नव्या सौरभ से कहती है कि हम आपके फॉर्महाउस में रहने आ गए इसका मतलब यह नहीं मिस्टर सिंघानिया की आपके मन में जो आए वह आप बोले ,
सौरभ ने सॉरी बोलते हुए कहा मिसेज सिंघानिया अगर मैंने कुछ गलत बोल दिया हो तो मुझे माफ कर दीजिए, वैसे अभी तक मैंने आपको तलाक नहीं दिया है।
और जब तक तलाक ना दिया जाए तब तक पत्नी पत्नी होती है , ऐसा बोलकर सौरभ आगे बढ़ जाते हैं और सब के बैठने की व्यवस्था देखने लगते हैं ।
नव्या ने देखा नव्या और विहान की फैमिली के अलावा सौरभ के कुछ दोस्त और उनकी फैमिली भी आई हुई थी, नव्या सोचती है सौरभ ने इन सब लोगों को क्यों इनवाइट किया है।
कहीं सौरभ सच में तो नहीं मुंह दिखाई करना चाहते इस व्यक्ति का कोई भरोसा नहीं है कुछ भी कर सकते है,।
तभी नव्याने देखा हाथ में माइक लिए एक छोटी बच्ची स्टेज की तरफ जाती है और अपनी तोतली जुबान में सबका स्वागत करती है, और कहती है अब मैं बुलाने वाली हूं मिस्टर सौरभ सिंघानिया और मैसेज सौरभ सिंघानिया को अब नव्या की सांस एकदम अटक जाती हैं ।
उसके हाथ पांव कांपने लगते हैं, सौरभ नव्या की ओर देखते हुए स्टेज की तरफ बढ़ जाता है विहान की मॉम नव्या से बोली जाओ बेटा तुम भी जाओ नव्या स्टेज की तरफ बढ़ने लगती है।
। थोड़ी देर के लिए उसका दिमाग जैसे संज्ञा शून्य हो गया घबराहट के मारे उसके चेहरे से पसीना निकलने लगता है बस वह किसी तरह कदम बढ़ाए जा रही थी ।
तभी आगे सीढ़ियों के पास सौरभ को खड़े देखकर थोड़ा रुकी सौरभ ने अपना हाथ आगे बढ़ाया पीछे से आवाज आई मिसेज सिंघानिया हाथ आगे करिए,,
नव्या ना चाहते हुए भी सौरभ की ओर अपना हाथ बढ़ा देती है सौरभ नव्या का हाथ पकड़कर उसे स्टेज पर ले आता है सौरभ के सारे दोस्त और उनकी फैमिली तालियों के साथ उनका वेलकम करते हैं ।
सौरभ अपनी जेब से एक अंगूठी निकालकर नव्या की उंगली में पहना देता है, और हाथ पकड़ कर मंच पर रखी कुर्सी पर दोनों लोग बैठ जाते हैं,
सौरभ नव्या की ओर देखते हुए कहता है कैसा लगा मेरा सरप्राइज मैसेज सिंघानिया नव्या गुस्से से कहती है यह कोई तरीका है सौरभ बोला चेहरे पर मुस्कान रखिए क्योंकि आप कैमरे के सामने हैं,??
नव्या ने झूठी मुस्कान चेहरे पर ला कर सौरभ की और गुस्से से देखा थोड़ी देर बैठने के बाद सौरभ के दोस्त उनकी फैमिली नव्या और सौरभ को बुके और गिफ्ट देने के लिए स्टेज पर आ जाते हैं ।
उसके बाद सौरभ उठकर सबको खाने की तरफ ले चलता है सब लोग एक साथ डाइनिंग टेबल पर बैठते हैं ,वेटर खाना सर्व करते रहते हैं।
सौरभ की नजर हनी की ओर जाती है वह हनी का हाथ पकड़कर विहान के पास वाली कुर्सी तक लाते हैं और कहते हैं ,हनी तुम यहां बैठो और उसकी बगल वाली कुर्सी पर नव्या को कहते हैं।
नव्या जी आप यहां बैठिए नव्या के बगल सौरभ खुद बैठ जाते हैं। नव्या सौरभ से कहती है कि अगर यह सब ड्रामा आपका चलता रहा तो मैं फॉर्म हाउस बिल्कुल नहीं आऊंगी सौरभ नव्या से बोला नाराज क्यों होती मिसेज सिंघानिया मुंह दिखाई तो जरूरी थी,।
हां अगर आपको मेरी अंगूठी पसंद नहीं आई हो तो आप अपनी पसंद की भी ले सकती है नव्या गुस्से से अंगूठी उतारने लगती है,
लेकिन अंगूठी उसकी ऊंगली में फंस जाती है नव्या कोशिश करती है, लेकिन वह निकलती नहीं सौरभ यह देखकर कहता है अब यह अंगूठी तब तक नहीं निकलेगी जब तक मैं नहीं चाहूंगा ,,,
नव्यां गुस्से से और तेजी से खींचती है उसको ऐसा करते देख विहान ने कहा क्या हुआ दी अंगूठी छोटी है क्याॽ नव्या ने हंसकर कहा नहीं तो फिर आप इसको उतार क्यों रही हैं ??
