म्यूजियम से निकलने के बाद सब लोग वापस नव्या के घर आते हैं सौरभ इन लोगों को छोड़कर जैसे ही अपने फार्म हाउस जाने के लिए निकलने लगता है।
, तभी विहान कि मॉम कहती हैं अरे बेटा सौरभ तुम कहां जा रहे हो सौरभ ने कहा आंटी मैं अपने फार्म हाउस जा रहा हूं तो क्या नव्या भी तुम्हारे साथ जा रही है ।
सौरभ ने नव्या की ओर देखते हुए कहा नहीं आंटी मैं अकेला ही जा रहा हूं तो विहान कि मॉम कहती हैं जाने की क्या जरूरत है यहीं रहो हम लोगो के साथ डिनर करो और फिर आज रात यहीं रुक जाओ वैसे भी आज सुबह से हम लोगों की वजह से तुम को कितनी तकलीफ उठानी पड़ी,।
सौरभ ने विहान की मॉम की ओर देखते हुए कहा कुछ तकलीफ नहीं उठानी पड़ी आंटी जी यह तो हमारा फर्ज था, विहान भी कहता है कि हां सौरभ जी आज आप यहीं रुक जाइए वरना नव्या जी को भी जाना पड़ेगा तभी नव्या के मुंह से निकला कि मुझे क्यों जाना पड़ेगा। जैसे ही नव्या के मुंह से यह आवाज निकलती है। विहान कि मॉम नव्या की ओर देखने लगती हैं , तभी सौरभ ने बात संभालते हुए कहा कि नव्या के लिए तो मैंने सुबह ही ग्रैनी से कह दिया था, कि वह कुछ दिन अपने घर रुकेगी सौरभ के इस तरह कहने पर नव्या सौरभ का मुंह देखने लगती है सौरभ उसकी ओर देखकर पलके झपका देता है ।नव्या झट से उसके चेहरे से नजर हटा लेती है।
जब सब लोग कहने लगते हैं ,तो सौरभ कहता है अभी ग्रैनी से बात करके मैं डिसाइड करता हूं। क्योंकि सबके साथ नव्या भी कहती है।
इसलिए वह कुछ ज्यादा ही एक्साइटेड हो जाता है। डाइनिंग टेबल पर डिनर लगता है ,सब लोग बैठ जाते हैं और नौकर बराबर सर्व करते रहते हैं ।
डिनर करने के बाद नव्या की मां कहती है अब मैं बहुत थक गई हूं और मैं सोने जा रही हूं नव्या की मां सोने चली जाती हैं।
सब लोग आपस में बैठकर बातें करते रहते हैं, तभी विहान की मॉम कहती हैं कि बेटा अपनी ग्रैनी को फोन करके बता दो कि तुम आज यहां रुक रहे हो सौरभ ग्रैनी को फोन मिलाता है और ग्रैनी को बताता है कि तुम सो जाना मेरा इंतजार मत करना मैं आज यहीं नव्या के घर रुकूंगा।
ग्रैनी ने कहा ठीक है मुझे कोई दिक्कत नहीं है। उसके पश्चात सौरभ जाता है सब लोग अपने अपने कमरे में सोने चले जाते हैं, सौरभ सोने के लिए जैसे ही गेस्ट रूम की तरफ बढ़ता है। तभी विहान कि मॉम बोलती हैं कि उधर कहां जा रहे हो तुम्हारा कमरा तो ऊपर है। नव्या के कमरे की ओर इशारा करते हुए विहान की मॉम ने कहा l
सौरभ ने नव्या की ओर देखा नव्या ने देखा कि विहान कि मॉम उसकी तरफ देख रही हैं तो वह मुस्कुराते हुए सीढियों की तरफ चलने का इशारा करती है, और खुद भी पीछे पीछे आती है। ऊपर कमरे में पहुंचकर नव्या कहती है, मिस्टर सिंघानिया अपनी हद में रहिएगा और बहुत ज्यादा मेरे पति बनने की कोशिश मत करिएगा सौरभ ने हंसते हुए कहा मैंने तो कभी आपके पति बनने की कोशिश की ही नहीं फिर आपको ऐसा क्यों लग रहा है। नव्या बड़बड़ाते हुए कहती है कि अगर कोशिश की होती तो आज यह दिन ना देखना पड़ता, सौरभ नव्या से पूछता है आपने कुछ कहा क्या तो नव्या नहीं मे सिर हिलाती है, फिर कुछ आगे