फार्म हाउस में बिल्कुल उत्सव जैसा माहौल रहता है। सब के साथ ग्रैनी भीआज बहुत खुश रहती हैं, इधर पता नहीं क्यों नव्या का आज पूरा दिन काम में मन ही नहीं लगता बार-बार उसे यह लगता है कि उसने फॉर्म हाउस आकर बहुत बड़ी गलती की है।
,क्योंकि आज उसे सौरभ का, attitude बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता वह अपने मन में सोचती है कि मैंने क्यों मिस्टर सिंघानिया पर फिर से भरोसा किया जबकि मुझे अच्छे से पता है कि यह वही शख्स है जिसने मेरी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी।
जिसके कारण मैं आज भी समाज की और अपनी दोनों की नजरो में गिर गई हूं जब लोगों की भीड़ में कोई मुझसे पूछता है कि आपके पति कौन हैॽ
उस समय मेरी जो स्थिति होती है वह सिर्फ मैं ही जानती हूं मेरी दिल की धड़कनें रुक सी जाती है मेरी सांसे मानो कहीं अटक गई हो और मेरी निगाहें उन लोगों से बचकर कहीं कोने में छुप जाना चाहती हैं।
जहां कोई मुझसे यह प्रश्न ही न करें कि मैंने किसके नाम का सिंदूर और गले में मंगलसूत्र डाल रखा है। जब हर कोई अपने सुहाग पर इठलाता है, ।
तब मैं उसी सुहाग पर आंसू बहाती हूं और फिर उसी आंसू को मिस्टर सिंघानिया से प्रतिशोध लेने के लिए प्रज्वलित करती हूं, आज तक तो इसी इंतजार में मैं जीवित हूं,,,,
वरना वो नव्या तो कब की मर चुकी और जो जीवित है , वह तो केवल एक बदलें की आग में जलती हुई जिन्दा लाश है। फिर अपने मन में कहती है कि मैंने तो इस आदमी पर कोई भरोसा किया ही नहीं बस हनी की शादी तक मुझे अपना काम निकालना है ।
उसके बाद तो मैं जानती ही नहीं यह शख्स है कौनॽ फिर क्यों मेरा मन बार-बार उसकी ओर आकर्षित हुआ जा रहा है ना चाहते हुए भी मैं क्यों बार-बार यह चाह रही हूं कि वह मुझे देखें मेरी फिक्र करें हो सकता है कई दिनों से उसने ऐसा मेरे आस-पास रह कर मेरा यह हाल बना दिया जिसके कारण मैं उससे तरह तरह तरह की उम्मीद पाल बैठी ,,,,
मुझे इन सब भ्रम से बाहर निकलना होगा और अपने प्रतिशोध की अग्नि को कुछ समय के लिए थोड़ा शांत करके अपना काम निकलवाना पड़ेगा,
लंच के समय भी नव्या देखती है मिस्टर सिंघानिया काम में व्यस्त रहते हैं अपने मन में सोचती है कि आज जाने कहां का काम इसने निकाला है दिखा तो ऐसे रहा है जैसे इसको काम से अभी फुर्सत नहीं रोज तो बस खाली बैठने के लिए ऑफिस आते थे।
पर आज पिछले सारे दिनों का भी काम complete करके ही जाएंगे नव्या सोचती मुझे क्या करना है जिसको जो करना है करें दुनिया में बहुत लोग हैं मैं सबकी फिक्र करने लगूं तो फिक्र करती रह जाऊं????
