फोन रखने के बाद हनी काफी खुश हो जाती है और मूवी जाने की तैयारी शुरू कर देती है, विहान सोचता है पता नहीं हनी को यह बात मालूम है कि नहीं कि सौरभ जी ने मूवी चलने का प्लान बनाया है, ।
कैसे बताऊं मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है ,या फिर कैसे पूछूं कि नव्या दीदी ने यह बात बताई कि नहीं l तभी विहान ने देखा हनी किसी काम से डाइनिंग टेबल के पास खड़ी रहती है, ।
विहान उसकी ओर देखता है हनी और उसकी निगाहें एक हो जाती है विहान आंखों आंखों में इशारे से कहता है, हनी समझ जाती है कि विहान मूवी देखने के लिए ही पूछ रहा है ,और वह हां में सिर हिला देती है ।
फिर शर्माते हुए अपने कमरे की ओर चली जाती है, उन्हें ऐसा करते देख बिहान कि मॉम पूछती है तुम लोगों का कोई प्लान है क्या ॽ
विहान कहता है नहीं तो आपने ऐसा क्यों पूछा बिहान कि मॉम बोली बस यूं ही, तभी सौरभ की कार आकर रूकती है सौरभ अन्दर आते ही बिहान से कहते हैं, विहान फटाफट रेडी हो जाओ, हम लोगों को निकलना है विहान दरवाजे की तरफ देखता है और कहता है नव्या जी नहीं आयी आपके साथ ?
सौरभ कुछ कहता उसके पहले विहान कि मॉम बोली तुम लोग साथ नहीं निकले तो सौरभ ने कहा कि नव्या को कुछ काम था, इसलिए वह दूसरी गाड़ी में आएगी और मैं तो काफी देर पहले ही निकल चुका था, इससे पहले मैं फॉर्म हाउस अपनी ग्रैनी के पास गया उसके बाद मैं इधर आया,
तभी नव्या की गाड़ी भी आ जाती है l नव्या उतरकर जैसे ही अंदर आती है, विहान की मां कहती हैं कि तुम दोनों लोग जरा से अंतर पर आए क्योंकि अभी अभी सौरभ भी आए हैं, नव्या एकदम डर जाती है उसे लगता है कि सौरभ सही कह रहा था मुझे इसके साथ ही आना चाहिए था, कुछ ना कुछ जरूर हो जाएगा वह सौरभ की तरफ देखती है सौरभ पलके झपका देता है, ।
और जानबूझकर कहता है नव्या जी मैने ग्रैनी को बता दिया है कि मुझे आने में देर होगी, इसलिए आज रात यहीं रुकूंगा l विहान की मॉम के सामने नव्या कुछ बोल नहीं पाती लेकिन उसे गुस्सा बहुत तेज आता है वह धीरे से सौरभ के पास जाकर कहती है, मेरी मजबूरी का आप कुछ ज्यादा ही फायदा नहीं उठा रहे हैं मिस्टर सौरभ सिंघानिया???
) सौरभ मुस्कुराते हुए तेज आवाज में पूछता है कुछ कहा क्या आपने नव्या जी ? नव्या ने कहा नहीं तो सौरभ बोला मुझे लगा कि आपने कुछ कहा और मुस्कुराने लगता है ,नव्या गुस्सा कर अपने कमरे में चली जाती है, पीछे पीछे सौरभ भी नव्या कमरे में जाता हैं ।
नव्या के कमरे का दरवाजा खुला रहता है सौरभ सीधे कमरे में घुस जाता है ,नव्या कमरे में आराम से बैठकर साड़ी की पिन निकाल कर साड़ी अपने कंधे से हटाकर अपने पैरों पर रख लेती है, अचानक सौरभ को सामने देखकर एकदम पूरी तरह घबरा जाती है और तुरंत साड़ी ओढ़ने लगती है।
उसको ऐसा करते देख सौरभ कहता है देखिए यह पल्लू भी नहीं चाहता, कि हमारे बीच कोई पर्दा रहे है। नव्या कहती है, मिस्टर सिंघानिया मैंने आप जैसा घटिया इंसान अपने जीवन में नहीं देखा सौरभ बोला मिसेज सिंघानिया यह घटिया इंसान आपका पति है ।
