सौरभ मीटिंग में अपनी सारी बातें रखता है। सभी उसकी बातों का समर्थन करते हैं ।सिवाय नव्या के तभी मीटिंग के चेयर -पर्सन नव्या की ओर उन्मुख होकर कहते हैं।
की मैडम आपने कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की, क्या आप सौरभ सिंघानिया की सारी बातों से सहमत हैं ।नव्या को ऐसा लगा मानो किसी ने उसे नींद से जगा दिया हो,
और अचानक कुछ कह पाती उसके पहले सभी लोग कहने लगे मैडम सहमत ही होंगी, तभी तो इन्होंने कोई क्रॉस क्वेश्चन नहीं किया क्योंकि नव्या मीटिंग की कोई बात सुनी ही नहीं पाई थी।
इसलिए वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाई उसने चुपचाप एक नजर सब की ओर डाला बस सौरभ सिंघानिया को छोड़कर सौरभ की नजर तो नव्या के ऊपर से हट ही नहीं रही थी ।
वह अपने मन ही मन कह रहा था (प्लीज नव्या एक बार इधर देखो) किंतु इन सबसे बेखबर नव्या के दिमाग में तो कुछ और ही चल रहा था।
क्योंकि आज सुबह ही नव्या उठकर कहीं चली जाती है । नौकर उसके कमरे में चाय लेकर जाता है दो- तीन आवाज देने पर जब दरवाजा नहीं खुलता, तो वह मैडम- मैडम बुलाता है ,
फिर कोई आवाज नहीं आने पर वह नीचे मांजी मांजी करता, नव्या की मां के पास आता है। और कहता है। मांजी मैडम को दो-तीन आवाज दी दरवाजा भी खटखटाया लेकिन मैडम ना तो बोली ना उन्होंने दरवाजा खोला, आप चल कर देखिए कहीं बीमार तो नहीं हो गई, ???
मां उठी और तेज कदमों से ऊपर नव्या के कमरे की ओर आती हैं। दरवाजा अंदर से बंद ना था , धक्का देते ही खुल गया ऐसा ना था कि नौकर दरवाजा खोल नहीं सकता था ,लेकिन नव्या ने सख्त हिदायत दे रखी थी कि मेरे कमरे में कोई भी नौकर बिना मेरी अनुमति कि नहीं आएगा,
तभी नीचे किसी गाड़ी के आने की आवाज आती है। मां कहती इतनी सुबह कौन आया होगा? तभी कार का दरवाजा खोल कर नव्या बाहर निकलती है ।उसके साथ मिस्टर अशोक भी हैं !
दोनों ड्राइंग रूम में आते हैं नव्या कहती हैं अशोक जी हमारे होटल वाले प्रोजेक्ट का क्या हुआ, अशोक बोला मैडम कुछ दिन की बात है उसके बाद मैं मैनेज कर लूंगा वहां मिस्टर सिंघानिया रहने के लिए आ गए हैं।
नव्या बोली यह सब मैं कुछ नहीं जानती मेरी आपसे डील हो चुकी है अब आप उससे पीछे नहीं हट सकते अशोक कहते हैं, मैडम मुझे याद है।
लेकिन सौरभ सर जब तक है। तब तक कुछ नहीं हो सकता, यह सब मैं कुछ नहीं जानती क्ह कर बाहर निकलती है , तभी मां ड्राइंग रूम में आती हैं ।
मिस्टर अशोक उठकर उनका अभिवादन करते हैं। और मां को प्रणाम करके बैठ जाते हैं। नव्या की तरफ देखते हुए कहते हैं मैडम जल्दी ही मिलेंगे नव्या कहती है , जी ठीक है।
तभी मां आकर पूछती है ,सुबह-सुबह कहां चली गई थी मैं परेशान हो रही थी, कुछ नहीं मां मिस्टर अशोक ने मुझे मिलने के लिए बुलायाथा।
मिस्टर अशोक वही है, जिन्होंने बिजनेस के कई पायदान पर मेरी मदद की जिससे मैं सफलता की मंजिल छू सकी, मां कहती है पता नहीं क्यों यह आदमी मुझे थोड़ा ठीक नहीं लगता, क्यों मां ै,???