, नव्या उठकर नीलेश के पास जाती हैं और कहती है मिस्टर नीलेश आप की कॉपी मेरे पर उधार थी ना तो चलिए आज मैं आपको कॉफी पिला कर आती हूं नीलेश खुश होकर तुरंत तैयार हो जाता है।
नव्यां नीलेश के साथ बाहर निकलने लगती है , वह जानबूझकर पलटकर सौरभ की ओर देखती है, सौरभ वैसे ही अपने कार्य में तल्लीन रहता है पर पता नहीं क्यों नव्या एक अजीब सा मुंह बनाकर नीलेश के साथ चली जाती है,
कॉफी पीकर नव्या और नीलेश आपस में बात करते हुए ऑफिस आते हैं नव्या देखती है सौरभ अपनी सीट पर नहीं है वह कुछ बोलती नहीं चुपचाप आकर अपनी सीट पर बैठ जाती है ।
फिर उससे रहा नहीं जाता मीनल से पूछती है मिस मीनल आपके सर कहीं गए हैं क्या ॽ मीनल कहती है जी मैडम मुझे कुछ पता नहीं है सर ने मुझे कुछ बताया नहीं काम करते-करते अचानक से किसी का फोन आया और सर चले गए नव्यां यही सोचने लगती है कि सौरभ को इस समय किस ने फोन किया होगा कहीं पुलिस स्टेशन से तो फोन नहीं आया था वरना सौरभ इस तरह का बरताव मेरे साथ क्यों करते हैं।
शाम होने को आई लेकिन सौरभ का कुछ पता नहीं चलता नव्या बातों बातों में नीलेश और हर्षवर्धन से कहती है की अपने ऑफिस में लोग अपने मन से आते हैं और अपने मन से ही चले जाते हैं ।
कोइ किसी को कुछ बताने की जरूरत ही नहीं समझता नव्या के इस तरह से बोलने पर नीलेश और हर्षवर्धन दोनों उसकी ओर देखते हैं निलेश बोलता है कि कहीं आप मुझसे मिस्टर सिंघानिया की बात तो नहीं कर रही है।
नव्या ने कहा इस समय ऑफिस में absent तो मिस्टर सिंघानिया ही है तो जाहिर सी बात है तो उन्हीं की बात होगी इस पर मिस्टर हर्षवर्धन बोले मिसेज सिंघानिया और नीलेश जी मिस्टर सिंघानिया जाने के पहले मुझे बता कर गए थे और परमिशन लेकर गए थे क्योंकि उस समय आप और नीलेश ऑफिस में नहीं थे इस वजह से आप लोगों को पता नहीं है।
नव्या और नीलेश दोनों शर्मिंदगी महसूस करते हैं और आकर अपनी सीट पर नव्या बैठ जाती है उसके बाद अपने मन में कहती है भाड़ में जाए मिस्टर सिंघानिया मुझे अब अपने आप पर concentrate करना है और अपना काम करने लगती है थोड़ी देर बाद मीनल आकर नव्या से पूछती है, मैडम आप फार्म हाउस ही जाएंगी ना नव्या बोली हां क्यों मीनल ने कहा क्योंकि मुझे फार्म हाउस ही जाना है। रोज में सर के साथ चली जाती थी लेकिन आज सर पता नहीं कहां बिना बताए चले गए और उन्हें मैं फोन कर रही हूं लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा है इसलिए मैं आपके साथ फार्महाउस जाने की बात कर रही थी वरना मुझे ऑटो रिक्शा लेकर जाना पड़ेगा नव्या बोली ठीक है तुम मेरे साथ मेरी गाड़ी से चल सकती हो मीनल ने कहा जब मैडम आपको चलना होगा तो आप मुझे बता दीजिएगा नव्या बोली ठीक है यह कहकर नव्यां अपनी कुर्सी पर बैठे बैठे सौरभ का फोन ट्राई करती है, सौरभ का मोबाइल सच में स्विच ऑफ आ रहा था नव्या सोचती है कि आखिर मिस्टर सिंघानिया अपना फोन स्विच ऑफ क्यों करेंगे क्या बात हो सकती है नव्या को तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर आज सुबह से सौरभ को हुआ क्या है। क्योंकि फॉर्म हाउस में सबको invite तो उसी ने किया था मैंने उससे थोड़े कहा था कि सबको फार्महाउस बुलाकर सारे फंक्शन वहीं से करो अब सब आ गए तो जाने क्या हो गया, यह सब सोचकर नव्या थोड़ा परेशान हो जाती है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए "तड़प तेरे प्यार की "और समीक्षा करके हमें जरूर बताइए कि हमारी यह कहानी आपको कैसी लगी प्लीज लाइक भी करिए 🙏🙏👍 क्रमशः