इस बात से आप इनकार नहीं कर सकती नव्या ने कहा यही तो रोना है किन्तु मै इस बात से इंकार कर सकती हूं क्योंकि मेरे पति का मुझ से कोई संबंध नहीं, इसलिए किसी नाम मात्र के रिश्ते को ढोने का कोई मतलब नहीं है।
सौरभ ने कहा अगर आप चाहे तो ये रिश्ता निभानें को मैं तैयार हूं नव्या ने सौरभ की ओर घूरते हुए देखा और कहा जब तक हनी की ससुराल वाले हैं तब तक ही मैं तुम्हें बर्दाश्त कर रही हूं उसके बाद मेरे और तुम्हारे रास्ते अलग अलग है।
सौरभ ने कहा चलिए कुछ समय के ही लिए कम से कम अपने मुझे अपना पति माना तो सही, नव्या कहती है ,मिस्टर सिंघानिया धोखे में मत रहिए आप क्यों बार-बार अपने आपको मेरा पति कहने की कोशिश कर रहे हैं ।
सौरभ ने कहा मैं कोशिश नहीं कर रहा हूं मैं आपका पति हूं नव्यां बहुत तेज गुस्सा जाती है। लेकिन बात सम्हालते हुए कहती है ,शायद हमें चलना चाहिए सौरभ ने कहा अभी तो मैंने अपने कपड़े नहीं बदले नव्या मन में सोचती है अब इसको क्या कपड़े बदलना है तभी नीचे ड्राइवर सौरभ के कपड़े दे जाता है नव्या की मां आवाज देती है और नौकर नव्या के कमरे में सौरभ के कपड़े लेकर आता है कपड़े लेकर सौरभ कपड़े बदलने लगता है।
नव्या कहती हैं इन कपड़ों में क्या बुराई थी सौरभ ने कहा मैं जो कपड़े बहुत देर तक पहन लेता हूं उसको दोबारा नहीं पहनता नव्या धीरे से कहती है यही तो आप रिश्तो में भी शायद करते हैं, ।
सौरभ सुन तो लेता है लेकिन कुछ कहता नहीं , नव्या सौरभ से कहती है आपने कपड़े बदल लिए हो तो अब आप नीचे चलिए मैं आती हूं सौरभ ने मुस्कुराते हुए कहा दोनों लोग साथ चलते हैं ना,
नव्या ने कहा मुझे कपड़े बदलने है और आप नीचे जाइए सौरभ तुरंत नीचे जाने लगता है उसके जाने के बाद नव्या कमरे का दरवाजा बंद कर लेती है और कपड़े चेंज करने लगती है सौरभ ने जिस लापरवाही से अपने कपड़े फेंके थे, उन्हें देखकर नव्या अपने मन में सोचती है कितना लापरवाह है ।
यह व्यक्ति कपड़े तक रखने की इसको तमीज नहीं तो रिश्ते क्या चलाएगा और तैयार होकर कमरे के बाहर आती है इधर हनी और बिहान भी तैयार हो जाते हैं।
सबको तैयार देखकर निवि कहती है कि सब लोग कहीं जा रहे हैं क्या, निवि की बात सुनकर सौरभ सोचता है कि अभी यह तुरंत तैयार हो जाएगी कि मुझे भी नव्या दीदी के साथ जाना है यह नहीं कि मुझे कोई नव्या के साथ कभी अकेला छोड़ दे तभी नव्या ने कहा हम लोग किसी काम से जा रहे हैं और तुम घर पर मां के साथ रहो और चारों लोग मूवी देखने के लिए निकलते हैं।
हनी बहुत ही सुंदर लग रही थी किंतु नव्या भी कम सुंदर नहीं लग रही थी सौरभ ने नॉर्मल की शर्ट और जींस पहन रखी थी जिसमें वह काफी स्मार्ट लग रहा था, विहान कि मांम सबको साथ जाते देख समझ जाती है, कि नव्या और सौरभ ने हीं इन दोनों को पास लाने के लिए कोई प्लान किया होगा मन ही मन में बहुत खुश होती हैं। किंतु निवि
बहुत उदास रहती है क्योंकि उसको कोई अपने साथ ले नहीं जाता,
आगे जानने के लिए पढ़ते रहें तड़प तेरे प्यार की और समीक्षा करके हमें जरूर बताइए कि आपको हमारी यह कहानी कैसी लगी 🙏👍🙏 क्रमशः ।।।