नव्या सीढ़ियों से नीचे उतरने लगती है, तभी सौरभ कहते हैं अरे 2 मिनट रुक जाइए मैं भी तैयार होकर आता हूं नव्या बोली आपको तो पुलिस स्टेशन जाना है।
लेकिन मुझे तो अपने घर जाना है इसलिए मैं जा रही हूं आप बाद में आइएगा यह कहकर नव्या तेज कदमों से आगे बढ़ गई,,,
सौरभ कुछ कहना चाह रहे थे लेकिन कुछ कह न सके नीचे lawn में ग्रैनी बैठी हुई थी जैसे ही ग्रैनी ने नव्या को देखा और पूछने लगी अरे इतनी सुबह-सुबह कहां चल दी नव्या बोली ग्रैनी घर से मां का फोन आया था रात में वह मैं बिना बताए चली आई थी इसलिए वह परेशान थी।
अभी मैं घर जाकर उनको सब situation बताऊंगी ताकि वह भी संतुष्ट हो जाए, यह कह कर नव्यां तेज कदमों से बाहर निकल कर अपनी गाड़ी में बैठ जाती है।
, उसको इतनी तेजी से जल्दी में जाते देख ग्रैनी सोचती है खामखा मैंने आधी रात को नव्या को परेशान किया पता नहीं क्या सोच रही होंगी नव्यां की मां, नव्या अपनी गाड़ी से सीधे डेबिट अंकल के घर जाती है और उन्हें सारी बातें बताती है।
डेविड अंकल बोले कि तुमने किडनैपिंग में ज्यादा जल्दी बाजी दिखाई तुम्हें तो हनी की शादी तक ऐसा कुछ करना ही नहीं था नव्या बोली मैंने उन लोगों से यह सब बातें कही थी ।
लेकिन पैसों के लालच में उन लोगों ने मिस्टर सिंघानिया को पहले ही किडनैप कर लिया डेविड अंकल बोले अब उन सब आदमियों को यहां से कहीं दूर भेजना पड़ेगा वरना सौरभ सर उन लोगों को कहीं ना कहीं ढूंढ कर सजा जरूर देंगे, नव्या ने कहा अंकल अब मैं आपके भरोसे ही हूं, मिस्टर डेविड बोले ठीक है अब तुम घर जाओ मैं सारा इंतजाम करता हूं नव्या ने कहा अंकल पहले पुलिस ने जिस आदमी को पकड़ा है उसे रिहा करवाइए नहीं कहीं ऐसा ना हो कि मार के डर से वह सब कुछ बोल दे वैसे इस समय सौरभ सर भी पुलिस स्टेशन गए हुए हैं क्योंकि उनको कंप्लेन लिखानी थी, डेविड अंकल के घर से निकलकर नव्या सीधे अपने घर जाती है। तो नव्या की मां और विहान की मॉम ड्राइंग रूम में ही बैठी रहती हैं नव्या को देखते ही नव्या की मां ने पूछा कहां थी सुबह से नव्या ने कहा सुबह से नहीं रात में ही मैं चली गई थी सब लोग आश्चर्य से नव्या की ओर देखते हैं। नव्या की मां बोली चली गई थी मतलब कहां चली गई थी नव्या ने कहां की फार्महाउस से ग्रैनी का फोन आया था तो मैं रात में ही उनके पास चली गई थी विहान की मॉम बोली सब ठीक तो है रात में ग्रैनी ने किस लिए फोन किया था नव्या ने सारी बात उनको बताई और फिर ऊपर अपने कमरे में चली जाती है। इधर सौरभ पुलिस स्टेशन पहुंच कर अपनी complain लिखवाते हैं ।