नव्या गुस्से से उठकर खड़ी हो जाती है और कहती है यह किस तरह की हरकतें करते हैं मिस्टर सिंघानिया मुझे तो समझ ही नहीं आता कि आखिर आप चाहते क्या हैं ॽ
सौरभ ने कहा इतनी देर से मैं भी तो यही समझने की कोशिश कर रहा हूं कि आखिर आप परेशान क्यों है। नव्या बोली इसका मतलब यह तो नहीं कि आप मेरे ऑफिस के लोगों के साथ कैसा भी बर्ताव करें ,,,
जिस तरह से आप मुझसे बात कर सकते हैं वैसे ही मिस्टर नीलेश भी मुझसे बात कर सकते हैं फिर मेरी और उनकी बात की बीच में आप क्यों आए ???
सौरभ ने नव्या की ओर देखते हुए कहा आपको नहीं पता मिसेज सिंघानिया मैं क्यों आयाॽ नव्या गुस्से से कहती है हां नहीं पता और हमारे आपके बीच में ऐसा कोई रिश्ता भी नहीं है।
यह बोलकर नव्या उठकर बाहर की ओर जाने लगती है, सौरभ उसके पीछे पीछे जाते है। ऑफिस के और लोग भी नव्या को इस तरह जाते देख सोचने लगते हैं कि आखिर ऐसा क्या मिस्टर सिंघानिया ने कह दिया जो नव्या जी तुरंत उठकर बाहर जाने लगी ।
मिस मीनल को भी सौरभ का व्यवहार थोड़ा अजीब लगा अपने मन में सोचती हैं कि अभी तक तो सौरभ सर नव्या मैडम से थोड़ा बहुत कुछ हंसी मजाक कर दिया करते थे लेकिन अब मुझे लगता है कि यह तो नव्या मैडम के पीछे ही पड़ गए हैं।
नव्या ऑफिस के बाहर निकल आती है सौरभ उसके पीछे नव्या जी प्लीज मेरी बात तो सुनिए आखिर मैंने ऐसा क्या कह दिया जो आप इतना नाराज हो गई?
एक मिनट मेरी बात सुनिए नव्या तो कुछ सुनने को तैयार नहीं थी वह जाकर सीधे अपनी गाड़ी में बैठ जाती है , तभी तेज कदमों से आकर सौरभ गाड़ी का दरवाजा खोलकर नव्या के बगल बैठ जाते हैं नव्या गाड़ी से उतरने की कोशिश करती है सौरभ उसका हाथ पकड़ लेता है और ड्राइवर से कहता है गाड़ी फॉर्म हाउस की तरफ ले चलिए ड्राइवर नव्यां से पूछता है।
मैडम जी कौन सी फॉर्म हाउस जाना है नव्या बोलती उसके पहले सौरभ उसको लोकेशन बताता है और कहता है चलिए नव्या सौरभ से कहती है यह कौन सी बदतमीजी है ।
सौरभ ने कहा इस समय बहुत ज्यादा गुस्से में है अभी आपको कुछ समझ नहीं आ रहा है पहले शांत होकर मेरी बात सुनिए फिर जैसा आप कहेंगी मैं वैसा ही करूंगा।
अगर आप कहेंगी तो मैं आपके आसपास दूर दूर तक नजर नहीं आऊंगा ना आपके घर आऊंगा ना तो फोन करूंगा मेरी बात शांत होकर सुन लीजिए इतना कह कर सौरभ नव्या का हाथ छोड़ देता है ।
नव्या अपना सिर गाड़ी के पीछे टीका कर आंख बंद कर लेती है सौरभ नव्या से कहता है। कि अगर हनी की शादी तक भगवान ने हमको साथ रहने का मौका दिया है ।
।तो शायद हमेशा साथ रहना चाहिए नव्या सौरभ की ओर देखते हुए कहती है यह कैसी बातें कर रहे हैं आप मिस्टर सिंघानिया ??
