शाम को नव्या अकेले ही आफिस से घर वापस आती है। उसको अकेले आया देखकर नव्या की मां ने पूछा आज सौरभ तुम्हारे साथ नहीं आये,
नव्या ने कहा,, दरअसल सौरभ की कहीं मीटिंग थी या फिर उसने जानबूझकर मेरे साथ ना आने का कोई बहाना बनाया ताकि मैं उससे आने के लिए request कर सकूं ।
लेकिन वह आए चाहे ना आए मैं उसके पैर छूने नहीं जा रही हूं, नव्या की मां बोली मजबूरी तो हमारी है ,जब तक हनी की शादी नहीं होती तब तक तो सौरभ को तुम्हें लेकर चलना ही पड़ेगा,।
नव्या बोली मैं कहां मना कर रही हूं लेकिन उस के "नखरे" बहुत ज्यादा है जो मुझसे बर्दाश्त नहीं होते जब से उसे यह पता चला है कि हम लोग मजबूरी में उसे इस घर का जमाई मान रहे हैं।
तब से उसके नखरे बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं, बस एक बार हनी की शादी हो जाए तो मैं इस नक्शेबाज के सारे नखरे ऐसे उतारूंगी कि उसने कभी कल्पना भी नहीं की होगी,,,,,
तभी विहान कि मॉम आती हैं और पूछती हैं किसने क्या कल्पना नहीं की होगी?? नव्या बात बदलते हुए कहती है अरे कुछ नहीं हमारे एक employee है उन्हीं के विषय में बात कर रहे हैं,।
विहान की मॉम ने कहा क्या हम कल फार्म हाउस शिफ्ट हो सकते हैं? नव्या ने कहा अगर आप कल शिफ्ट होना चाहती हैं तो हो सकती हैं, ।
मैं सौरभ जी से बात करके आपको बता देती हूं विहान की मां ने कहा सौरभ जी से बात करके मतलब सौरभ तो कब से पीछे पड़ा है कि हम लोग फॉर्महाउस आ कर रहे वह तो हम लोग ही नहीं जा रहे हैं, नव्या बोली ठीक है फिर सब लोग पैकिंग कर ले ताकि कल ऑफिस से आने के बाद शाम में हम सब लोग फॉर्म हाउस शिफ्ट हो जाए क्योंकि अभी बहुत सारी तैयारियां भी तो करनी है विहान की मॉम ने कहा कुछ दिनों के बाद से ही हमारे मेहमानों का आना भी शुरू हो जाएगा कुछ दिन पहले से हम लोग अगर फॉर्म हाउस में शिफ्ट नहीं होंगे तो फिर उनका स्वागत सत्कार कौन करेगा,
इधर सौरभ मीटिंग अटेंड करने के बाद सोचता है , की शायद मुझे नव्या जी को ऐसे मना नहीं करना चाहिए था अब वह पता नहीं क्या सोच रही होंगी मेरे बारे में ??हो सकता है मेरी बात उन्हें बुरी भी लगी हो मुझे नव्या जी के घर जाना चाहिए और अपनी इस हरकत के लिए उनसे माफी मांगनी चाहिए।
फिर सौरभ को लगता है कि कहीं ऐसा ना हो कल की तरह ग्रैनी यह सोच ले कि मैं फिर कहां गायब हो गया इसलिए सीधी मुझे ग्रैनी के पास फॉर्म हाउस जाना चाहिए ताकि उसे भी तसल्ली हो जाए कि मैं सही सलामत ठीक-ठाक हूं।
, तभी मिस मीनल सौरभ से पूछती हैं सर अब घर चले सौरभ ने कहा मीनल आप चलिए मैं कुछ देर बाद घर आता हूं और हां ग्रैनी को बता दीजिएगा कि मुझे आने में थोड़ा देर होगी इसलिए ग्रैनी खाना खा कर आराम करेगी , मेरा इंतजार नहीं करेंगी।
फिर पता नहीं क्यों उसका मन नव्या के घर की ओर जाने का करने लगता है ड्राइवर से सौरभ कहता है गाड़ी नव्यां जी के घर में ले चलिए कुछ देर बाद सौरभ नव्या के घर पहुंच जाता है।
