थोड़ी देर के बाद नव्या बेड पर एक तरफ जा कर लेट जाती है सौरभ कपड़े बदलने के बाद अपने बेड पर आ कर लेट जाते हैं।
और नव्या से कहते हैं ,आप सुबह कितने बजे उठती हैं ?नव्या ने पूछा क्यों कोई काम है???, सौरभ ने कहा जी नहीं मुझे कोई काम नहीं है लेकिन अगर आप जल्दी उठाइएगा तो प्लीज मुझे भी उठा दीजिएगा क्योंकि मुझे इस्पेक्टर साहब ने बुलाया है।
मुझे पुलिस स्टेशन जाना है, यह सुनकर नव्या अंजान बन जाती है और पूछती है। आपको पुलिस स्टेशन क्यों बुलाया है???
सौरभ ने कहा दरअसल मैंने नीचे ग्रैनी के सामने यह बताना उचित नहीं समझा लेकिन सच बात तो यह है की मुझे किसी ने किडनैप कर लिया था।
नव्या ने पूछा क्या आप kidnap Ho Gaye थे सौरभ उठकर नव्यां के पास आकर उसके मुंह पर हाथ रखकर कहता है नव्या जी धीरे बोलिए अगर कहीं किसी ने सुन लिया तो, नव्यां बोली I am sorry मुझे तो ध्यान ही नही था कि कोई सुन भी सकता है।
क्या आप जानते हो उस शख्स को सौरभ बोला अगर मैं जानता तो किसी भी कीमत पर मैं उसे नहीं छोड़ता लेकिन मुझे तो पता ही नहीं है कि किसने मुझे किडनैप किया था ???
हां इतना जरूर है कि kidnapping में किसी लड़की का , हांथ जरूर था यह सुनकर नव्या उठ कर बैठ गई और सौरभ की तरफ देखते हुए पूछती है ।
इतने दावे के साथ आप कैसे कह सकते हैं क्या आपने उस लड़की को देखा था सौरभ ने कहा देखा तो नहीं था लेकिन सुना जरूर था कि किसी लड़की की आवाज आ रही थी,
ठीक से अंदर सुनाई नहीं दे रहा था लेकिन वह किसी आदमी की आवाज तो नहीं हो सकती नव्या ने पूछा लेकिन कोई आप को किडनैप क्यों करेगा?
आप को किडनैप करने से उसे क्या में हासिल होगा सौरभ ने कहा मैं एक सफल बिजनेसमैन हूं मेरे 10 दुश्मन हो सकते हैं कोई भी ऐसा काम कर सकता है।
किसी के चेहरे पर यह थोड़ी लिखा रहता है कि वह अपराधी है हो सकता है आप भी हो सकती है इतना बोलते ही नव्या के चेहरे पर घबराहट साफ स्पष्ट नजर आने लगी लेकिन सौरभ को तो नव्या के चेहरे के भाव भी अब अच्छे लगने लगे थे।
,इसलिए उसे समझ ही नहीं आता की नव्या के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही है, सौरभ अपने बिस्तर की ओर जाने के लिए उठता तभी नव्या कहती है मिस्टर सिंघानिया अगर आपको किसी भी तरह की मदद जरूरत की जरूरत होगी तो हमें जरूर बताइएगा।
सौरभ ने हंसकर कहा क्यों तुम गुंडो कि माफिया हो जो तुम्हें बताऊंगा नव्यां ने कहा ठीक है तो मत बताइए आपकी मर्जी मैंने सोचा थोड़ी आपकी मदद कर दू,।
सौरभ ने कहा अरे वाह मेरी मदद करने के लिए इतनी व्याकुल है आप यह बात तो मुझे पता ही नहीं थी वैसे एक मदद अभी भी आप कर सकती हैं।
नव्या ने पूछा क्या सौरभ ने कहा मुझे सुला सकती हैं , क्योंकि मुझे किसी के साथ room share करने की आदत नहीं है इसलिए मुझे नींद नहीं आ रही है