भगवान ने मौका नहीं दिया है यह हमारी मजबूरी है सौरभ ने कहा चलिए ठीक है, माना आपकी मजबूरी है किंतु अगर हम अपनी मजबूरियों को बोझ की तरह ढोंएंगे वह हमें निराशा और परेशान करने के सिवा कुछ नहीं करेंगे और जब हम उदास निराश और परेशान होंगे तो हम कोई भी काम अच्छे से नहीं कर सकते आप समझ रही है ना कि मैं क्या कहना चाहता हूं।
शादी विवाह वैसे भी उमंग और खुशी की चीज है। उसके लिए व्यक्ति का खुश होना जरूरी है सुबह आज जिस तरह आप उदास होकर परेशान थी ।
क्या उस स्थिति में कैसे हनी की शादी करेंगी और कैसे सारे फंक्शन ऑर्गेनाइज करेंगे आपके चेहरे से ही विहान की फैमिली यह समझ जाएगी कि आपकी और मेरी लाइफ में कुछ तो दिक्कत है जो आपके चेहरे को देख कर कोई भी पढ़ सकता है।
और रही बात फार्म हाउस में रहने की मुझे भी कोई शौक नहीं है कि मैं आपके साथ रहूं आप यही सोच कर परेशान हो रही थी ना कि मैं कैसे इस आदमी के साथ रहूंगी नव्या मन में सोचती है कि मैंने तो यह बात किसी से कहीं ही नहीं तब मेरे मन की बात इसने कैसे पढ़ी क्या यह सच कह रहे है।
चेहरे को देखकर मेरी परेशानी समझी जा सकती है लेकिन अगर ऐसा होता तो मिस्टर निलेश को मैंने जब बताया मेरे सिर में दर्द है तो वह पेन किलर ना ढूंढने लगते इसका मतलब है चेहरे से मैं परेशान तो थी लेकिन कोई मेरा मन नहीं पढ़ सकता फिर कैसे मेरे मन की बात सौरभ जी को पता चल गई, सौरभ ने कहा इस विषय में आप बिल्कुल परेशान मत होइए आप हमारे फॉर्म हाउस में आराम से उसी तरह रह सकती हैं जैसे आप अपने घर में रहती हैं कहिए तो मैं अपने फॉर्म हाउस के बेडरूम का डेकोरेशन वैसे ही करा दूं जैसे आपके बेडरूम का है ताकि आपको फील ही नहीं होगा कि आप अपने बेडरूम में नहीं है जैसा आप कहिए वैसा हो जाएगा नव्या कुछ बोलती नहीं और अपने मन में सोचती है शायद यह कह सही कह रहे हैं क्योंकि मजबूरी तो हमारी है फिर भी पता नहीं कंप्रोमाइज कर रहे हैं या कंप्रोमाइज करने का नाटक कर रहे हैं जो भी हो मुझे रहना तो फॉर्म हाउस में पड़ेगा ही अब तो विहान की मॉम ने भी सारे फंक्शन वहां से करने का मन बना लिया है तो वहीं से करेंगी नव्या तभी कुछ सोचते हुए कहती है कि सौरभ जी आपने ग्रैनी को सारी बातें बताई है कि नहीं वरना विहान की फैमिली के सामने कहीं ऐसा ना हो कि ग्रैनी सब सच सच बता दे सौरभ ने कहा कौन सा सच ग्रैनी जो भी बताएगी वह सच ही तो होगा ज्यादा से ज्यादा यही कहेगी ना हम और तुम हस्बैंड वाइफ है वह तो है ही इसमें झूठ जैसा तो कुछ है ही नहीं तो फिर और कौन सा सच ग्रैनी बताएगी, नव्या ने कहा फिर भी शादी सिचुएशन ग्रैनी को बतानी जरूर चाहिए ताकि कहीं कोई गड़बड़ी ना हो सौरभ ने कहा उसकी चिंता आप मत करिए मैं ग्रैनी को सब समझा दूंगा बस आप अपना मन शांत रखिए और प्लीज उदास मत होइए परेशान मत होइए सब ठीक हो जाएगा कोई हो ना मैं हूं ना मैं सब ठीक कर दूंगा नव्या एकटक सौरभ की ओर देखती रहती है और मन ही मन सोचती है कि क्या यह वही मिस्टर सौरभ सिंघानिया है जिन्हें मैं जानती हूं जिनकी मैं कभी सेक्रेटरी थी या फिर सौरभ सिंघानिया बदल गए हैं।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहें तड़प तेरे प्यार की और समीक्षा करके हमें यह जरूर बताएं कि हमारी कहानी आपको कैसी लगी 👌🙏🙏 क्रमशः।।।