लंच खत्म होने के बाद सौरभ बाहर से वापस आ जाता है। सौरभ का पता नहीं क्यों खाना खाने का बिल्कुल मन नहीं हुआ,
उसके वापस आते ही उसकी सेक्रेटरी मीनल पूछती है, सर आज आपने लंच नहीं किया बाहर कुछ खाने गए थे क्या? ऐसे बेतुके सवाल पर सौरभ लगभग खींझ जाता है।
और कहता है, हां हवा खाने गए थे, चलेंगी आप भी मीनल जी, एक बार सभी की निगाहें मीनल के चेहरे की ओर देखती हैं, मीनल फिर नजर नीचे करके काम में लग जाती है।
क्योंकि सब उसी की ओर देखने लगे नव्या मन में सोचती है, ठीक से तो इस रहीस जादे को बोलना आता ही नहीं, और अपने काम में लग जाती है।
सौरभ के दिमाग में बस एक ही बात घूम रही थी कि किस से यह पता चलेगा कि नव्या का पति मैं ही हूं फिर अचानक उसे अपने यहां वाले मैनेजर मिस्टर डेविड का ध्यान आया उसने तुरंत डेविड को फोन लगाया और कहा मैनेजर साहब शाम को आप हमारे फॉर्म हाउस पर आइए कुछ बात करनी है आपस यह सुनकर डेविड एकदम पसीना पसीना हो गया क्योंकि उसे लगा अशोक ने उसके बारे में कहीं सौरभ को कुछ बता तो नहीं दिया ।
आज तो पक्का उसकी पोल खुल जाएगी, नहीं तो अचानक से सौरभ सर मुझे अपने फॉर्म हाउस पर क्यों बुलाते कोई ऐसी बात होती तो फोन पर ही बता देते उसके दिल की धड़कनें काफी तेज हो जाती हैंl
उसको कुछ समझ नहीं आता तब डेविड ने नव्या को फोन मिलाया नव्या बिजी होने के कारण देखती तो है डेविड अंकल का फोन है पर सोचती है घर पहुंचकर आराम से बात करूंगी डेविड अंकल से और फोन नहीं उठाती, डेविड परेशान होते हैं,।
फोन ना उठाने के कारण वह अपनी बातों को किसी से शेयर भी नहीं कर पा रहे थे इसी कारण वह भी परेशान हो रहे थे। इधर शाम को 5:00 बज रहे थे, ऑफिस में लगभग सभी अपना आज का काम समाप्त करने वाले थे ,किंतु सौरभ का काफी काम अभी बचा हुआ थाl सौरभ फाइल देखता रहता है।
किंतु उसकी नजर फाइलों पर नहीं नव्या के चेहरे पर ही रहती है तभी मिस्टर नीलेश अपना काम खत्म कर नव्या के पास आ बैठते हैं, और कहते हैं स्वीटहार्ट कुछ काम हमें भी बता दीजिए नीलेश का इस तरह बोलना सौरभ को जरा भी पसंद नहीं आता वह उठकर निलेश के पास आता है ।और कहता है नीलेश जी अगर आपको काम करने का इतना ही शौक है तो हमें बताना चाहिए हम आपको इतना काम देंगे इतना काम देंगे कि आप करते करते थक जाए लेकिन काम ना खत्म हो ।
निलेश बोला अरे यार !क्या दिक्कत है आपको जब मैं और नव्या आपस में बात करते हैंl तब आप जरूर आ जाते हैं, सौरभ गुस्से से उसकी ओर देखता है।
तभी नव्या कहती है नीलेश जी कुछ लोगों को दूसरों की लाइफ में इंटरफेयर करने की आदत होती है, वैसे मेरा काम आज खत्म हो गया है अगर होता तो मैं जरूर बताती है, इतना कहकर नव्या कहती है अब चले नीलेश जी नव्या की इस हरकत पर सौरभ का गुस्सा और तेज हो जाता है,
