मीनल नव्या के फोन करने के थोड़ी देर बाद ही कपड़े चेंज करके नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर आती है सब लोग पहले से ही डाइनिंग टेबल पर बैठे रहते हैं
ग्रैनी सभी से मीनल का परिचय कराती है ग्रैनी बताती हैं कि यह सौरभ की secretary मीनल है सौरभ के साथ साए की तरह रहती है ,मुझसे ज्यादा तो सौरभ के बारे में इसे पता है।
मीनल ग्रैनी से कहती है अरे !आज आप मेरी खिंचाई करने के मूड मे है, मुझे ऐसा लग रहा है। ग्रैनी की बात नव्या को अच्छी नहीं लगती वह अपने मन में कहती है "।
"हां जरूर पता होगी मीनल को सौरभ की सारी बात लेकिन मिस मीनल की कोई भी बात मिस्टर सिंघानिया को नहीं पता होगी यही तो अंतर होता है इन अमीरों में और हम मजबूर लड़कियों में फिर सामने देखते हुए नव्या मीनल से कहती है।
बैठ जाओ मीनल ,मीनल जी मैडम कहकर- कुर्सी खींचने लगती है नव्या बोली तुम मुझे नव्या भी कह सकती हो मीनल ने कहा आप मुझसे बड़ी हैं ।
मैं आपको नाम लेकर कैसे बुलाऊं तो निवि ने कहा मेरी तरह नव्या दी कहिए ना , यह सुनकर मीनल बोली हां यह ठीक रहेगा अब आज से मैं भी आपको नव्या दी ही कह कर बुलाऊंगी मीनल मन में सोचती है कि मैं कितनी गलत थी नव्या मैडम तो बहुत ही अच्छे स्वभाव की हैं और उनका परिवार भी बहुत अच्छा है
पैसे वालों की तरह उनके अंदर घमंड बिल्कुल भी नहीं है जबकि उनके पास इतना ज्यादा पैसा है। ग्रैनी मीनल से कहती है अब जब तक यहां पर हनी की शादी है तब तक तुम भी शादी के कार्यों में हमारी मदद करोगी ।
मीनल ने कहा अरे यह भी कोई कहने वाली बात है, हनी तो मेरे लिए मेरी छोटी बहन जैसी है जब मैंने नव्या जी को दीदी कहा है, तो हनी और निवी मेरी छोटी बहन ही तो हुई सब लोग मीनल की बात पर हंस पड़ते हैं ,।
विहान की मांम कहती हैं , पर एक दिक्कत है सब लोग उनकी ओर देखने रखते हैं मीनल कहती है, कैसी दिक्कत आंटी जी तो उन्होंने कहा कि तुम पहले यह डिसाइड करके हमें बताओ कि तुम लड़के वालों की तरफ से हो या फिर लड़की वालों की तरफ से मीनल confused होकर उनकी और देखने लगती है, तभी ग्रैनी ने कहा अरे, भाई यह लड़के वाले हैं मीनल बोली मैं समझी नहीं ग्रैनी आप क्या कहना चाहती हैं, ग्रैनी ने विहान की ओर हाथ दिखाते हुए कहा, यह रहा हमारी हनी का होने वाला दूल्हा और विहान की मॉम की तरफ देखती हुई बोली यह रही उनकी मां और सामने उनके डैडी अब तुम डिसाइड करो कि तुम लड़की वालों की तरफ से इंतजाम करोगी या फिर लड़के वालों की तरफ से इस पर सब लोग मुस्कुराने लगते हैं मीनल ने कहा मेरा पहला परिचय नव्या जी से हुआ था ,इसलिए नव्या जी और उनके परिवार की तरफ से ही मैं सारे इंतजाम देखूंगी नव्या मुस्कुराते हुए ग्रैनी की ओर देखती है, और पूछती है अच्छा अब आप यह बताइए ग्रैनी कि आप किस