बढ़ कर एक सोफे की तरफ इशारा करते हुए कहती है। मिस्टर सिंघानिया आप इसी सोफे पर सोएंगे सौरभ आश्चर्यचकित होकर नव्या की ओर देखने लगता है, और कहता है, सोफे पर, सोफे पर मैं कैसे सोऊंगा नव्या ने कहा जैसे मर्जी आए वैसे सोइए, है लेकिन सोना आपको सोफे पर ही , तभी सौरभ को अचानक कुछ याद आता है वह कमरे के बाहर निकलने लगता है ,नव्या सोचती है कि अब इसको क्या हो गया तुरंत उसके पीछे जाती है और कहती है मिस्टर सिंघानिया आप कहां जा रहे हैं, सौरभ कहता है फार्म हाउस जा रहा हूं नव्या बोली ज्यादा नाटक करने की जरूरत नहीं है मैं ही सोफे पर सो जाती हूं, जाइए आप बेड पर सोइए सौरभ अरे नहीं सोफे और बेड की कोई बात ही नहीं है। मैं तो अपनी नाईट ड्रेस लेने के लिए जाना चाहता हूं ,क्योंकि बिना नाइट ड्रेस के मुझे नींद नहीं आएगी इन कपड़ों में मैं सो नहीं सकता नव्या गुस्साते हुए कहती है। रईसजादा कहीं का एक दिन अर्जेस्ट नहीं कर सकता,
सौरभ को अंदर बुलाती है और कहती है , अब तुम इतनी रात को कहां चल दिए किसी ड्राइवर या किसी को फोन करके मंगा लो , अगर नहीं आए तो पूरी रात बैठे रहो लेकिन प्लीज मुझे सोने दो, सौरभ ने कहा इससे अच्छा तो मैं फार्म हाउस ही चला जाता हूं कम से कम वहां आराम से सोऊंगा तो, नव्या गुस्से से आंख घूरते हुए कहती है, यह पकड़ो अपना फोन अपने ड्राइवर को फोन करो लेकर आएगा फॉर्म हाउस से, सौरभ ड्राइवर को फोन करता है और उससे नाईट ड्रेस लाने के लिए कहता है, ड्राइवर चला जाता है। सौरभ नाइट सूट के इंतजार में कमरे में इधर-उधर टहलने लगता है। उसको इस तरह टहलता देख नव्या को थोड़ी इरिटेशन होती है और वह कहती है मिस्टर सिंघानिया जब तक नाइट सूट नहीं आ रहा है तब तक प्लीज एक जगह बैठ जाइए सौरभ आकर नव्या की बेड पर बैठने लगता है। नव्या कहती है यहां नहीं अपने सोफे पर बैठिए, सौरभ उठकर खड़ा हो जाता है। नव्या को नींद तो बहुत तेज आ रही थी लेकिन वह चाह रही थी कि जब सौरभ लेट जाए तब वह लेटे सौरभ के सामने लेटने में पता नहीं क्यों उसको शर्म सी महसूस हो रही थी ।लेकिन सौरभ बिना नाइट ड्रेस के लेटने को तैयार नहीं था, तभी नव्या को याद आया कि कहीं ड्राइवर नीचे की डोर बेल ना बजा दे कि घर के सभी लोग जग जाएं और विहान की मॉम यह न सोचें कि नव्यां कैसी पत्नी है अपने पति का एक नाइट सूट भी इस घर में नहीं रखा है ,क्या कभी यह यहां रुकते नहीं क्या ॽ इसलिए नव्या सौरभ से कहती हैं मिस्टर सिंघानिया ड्राइवर से कह दीजिए कि नाइट ड्रेस आने के बाद वह आपके मोबाइल पर फोन जरूर करेगा सौरभ ने कहा आप चिंता मत करिए मैंने ड्राइवर से कह दिया है।
यहां पहुंचने पर वह मेरे मोबाइल पर फोन जरूर करेगा तब मैं नीचे जाकर अपना ड्रेस ले लूंगा नव्या कहती है तुम नीचे जाकर नहीं मैं नीचे जा कर ले आऊंगी सौरभ बोला इतनी मेहरबानी क्योंॽ नव्या कुछ नहीं बोलती और चुपचाप अपने बेड पर जाकर बैठ जाती है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहें तड़प तेरे प्यार की और समीक्षा करके हमें जरूर बताएं क्या आपको यह कहानी कैसी लगीं 🙏🙏👍 क्रमशः