।नव्या गुस्से से सौरभ की ओर देखते हुए कहती है अपनी हद क्रॉस मत करिए मिस्टर सिंघानिया सौरभ ने कहा अब मैंने कौन सी हद cross कर दी जो बात सच है एकदम बता दी आप ही ने तो कहा था कि मदद की जरूरत हो तो बताइएगा अब मुझे जरूरत है।
तभी तो मैं आपको बता भी रहा हूं तो भी अगर आपको मदद नहीं करनी है तो मत करिए लेकिन मुझसे कम से कम यह तो मत कहिए की अपनी limit मे रहिए।
आप ही बताइए मैंने कभी भी आपके साथ कोई भी लिमिट क्रॉस की है बोलिए नव्या कुछ नहीं कहती बस यही कहती है मुझे सोने दीजिए सौरभ ने कहा मैंने सोने के लिए कब मना किया आप ही को तो मदद का भूत सवार था ।
अगर मदद कर नहीं सकती तो कहा भी मत करिए नव्या बोली हाथ जोड़ रही हूं गलती हो गई माफ कर दीजिए और मुझे सोने दीजिए या क्या करना या नहीं नव्यां ने लाइट ऑफ कर दी और अपनी बेड पर चुपचाप लेट कर सोने लगी सुबह-सुबह मोबाइल का अलार्म बजा नव्या की आंख खुल जाती है ।
देखती है घड़ी में 7:00 बज रहे हैं वह सोचती है अगर मैंने सिंघानिया को अभी जगाया तो वह सीधे पुलिस स्टेशन जाएंगे और मैं चाह कर भी अपने आदमी जमानत नहीं करा सकती इसलिए सबसे पहले मैं मिस्टर अशोक या फिर डेविड अंकल से मिलकर उन्हें सारी परिस्थितियां बताती हूं और उन्हीं से कहती हूं कि उस आदमी की जाकर जमानत करा दें, यही सब सोचकर नव्या धीरे से उठती है और अपने बालों को समेट कर एक जूड़ा बना लेती है पैरों में चप्पल पहन कर मोबाइल अपना पर्स में रख के धीरे से कमरे का दरवाजा खोलती है, तभी पीछे से आवाज आती है अकेले अकेले कहां चल दिए नव्या डर जाती है और पीछे पलट कर देखती है सौरभ नव्या के ठीक पीछे खड़े रहते हैं नव्या सौरभ की ओर देखती है सौरव नव्या को अपने पास खींचते हुए कहते हैं यह तो गलत बात है मिसेज सिंघानिया आपने हमें जगाया नहीं और आप चुपचाप यहां से जा रही थी नव्या नहीं मैं जा नहीं रही थी मैं तो नीचे उतर रही थी सौरभ ने कहा आप झूठ बोल रही हैं मुझे भी थोड़ी इंसान की परख है हां मानता हूं आपके बराबर नहीं है लेकिन कुछ तो है नव्या ने सौरभ का हांथ अपनी कमर से छुड़ाते हुए कहा पहले हमें छोड़िए उसके बाद बात करते हैं सौरभ ने कहा लीजिए छोड़ दिया अब बताइए कि आप मुझे बिना जगाए बिना बताए इस तरह से क्यों जा रही थी, नव्या बोली क्यों जा रही थी मतलब मेरी मर्जी सौरभ ने कहा ठीक है जब आपकी मर्जी है तो आप जाइए लेकिन यह बात आपको कल ही बता देनी चाहिए कि सौरभ जी मैंआपको जगाऊंगी नहीं,
इधर नव्या की मां सुबह-सुबह नव्या के कमरे में जाती है नव्या को कमरे में ना पाकर वह सोचती हैं आखिर कहां चली गई यह लड़की तू कुछ भी करती हैं नव्या के मोबाइल पर फोन करती हैं नव्या फोन उठाती है तो पूछती है तुम कहां हो नव्या बोली घर आ कर बताती हूं ।
आगे जाने के लिए पढ़ते रहे तड़प तेरे प्यार की और हमें कमेंट करके जरूर बताएं हमारी यह कहानी आपको कैसी लगी प्लीज लाइक और समीक्षा भी करिए, 🙏🙏👍 क्रमशः।।।