लेकिन अपने गुस्से को काबू में रख कर वह चुपचाप आकर अपने कुर्सी पर बैठ जाता है। मीनल यह सब चुपचाप देखती रहती है, उसे समझ ही नहीं आता कि सौरभ सर नव्या मैंडम को इतना बर्दाश्त क्यों करते हैं, सर अगर चाहे तो इनके पास एक से एक सुंदर और रईस लड़कियों की लाइन लग सकती हैं। तभी नीलेश और नव्या उठकर बाहर की तरफ जाने लगते हैं सौरभ उनको जाता हुआ देखता रहता है नव्या अपनी कार के पास आती है तो नीलेश कहते हैं नव्या जी मेरे साथ चलिए मैं आपको छोड़ देता हूं इसी बहाने आपका घर भी देख लूंगा नव्या बोली सॉरी नीलेश जी फिर कभी आज मुझे बाजार में थोड़ा काम है मैं डायरेक्ट घर नहीं जाऊंगी ऑफिस के गेट के पास सौरभ खड़ा उन दोनों की बातें सुनता रहता है उसे नीलेश से ज्यादा गुस्सा नव्या पर आता है जो हमेशा उस की तरफदारी करती रहती है निलेश और नव्या के चले जाने के बाद सौरभ भी जाने लगता है तभी उसकी सेक्रेटरी मीनल कहती है सर मुझे चलना है कि काम खत्म करना है सौरभ कहता है, मीनल जी आप काम खत्म करके तब आइए मुझे थोड़ा काम है किसी से मिलना है इसलिए मैं निकलता हूं कह कर सौरभ गाड़ी में बैठ जाता है। मीनल सोचती है सारा काम तो मुझे ही करना रहता है सर तो जबरदस्ती आते हैं, और फिर अपने काम में लग जाती है, घर पहुंच कर सौरभ जैसे ही कपड़े बदल कर फ्रेश होकर नीचे आते हैं ग्रैनी कहती हैं सौरभ आज तुमने खाना नहीं खाया सौरभ मन में सोचता है अब ग्रैनी को यह कैसे पता चल गया मैंने खाना नहीं खाया जरूर मीनल ने इनसे मेरी शिकायत की होगी सौरभ बोला ग्रैनी आज पता नहीं क्यों खाना खाने का मन ही नहीं किया ग्रैनी बोली बेटा मैं देख रही हूं नव्या को लेकर तुम कुछ ज्यादा ही सीरियस हो रहे हो, सौरभ बोला नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, ग्रैनी कहती है तो फिर तुमने खाना क्यों नहीं खाया आगे से ऐसा मत करना सौरभ बोला अब नाश्ता तो करा दीजिए बहुत तेज भूख लगी है, ग्रैनी बोली वहाँ तेरी भूख प्यास सब मर जाती है, सौरभ मुस्कुरा देता है, और दोनों नाश्ता करने लगते हैं, तभी सौरभ की नजर घड़ी पर जाती है वह ग्रैनी से कहता है ग्रैनी 7:00 बजे मैंने मिस्टर डेविड को बुलाया है ग्रैनी बोली कौन मिस्टर डेविड पहले जो वहां हमारे मैनेजर थे बाद में पता नहीं क्यों उन्होंने बंगलुरु ट्रांसफर ले लिया था अभी यहीं पर मैनेजर है ग्रैनी बोली ठीक है मैं थोड़ा आराम करने जाती हूं तभी नौकर आकर कहता है साहब कोई मिस्टर डेविड आपसे मिलने आए हैं सौरभ बोला उनको ड्राइंग रूम में बैठा हूं मैं आता हूं, मिस्टर डेविड बार-बार अपना पसीना पोछते ड्राइंग रूम में चुपचाप खड़े थे, सौरभ ड्राइंग रूम में आया और मिस्टर डेविड को खड़े देखकर बोला अरे आप खड़े क्यों हैॽ आइए प्लीज बैठिए, मिस्टर डेविड आए और सामने के सोफे पर बैठ गए सौरभ थोड़ी देर इधर-उधर ऑफिस की बातें करता रहा फिर उसके बाद सौरभ ने पूछा मिस्टर डेविड एक बात आपसे पूछनी थी इतना सुनते ही मिस्टर डेविड के तो चेहरे की हवाइयां उड़ने लगी सौरभ ने कहा क्या हुआ आपकी तबीयत ठीक है मिस्टर डेविड हकलाते हुए बोले, जी सर बिल्कुल ठीक है, तो मिस्टर डेविड आप नव्या सौरभ सिंघानिया को कैसे जानते हैं? डेविड को लगा जिसका डर था वही हुआ आखिर सौरभ सर ने मुझसे पूछ ही लिया कि मैं नव्या को कैसे जानता हूं, सौरभ बोले आप चुप क्यों हैंॽ मिस्टर डेविड हंसते