ने की कोशिश कर रहा था ,किंतु उसका ध्यान अवनी की बातों पर उसकी सुंदरता पर उसके डांस पर चला जा रहा था।।
,चाह कर भी वह पढ़ नहीं पा रहा था ।फिर अपने मन में सोचता है। कहीं मयंक सच तो नहीं कह रहा था। कहीं मुझे अवनी से प्यार तो नहीं हो गया??
, नहीं -नहीं ऐसा हो ही नहीं सकता। धरती आकाश का मिलन संभव ही नहीं है कहां वह और कहां मैं यह मेरा वहम है ।किंतु मेरे साथ यह सब क्यों हो रहा है??
मैं अपने लक्ष्य से क्यों भटक रहा हूं,? ,चाह कर भी मेरे बस में क्यों कुछ नहीं है?? ।और किताब पर आंख टिका देता है ।थोड़ी देर पढ़ने के बाद उसकी आंखों के सामने फिर अवनी का चेहरा घूमने लगता है।
किताब बंद करके वह सोने चला गया पर आंखों में नींद ही नहीं बार-बार यही सोचता कि मैं क्यों उस लड़की के विषय में सोच रहा हूं? जो हमेशा मेरी इंसल्ट करती है ।
।मुझे नीचा दिखाती है ।और करवटें बदलते बदलते जाने कब उसे नींद आ गई, उधर रात 10:00 बजे तक पार्टी चलती रही पार्टी में हॉस्टल के ही लड़के लड़कियां बचे थे।
बाकी दूर वाले और लांज वाले छात्र जा चुके थे, अवनी ने अपना बुके और गिफ्ट नीरज भैया से लिया तभी नीरज ने कहा राजीव का गिफ्ट भी लेलो वह बहुत जल्दी चला गया मैं उसे दे ना पाया तुम्हारे डिपार्टमेंट का है तो तुम उसे दे देना ।
,मैं कहां ढूंढता फिरूगा अवनी कुछ बोलती उसके पहले नीलम ने लपक कर ले लिया बोली मैं दे दूंगी और हॉस्टल वापस आई कपड़े बदल कर फ्रेश होकर नीलम बोली आज बहुत मजा आया ,,
मैंने ढेर सारे गानों पर डांस किया लेकिन बहुत से लोग पहले ही चले गए थे ,वह भी होते तो और मजा आता अवनी बोली सो जा कल सुबह फिजिक्स की क्लास है ।।
ओहो मैं तो भूल ही गई थी। दूसरे दिन कैंपस में सभी कल की पार्टी के विषय में बात करने में व्यस्त थे। तभी प्रोफेसर क्लास में आते हैं।
।सभी शांत होकर किताबें खोल लेते हैं। प्रोफेसर बजाज चैप्टर पढ़ाने लगते हैं सभी ध्यान से सुनते हैं ।राजीव ने भी अपने मन में संकल्प किया था ।
कि आज वह अवनी की ओर नहीं देखेगा और अपनी पढ़ाई पर पूरा फोकस करेगा अपने इस मिशन को पूरा करने में वह पूरी तरह तत्पर था ।
वह अपनी नजर पुस्तक से ऊपर उठा ही नहीं रहा था तभी प्रोफेसर साहब ने पूछा राजीव तुम्हें समझ आया राजीव की जैसे किसी ने कोई चोरी पकड़ी हो।
और मुंह से बस " जी" शब्द निकला और सर को देखते हुई उसकी नजरें अनायास ही अवनी की ओर चली जाती है। जैसे ही फिजिक्स की क्लास खत्म होती है।
अवनी झट से उठ खड़ी होती है, नीलम से कहती है चल नीलम ,नीलम पूछती है कहां ?अवनी तब तक उसका हाथ पकड़ कर लगभग घसीटते हुए राजीव के पास ले आती है।
पास आकर राजीव से बोलती है तुमने आज का पेपर देखा राजीव बिना नजर उठाए जी मैं पेपर नहीं खरीदता अभी लाइब्रेरी जाऊंगा तो पढ़ लूंगा कुछ खास है क्या?
अवनी एक पेपर को उसके सामने पटक कर कहती है यह क्या है? मैंने तुमसे दूर खड़े होने को कहा था, तो तुम इतनी पास कैसे खड़े हो ??
राजीव कुछ बोलता उसके पहले अवनी ने कहा बढ़ गई तुम्हारी "इज्जत "ऐसा करके तुम्हें क्या मिला? राजीव बोला देखिए आप मुझे गलत समझ रही हैं।
गुस्से से घूरते हुए अवनी ने कहा ज्यादा आप -आप का नाटक मत करो अपनी हद में रहो यह कहकर बिजली की तरह तेजी से पेपर पटक कर आगे बढ़ गई राजीव ने धीरे से पेपर उठाया और उस तस्वीर को देखने लगा एक दो नही अनेक तस्वीरें थी
। अवनी अवनी कहती नीलम पीछे जाती है ।और कहती है ऐसा क्या हो गया यार ??,अवनी अचानक पलटी अवनी का चेहरा गुस्से से लाल हो गया था।
,वह नीलम से कहती है तू तो जानती है, कितनी मुश्किल से मुझे यहां हॉस्टल में रहकर पढ़ने की अनुमति मिली है और मैं यह नहीं चाहती कि किसी वजह से बाबा मुझे वापस घर बुला ले ,और मेरी पढ़ाई बंद करा दे।
कहती हुई वह हॉस्टल की तरफ तेज कदमों से जाने लगी नीलम को कुछ समझ ना आया कि अब वह क्या करें ?वह राजीव के पास वापस आती है राजीव वैसे ही पेपर देखता बैठा था।
नीलम को देखकर अरे आप हां राजीव शायद तुम नहीं जानते की अवनी को बड़ी मुश्किल से शहर आने की अनुमति ठाकुर साहब ने दी है उसकी एक गलती से उसकी पढ़ाई बंद हो जाएगी।
क्या तुम यह चाहोगे ??नहीं -नहीं मैं यह नहीं चाहूंगा लेकिन इसमें मेरी गलती नहीं है। क्या इसमें तो किसी की कोई गलती नहीं है ?
नीरज भैया अचानक ऐसे हटे कि हम संभल ना पाए और तब तक फोटो खींच गई अगर फिर भी आपको मेरी गलती लगती है ।तो मैं माफी मांगने को तैयार हूं।
नीलम निरुत्तर होकर वहां से चली गई राजीव को अवनी की चिंता होने लगी। क्रमशः,,,,,