सौरभ घर के अंदर जाता है। थोड़ी देर के बाद नीचे कई लोगों के बोलने की आवाज सुनकर नव्यां ऊपर से नीचे उतर कर आ जाती है और सामने सौरभ को देखकर अपने मन में सोचती है कि आज इन्हें आना ही था ।
लेकिन जानबूझकर मुझसे मना करने में अपनी शान समझते हैं अकडू कही का सौरभ नव्यां की ओर देखता है नव्या मुंह बनाकर ऊपर जाने लगती है तभी विहान कि मॉम कहती हैं अरे नव्या तुम भी यहां हम लोग के साथ बैठो नव्या ना चाहते हुए भी नीचे आकर सबके साथ बैठ जाती है, ।
सौरभ से विहान की मांम बोली कल हम सब लोग फार्म हाउस शिफ्ट हो रहे हैं सौरभ ने कहा बिल्कुल आइए आप ही का घर है ।
सौरभ ने कहा मैं गाड़ी भेज दूंगा आपको आने में कोई तकलीफ नहीं होगी नव्या बोली हमारे पास गाड़ियां हैं हम लोग अपनी गाड़ियों से चले आएंगे आप को तकलीफ उठाने की कोई जरूरत नहीं है ।
सौरभ ने कहा इसमें तकलीफ की कौन सी बात है यह मेरा भी तो घर है और सब लोग मेरे घर के सदस्य अब तो हनी की शादी विहान के साथ होने ही जा रही है तो फिर आंटी जी भी मेरी और तुम्हारी मां जैसी ही हुई,,,
सौरभ ने बिहान की मॉम की तरफ देखते हुए कहा मैं सही कह रहा हूं ना आंटी विहान की मॉम ने कहा हां बिल्कुल ठीक कह रहे हो तुम्हारे जैसा दामाद पाकर तो नव्या की मां धन्य हो गई होंगी,,,
नव्या को विहान कि मॉम का इस तरह कहना अच्छा नहीं लगा क्येकि वह अच्छी तरह जानती थी कि अब सौरभ और ज्यादा भाव खायेगा नव्यां फिर उठती है तो सौरभ उठ कर नव्या का हाथ पकड़कर जबरदस्ती उसे बैठाते हुए कहते हैं कहां चल दी सब लोग बैठे हैं बातें कर रहे हैं कितना अच्छा लग रहा है।
सौरभ का इस तरह उठकर हाथ पकड़ना हालांकि नव्या की मां और उसकी बहनों को भी अच्छा नहीं लगता लेकिन वह कुछ बोलती नहीं नव्या भी चुपचाप वही सौरभ के पास बैठ जाती है।
सौरभ जानबूझकर नव्या के हाथ को पकड़े ही रहता है नव्या हाथ छुड़ाने की कोशिश करती है सौरभ बहुत तेज मजबूत पकड़ से हाथ को पकड़ कर बैठा रहता है ।
नव्या गुस्से से बात करते हुए उसकी ओर देखती है और वह मुस्कुराता रहता है तभी विहान ने कहा नव्या दीदी अगर आप चाहे तो आज ही सौरभ जी के साथ फार्महाउस जा सकती हैं।
कल तो हम लोग आ ही जाएंगे नव्या की तो मानो सांसे अटक जाती है सौरभ खुश होते हुए कहता है हां हां चलना है तो मेरे साथ चल सकती हैं।
नव्या धीरे से कहती है मिस्टर सिंघानिया अपनी हद में रहिए सौरभ ना सुनने का नाटक करते हुए कहता है कुछ कहा आपने तेज से बोलिए, नव्या ने कहा नहीं तो सौरभ बोला फिर मुझे ऐसा क्यों लगा कि आपने मुझसे कुछ कहा नव्या ने कहा मैंने यही कहा कि कल मैं सबके साथ ही फॉर्म हाउस आ जाऊंगी और यह कह कर नव्या मुस्कुराते हुए सौरभ की ओर देखने लगती है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहें तड़प तेरे प्यार की और हमें समीक्षा करके जरूर बताइए कि हमारी यह कहानी आपको कैसी लगी लाइक जरूर करिए 🙏🙏👍 क्रमशः