सौरभ को नव्या की चिंता थी, उसे तो यही बार-बार लग रहा था कि नव्या के सिर में दर्द था और उसने मुझे बताया भी नहीं, तभी नव्या सौरभ से कहती है आपको तो ऑफिस भी जाना है।
बीच में ऑफिस छोड़कर आपको आना पड़ा आप ऑफिस चलिए मैं यहां थोड़ा काम निपटा कर आती हूं, सौरभ ने कहा नाश्ता करके तब चलते हैं अब नव्या गुस्से से घूरते हुए कहती हैं अब क्या आप ने तो नाश्ता भी कर लिया ना अब जाइए सौरभ धीरे से बोला अरे वाह ।अपना काम निकल गया तो जाइए, नव्या बोली मेरा कौन सा काम मेरा कोई काम नहीं सौरभ ने कहा अच्छा तो मैं जाऊं पक्का चला जाऊं नव्या आंख घूरते हुए बोलती है ,क्या जाने के लिए आपको कोई इनविटेशन कार्ड देना पड़ेगा।
इधर विहान की मॉम डैड और विहान तीनों हनी को देख कर खुश थे जैसी फोटो उन्होंने हनी की देखी थी हनी उससे भी कहीं ज्यादा खूबसूरत थी नव्या की मां को लगने लगा कि लगता है इन लोगों को हनी पसंद आ जाएगी नव्या की मां सोचती हैं कि अगर इन्हें हनी पसंद आ जाती है तो मैं इसी महीने उसके विवाह का मुहूर्त पंडित जी से निकलवा कर उसका विवाह कर दूंगी क्योंकि अगले साल भर तक कोई अच्छी साइत नहीं है।
फिर एक बार रिश्ता टल गया तो क्या पता लड़के वालों का मूड कब बदल जाए कुछ कहा नहीं जा सकता तभी विहान की मॉम ने नव्या की मां से कहा बहन जी आप क्या सोच रही है ।
आप परेशान मत होइए हनी हमें बहुत पसंद हैं, नव्या की मां ने हंसते हुए कहा कुछ नहीं आपको हमारी हनी पसंद आ गई ,इससे बड़ी सौभाग्य की बात है मेरे लिए और क्या हो सकती है।
, विहान कि मॉम बोली आप की बेटियां है ही इतनी सुंदर सुशील यह सुनकर सौरभ नव्या की ओर देखता है और धीरे से कहता है यह सुशील लड़कियों के लक्षण है, कब से बिचारे सीधे-साधे लड़के को घूरे जा रही हैं ,लग रहा है खा जाएंगी और अपना काम जैसे ही खत्म हुआ नाश्ता भी नहीं खत्म करने दिया और बोली अब आप ऑफिस जाइए, जैसे मैं कोई मशीन हूं,
सौरभ की बातें सुनकर नव्या कुछ बोलती उसके पहले सौरभ का फोन आ गया हैलो यस ओके मैं आता हूं, सौरभ उठ खड़ा हुआ विहान की मांम बोली बेटा शाम को जल्दी आ जाना डिनर के पहले थोड़ा तुम्हारा शहर भी घूम लूंगी सौरभ नव्या की तरफ देखने लगता है ,सौरभ के बोलने के पहले नव्या बोलती है जी आंटी यह भी कोई कहने की बात है बिहान कि मॉम बोली सब लोग साथ में घूमेंगे तो मजा आएगा सौरभ हां में सिर हिला कर निकलने लगता है।
नव्या यह सोचते हुए सौरभ के पीछे जाती है,कि मैं इस रईसजादे को समझा तो दू कि मैं इसकी पत्नी नहीं हूं विहान कि फैमिली जब तक है तब तक मैं उसे बस झेल रही हू तभी नव्या उसके पीछे पछे जाती है।
थोड़ा जाने के बाद एकांत गैलरी में सौरभ नव्या को पकड़ कर पूछता है कि अब यह कौन सा ड्रामा चल रहा है ,नव्या अपने आप को छुड़ाते हुए कहती है पहले यह बताओ कि तुम एयरपोर्ट पर क्यों गए थे,