हुए बोले सर मैं क्या आप भी नव्या को जानते हैं जब हम लोग हैदराबाद में थे उस समय नव्या आपकी सेक्रेटरी थी शायद आप भूल गए सौरभ ने कहा भूला नहीं हूं मुझे याद है लेकिन मैं यह पूछना चाहता हूं कि आपका और उसका रिश्ता क्या है, सर मेरा उसका रिश्ता ॽ सर ऑफिस में रहने के कारण जान पहचान थी मेरी उसकी ऐसा कोई खास रिश्ता तो नहीं है। तो फिर मीटिंग में डायरेक्टर ने आपको नव्या का अंकल कैसे कहा जी हां सर नव्या वही हैदराबाद से मुझे अंकल अंकल कहती थी यहां आने के बाद अनजाने शहर में उसका कोई परिचित नहीं था इसलिए वह कभी कभार मेरे घर आ जाया करती थी और मुझे अंकल ही कहती है इसी कारण डायरेक्टर ने आपसे कहा होगा मिस्टर डेविड थोड़ा पर्सनल क्वेश्चन है लेकिन क्या आप बता सकते हैं नव्या के हस्बैंड कौन है ॽ इस पर डेविड अपने मन में सोचता है कि (सौरभ सर को लगता है अपनी गलती का एहसास ही नहीं है तभी तो सब कुछ जाने के बावजूद वह इस बात से कैसे अनजान है कि नव्या के हस्बैंड तो वह खुद है मेरा यह बताना उचित नहीं होगा उनको खुद से समझ में आना चाहिए या फिर नव्या उन्हें बताएं मैं बता दे कहीं नव्या के लिए परेशानी ना पैदा कर दो इसलिए मैं चुप ही रहता हूं) और डेविड बोला सर इसके बारे में मुझे कुछ जानकारी नहीं है अच्छा यह बताइए नव्यां का पर्सनल सेकेट्री लिए जब हुआ था तो उस समय मैनेजर तो आप ही थे इतनी लड़कियों में मुझे आज भी याद है ढाई हजार लड़कियों में आपने नव्या को ही क्यों चुना था। यह प्रश्न सुनकर डेविड ने सोचा सर कहीं मुझसे घुमा फिरा कर मैंने जो नव्या की मदद की है उस विषय में कुछ पूछना तो नहीं चाह रहे हैं फिर सोचता है इससे नव्या के सेक्रेटरी बनने से क्या लेना देना और कहता है जिस दिन इंटरव्यू था उस दिन बहुत लड़कियों ने अप्लाई किया था ज्यादातर तो नव्या से वेल क्वालिफाइड किंतु सभी लड़कियों में एक दुबली पतली सलवार सूट पहने डरी हुई कोने बैठी लड़की पर मेरी नजर जाती ही है। मैं अपने केबिन में बैठा था अचानक मेरे सीने में बहुत तेज का दर्द उठा इतना दर्द कि मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था और अपनी कुर्सी को पकड़कर अपने दरवाजे को ढकेलते हुए मैं जैसे ही बाहर आया वैसे ही बेहोश हो गया बहुत सारी लड़कियों की भीड़ में एक यही लड़की दौड़ कर आई और मुझे चपरासी की मदद से उठाकर हॉस्पिटल ले गई उसने यह नहीं ध्यान दिया कि उसका इंटरव्यू छूट जाएगा उसने इंसानियत को प्राथमिकता दी जिस कारण वह लड़की मुझे आपकी सेक्रेटरी लिए एकदम सही लगी हॉस्पिटल से आने के बाद मैंने सेक्रेटरी के लिए नव्या को बुलाया और उसके बारे में जानना चाहा तो मुझे पता चला अभी कुछ दिन पहले ही उसके पिता की मृत्यु हो गई उसके परिवार में कमाने वाला कोई नहीं था , सब भाई बहनों में बड़ी होने के कारण उसने नौकरी करने का फैसला किया किंतु उसके पास ना तो इतनी क्वालिफिकेशन थी ना ही कोई सिफारिश किंतु मुझे यह लड़की आपकी सेक्रेटरी के लिए बिल्कुल ठीक लगी इसलिए मैंने सारे अपॉइंटमेंट कैंसिल करके नव्या को सिलेक्ट किया। 🙏🙏
क्रमशः