तभी कमिश्नर साहब अंदर आते हैं और सौरभ से हाथ मिलाते हुए कहते हैं मिस्टर सिंघानिया मैं माफी चाहता हूं कि मैं आपकी मदद नहीं कर सका सौरभ बोले कोई बात नहीं, साहब ने कहा ठीक है अगर आप कहें तो आप को किडनैप करने वालों को मैं 24 घंटे के अंदर ढूंढ कर आपके सामने खड़ा कर दूं। यह सुनकर सौरभ ने कहा , जी बिल्कुल करिए और सजा देने के पहले एक बार मुझे inform जरूर करिएगा क्योंकि मैं जानना चाहता हूं कि उस व्यक्ति ने ऐसा क्यों किया किसी मजबूरी के चलते या फिर किसी के कहने पर पैसों के कारण किया सौरभ कमिश्नर साहब से हाथ मिला कर रात में पकड़े गए उस कैदी के पास जाते हैं। जो अभी भी लॉकअप में बंद था। सौरभ को देखते ही वह कैदी अपना मुंह छुपाने लगता है, तो सौरभ कहते हैं मुझसे डरो मत घबराओ मत मैं तुम्हें कुछ नहीं करूंगा बस तुम मुझे इतना बता दो कि किसके कहने पर तुमने यह kidnapping की योजना बनाई और इससे तुम्हें क्या फायदा होने वाला था।
सौरभ सामने उस आदमी से बार बार पूछते रहे लेकिन वह कुछ नहीं बोला सौरभ पुलिस स्टेशन से बाहर निकल आते हैं तभी मिस्टर डेविड एक आदमी के साथ पुलिस स्टेशन आते हैं सौरभ और उस आदमी का नाम बताते हुए कमिश्नर साहब से कहते हैं यह हमारा वकील है और सारे कागजात जिन्होंने पूरे कर लिए हैं आप चाहे तो चेक कर लीजिए और हमारे आदमी को छोड़ दीजिए ispector Sahab ने कड़क आवाज में कहा आपका आदमी कौन ,
नव्या जल्दी-जल्दी तैयार होकर नीचे आती है और मां से कहती मां मैं ऑफिस के लिए निकल रही हूं मां कहती है आज तो तुमने कुछ नहीं खाया नव्या ने कहा टिफिन दे दीजिए और टिफिन लेकर वह ऑफिस के लिए निकल पड़ती है उधर सौरभ भी पुलिस स्टेशन से सीधा ऑफिस आते हैं जैसे ही नव्या की कार खड़ी होती है नव्या उतरकर अन्दर की ओर जाने लगती है तभी पीछे से सौरभ नव्या को आवाज देते हैं, नव्या जानबूझकर अनसुना करके आगे बढ़ जाती है सौरभ अपने मन में सोचता है मै इतनी तेज तो बोला फिर नव्या को सुनाई कैसे नहीं दिया, नव्या तो जाने किन विचारों मे खोई हुई सी चली आ रही थी, तभी सौरभ तेजी से आकर पीछे से नव्या के कंधे पर हाथ रखते हुए कहते हैं किन ख्यालों में डूबी हो नव्या घबरा को उनकी ओर देखने लगती है और पूछती है। क्या हुआ पुलिस स्टेशन में सौरभ ने कहा सब कुछ ठीक है लेकिन आगे के लिए कुछ ठीक नहीं है मतलब ,मेरा मतलब आप मुझे अकेले छोड़कर चली आई तो कैसे सब ठीक हो सकता है।
यह सुनकर नव्या ने कहा excuse me थोड़ा सौरभ को बगल हटाते हुए जाकर अपनी सीट पर बैठ जाती है। सौरभ भी अंदर आकर अपना काम शुरू कर देते हैं। लेकिन नव्या के मन में अभी भी बेचैनी बनी हुई थी कि अगर कहीं गलती से भी डेविड अंकल उस आदमी को छुड़ाना भूल गए तो, अपने मन को तसल्ली देते हुए कहती है, अरे नहीं ऐसा नहीं हो सकता आज तक देवी टेंपल हमने जो भी काम करने को दिया है वह हमेशा सही समय पर और perfect ही होता है। ऐसा मन में सोचते हुए नव्या फाइलों के पेज को पलट ती रहती है उसे ऐसा करते देख सौरव अपने मन में सोचते हैं कि जाने क्या कारण है नव्या जी आज सुबह से ही कुछ उखड़ी उखड़ी है।
जानने के लिए पढ़ते रहिए तड़प तेरे प्यार की और हमें समीक्षा करके जरूर बताइए कि हमारी यह कहानी आपको कैसी लगी प्लीज लाइक भी करिए 🙏🙏👍 क्रमशः।।।