तुमने क्या इसमें ऐसा क्या देखा तुम्हें यह अच्छा नहीं लगता मां बोली बेटी संभल कर रहना समय और समाज बहुत खराब है ।नव्या कुछ बोलती नहीं और उठ कर अपने कमरे में ऊपर चली जाती है।
कुछ देर बाद नव्या नीचे डाइनिंग टेबल पर मां और बहनों के साथ खाना खाती है। तभी निवि और हनी कहती हैं ,बहुत दिन हो गए दीदी हम लोग एक साथ कहीं घूमने नहीं गए ,
नव्या बोली अभी मैं थोड़ा व्यस्त हूं जब खाली होउंगी तो तुम लोग को लेकर चलती हूं ,हनी ने कहा दीदी हर बार आप ऐसा ही कहती हैं ।
नव्या बोली इस बार पक्का ले चलूंगी क्या करूं मैं भी चाहती हूं तुम लोगों को लेकर घूमने जाना , किंतु इतना काम है, कि समय मिल ही नहीं पाता तभी नव्या का फोन बजा नव्या खाना छोड़ कर उठने लगती है।
तभी मां बोलती हैं बेटी खाना छोड़ कर नहीं उठते खाना खा लो तब फोन देखो नव्या बोली नहीं मां इंपॉर्टेंट फोन ही होगा और हाथ धुल कर फोन उठाकर बात करने लगती है ।
उसके सेक्रेटरी अमन वर्मा का फोन था, वह नव्या को बताते हैं। आज शाम को 4:00 बजे जिस टीम के साथ आपकी डील हुई है ।
उसके साथ आप प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर सकती हैं उसके लिए आप अपने ऑफिस आ जाइएगा , नव्या बोली मैं समय पर आ जाऊंगी लेकिन आप समय पर पहुंच जाइएगा लेट मत होइएगा।
क्योंकि सारी फाइलें और प्रोजेक्ट ड्राइंग आप ही के पास है अमन बोला जी मैडम नव्या फोन रख कर जाने को होती है तभी मां कहती हैं पहले आओ पूरा खाना खत्म करो तब जाओ नव्या बोली बस मां बहुत पेट भर गया ।
लेकिन मां ने एक नहीं सुनी हाथ पकड़ कर नव्या को बैठाया फिर कुछ नाराज होती हुई कहती हैं ,सारा दिन बस काम काम काम थोड़ा तो अपनी सेहत का ध्यान रख ,,,
नव्या चुपचाप खाना खाने लगती है। खाना खाने के बाद अपने कमरे में आराम करने चली जाती है जैसे ही नव्या लेटती है, वैसे ही अचानक फिर उसका फोन बज उठता है।
नव्या सोचती है ,ओफ्फो हो इस समय किसने फोन किया आराम करना भी मुश्किल कर दिया और फोन उठाती है हेलो उधर से कोई आवाज नहीं आती ,,,,
सौरभ नव्या की आवाज सुनता रहता है ।नव्या फिर बोलती हेलो कौन बोल रहा है, सौरभ कान लगाए सुनता है ।और अपने सीने को पकड़कर उसकी धड़कनों कि तेज आवाज को अपने हाथों से महसूस करता है,
और एक मुस्कुराहट उसके चेहरे पर आ जाती है फिर मन में कहता है ।(आइए मिसेज सिंघानिया आपके ही ऑफिस में आपका स्वागत है)।
नव्या फोन कट कर देती है और सोने की कोशिश करती है किंतु नींद उसको नहीं आती थोड़ी देर बाद उसकी नजर घड़ी पर जाती है उठ कर तैयार होने लगती है ।
ड्राइवर को मीटिंग के लिए बुलाती है। तैयार होकर वह गाड़ी के हार्न की आवाज सुनकर नीचे आती है ड्राइवर अपने टाइम पर नीचे आ जाता है नव्या भी मां को बता कर कार में जा बैठती है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए तड़प तेरे प्यार की 🙏 क्रमशः