नव्या बोली उतार नहीं रही थी बस थोड़ा सीधा कर रही थी , सौरभ ने नव्या की तरफ देखकर कहा बस सीधा ही कर रही थी ,???
नव्यां कुछ नहीं बोलती और चुपचाप खाना खाने लगती है, सौरभ नव्या की ओर देख कर मुस्कुराने लगता है, तभी नव्या को किसी का फोन आता है, वह वहां से उठकर थोड़ा दूर जाकर बात करने लगती है।
और बात करने के थोड़ी देर बाद कहती है, अरे तुम पागल तो नहीं हो गए हो, तुमने कैसे सोच भी लिया कि मैं अपनी ही बहन की शादी के फंक्शन में इतना बड़ा बखेड़ा खड़ा करूंगी तुम भी ऐसा कुछ नहीं करोगे जब तक हनी की शादी नहीं होती हम दोनों में से कोई भी ऐसा कुछ नहीं करेगा।
जिससे किसी को शक हो या फिर हमारा बनता काम बिगड़ जाए नव्या बात कर ही रही थी जैसे ही वह पीछे पलटी पीछे सौरभ खड़े रहते हैं सौरभ को देखते ही नव्या के चेहरे का रंग उड़ जाता है ।
डर के मारे वह घबराकर कहती है, क्या हुआ मिस्टर सिंघानिया सौरभ ने कहा वही तो मैं आपसे पूछना चाह रहा हूं कि मुझे देखते ही अचानक आपको क्या हो गया ??
नव्या ने कहा नहीं तो कुछ तो नहीं सौरभ ने हाथ बढ़ाकर नव्या के माथे पर बहते पसीने को पोछते हुए कहा फिर आपको यह पसीना क्यों आ रहा है, नव्या कुछ बोलती पहले ही सौरभ कहते है, देखा मेरे साथ जब तक आप थी आपके माथे पर कोई शिकन न थी और मुझसे दूर होते ही आपके माथे पर पसीना और यह शिकन इसे हम प्यार नहीं तो और क्या समझे???
नव्या डरी सहमी सी कुछ नहीं बोलती अपने मन में सोचती है कहीं सौरभ जी ने सारी बातें सुन ली होगी तो फिर अपने मन को समझा आती है कि अगर ऐसा हुआ होता तो अब तक सौरभ सिंघानिया अपने असली रूप में जरूर आ जाते ।
और गुस्से से आग बबूला होकर ही बात करते इसका मतलब सौरभ जी को कुछ पता नहीं ,थैंक गॉड, कहकर नव्या जाकर अपनी कुर्सी पर बैठ जाती है सौरभ भी पीछे-पीछे आते हैं ।
फिर अचानक से नव्या की ओर देखते हुए कहते हैं किसका फोन था नव्या बात संभालते हुए बोली मेरी फ्रेंड का उसका फोन था, तो सौरभ ने कहा उसका कौन सा काम बिगड़ गया जो फोन पर कह रही थी।
कि बनता काम बिगड़ जाए दरअसल सौरभ ने लास्ट का यह वर्ड सुन लिया था, नव्या लगातार झूठ पर झूठ बोलकर सौरभ को समझाने की कोशिश कर रही थी जो उसके चेहरे से स्पष्ट हो रहा था लेकिन सौरभ को नहीं दिख रहा था सौरभ को उसकी सारी बातें सच ही लग रही थी वह उसके चेहरे का भाव तो देख रहा था लेकिन समझ नहीं पा रहा था।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए तड़प तेरे प्यार की और हमें समीक्षा करके जरूर बताइए कि हमारी यह कहानी आपको कैसी लगी ।🙏🙏👍 क्रमशः।।।