क्योंकि ना तुम एयरपोर्ट जाते न हीं यह सब ड्रामा शुरू होता सौरभ ने नव्या की आंखों में देखते हुए कहता है मिसेज सिंघानिया बाय बाय शाम को आना है ,कि नहीं नव्या गुस्से से कहती है मैं फोन करके बता दूंगी ।
सौरभ नव्या को छोड़ देता है और पलट कर देखता है नव्या खड़ी रहती है सौरभ एक शरारती मुस्कान के साथ नव्या को फ्लाइंग किस देता है और आगे बढ़ जाता है नव्या गुस्से के मारे पैर पटकती हुई अंदर की ओर आती है और बड़बड़ाती है, भगवान मेरी ही क़िस्मत इतनी खराब क्यों ॽ
सौरभ कार के पास तक पहुंचता है तभी उसे अचानक वह बॉक्स याद आ जाता है, जिसमें उसने नव्या के लिए नया फोन खरीदा था ,आते समय वह बॉक्स अपने साथ लेकर आया था।
कार से बॉक्स निकालकर सौरभ फिर नव्या के घर के अंदर जाते है सौरभ को वापस लौट कर आया देख, सब लोग पूछते हैं क्या हुआ कुछ छूट गया क्या?
सौरभ बोला नहीं नव्या जी का यह फोन मेरे पास ही रह गया था नव्या कुछ कहती हूं उसके पहले सौरभ बोला नव्या जी के फोन की एलईडी टूट गई है, इसलिए उनका नया फोन मेरी गाड़ी में ही रह गया था।
लौटाने आया हूं विहान नव्या की तरफ देखने लगता है उसको देखता देख नव्यां सौरभ के पास जाती है उसके हाथ से फोन लेकर अंदर चली जाती है ,सौरभ मन ही मन खुश होता है कि चलो कम से कम इसी बहाने नव्या को नया फोन तो, मिल गया मेरी गलती से उसका फोन टूट गया था नया फोन देकर मैंने उसके फोन की भरपाई कर दी।
ऑफिस पहुंचने पर नीलेश और मिस्टर हर्ष वर्धन सौरभ से बोलते हैं सौरभ जी आपको कहीं जाने से पहले एटलीस्ट हमें इनफॉर्म तो करना था,
देखिए मिसेज सिंघानिया गई तो उन्होंने हम सब को बताया लेकिन आप गए तो आपने हमें बताना भी उचित नहीं समझा प्रोजेक्ट हम सबका है, और हम सब लोगों को मिलकर उसका काम करना पड़ेगा हम सब लोग मिलकर उसका काम करेंगे तो ही वह जल्दी पूरा होगा और अच्छा होगा आप अपनी जिम्मेदारियों से भागते क्यों हैं।
सौरभ ने कहा वह मुझे जरा अर्जेंट काम था। इसलिए मैं चला गया और इतनी जल्दी में था कि आपको बताना भूल गया आई एम सॉरी हर्षवर्धन बोले आगे से ध्यान रखिएगा मिस्टर सिंघानिया आप एक बड़े बिजनेसमैन है और सफल बिजनेसमैन है आपसे ऐसी लापरवाही की उम्मीद नहीं की जा सकती
और सब अपने-अपने काम में लग गए सौरभ ने भी मीनल से फाइल ली और कुछ देखने लगा मिस मीनल सौरभ से पूछना तो बहुत कुछ चाह रही थी किंतु कुछ पूछना पाई बस यही कहा कि सर आप नाश्ता करते करते आधा नाश्ता बीच में छोड़कर चले गए थे जिस कारण ग्रैनी बहुत नाराज हुई ।
उन्होंने फोन करके हमें डांटा भी आपको भी ग्रैनी फोन कर रही थी लेकिन आपका फोन इंगेज आ रहा था ग्रैनी बहुत गुस्से में थी सौरभ ने कहा कोई बात नहीं उन्हें मैं मना लूंगा।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए तड़प तेरे प्यार की,और प्लीज समीक्षा करके हमें यह जरूर बताइए कि आपको यह कहानी🙏🙏🙏 क्रमशः।।।