की ओर से है। ग्रैनी ने कहा अरे भाई मेरा क्या है मैं तो बारात के समय बाराती बन जाऊंगी लड़के वालों की तरफ से और दुल्हन आने पर लड़की वालों की तरफ से जयमाल का इंतजाम करवाऊंगी इस पर विहान की मांम बोली बिल्कुल ठीक कहा आपने ग्रैनी मैं भी यही सोच रही थी कि ग्रैनी इस प्रश्न का क्या उत्तर देती है लेकिन आपने तो मेरा मन ही पढ़ लिया जैसा मैंने सोचा वैसा आप ने उत्तर दिया पता नहीं क्यों आपमें मुझे मेरी मां नजर आती है ग्रैनी ने कहा तो ठीक है ना मैं तुम्हारी मां जैसी ही तो हूं,
अचानक ग्रैनी की नजर घड़ी की ओर जाती है घड़ी देखते हुए ग्रैनी बोली अब तो बहुत समय हो गया लेकिन सौरभ का अभी तक कोई फोन भी नहीं आया जबकि उसे पता है कि उसको लेकर मै कुछ ज्यादा ही फिक्र मंद हू, मीनल कुछ बोलने जा रही थी, कि नव्या ने तुरंत उसकी ओर देखते हुए कहा अरे॥मीनल तुमने तो कुछ लिया ही नहीं चाय के साथ कुछ खाने के लिए भी ले लो मीनल ने कहा हां अभी लेती हूं नव्या दी, फिर नव्या ने बड़ी चालाकी से ग्रैनी का ध्यान अपनी ओर खींचते हुए कहा ग्रैनी मुझे तो लग रहा है कि हम लोगों ने यहां आकर कर आप लोगों को डिस्टर्ब ही किया है। ग्रैनी बोली यह कैसी बहकी बहकी बातें कर रही हो तुम, तुम लोगों के आने से भला मुझे क्या डिस्टर्ब होने लगा बल्कि मुझे तो हर function एवं हर movement को enjoy करने का इससे अच्छा मौका शायद ही कभी मिलता पता जब से मैंने यह सुना है, कि तुम सब लोग फॉर्म हाउस रहने के लिए आने वाले हों सच मानों मैं खुशी से फूली नहीं समा रही हूं,
विहान की मॉम ने कहा कि यह तो आप का बड़प्पन है तभी तो मैंने सोचा कि आज के युग में सौरभ जैसे लड़के कहा मिलते हैं। अब मुझे समझ आया कि यह सब तो आपके दिए संस्कारों का असर है,जो उसे आपसे विरासत में मिले है। ग्रैनी बोली अच्छा अब तो मेरी कुछ ज्यादा ही तारीफ़ नहीं हो रही है, तभी नव्यां की मां बोली आज अभी तक सौरभ जी नहीं आएं इतना सुनते ही नव्या अपना सिर पकड़ लेती हैं और धीरे से बड़बड़ाते हुए कहती है कि अब आप ही पूछने के लिए बकाया थी, चलिए कोई बात नहीं ऊपर देखते हुए कहती है oh God please help me और अपनी मां से कहती है मां आज सौरभ जी को आने में थोड़ा देर होगी क्योंकि उनकी एक मीटिंग है। यह सुनकर मीनल नव्या की ओर देखते हुए कहती है कि आपकी सौरभ जी से बात हुई क्याॽ क्योंकि मीनल को लगता है हो सकता है नव्या जी की बात सौरभ सर से हुई हो इसीलिए वह इतने confidence से कह रही हैं, नव्या ने कहा कि मेरी सौरभ जी से बात नहीं हुई तुमने ही तो बताया था कि सौरभ सर कोई मीटिंग attend करने गए हैं ,मीनल नव्या की ओर देखती है नव्या उसकी ओर आंखों से इशारा करते हुए कुछ ना बोलने के लिए कहती है।
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