नव्या अचानक से घड़ी की ओर देखती है, उसे भी लगने लगता है कि अब सौरभ जी को गये अब काफी देर हो गई लेकिन किसी के सामने वह यह बात कहना नहीं चाहती थी।
इसलिए चुपचाप शांत होकर अपने कमरे में चली जाती है मीनल भी अपने क्वार्टर की तरफ चली जाती है ग्रैनी को सौरभ की चिंता होने लगती है ।
ग्रैनी बार-बार दरवाजे की ओर देखती हैं और सोचती हैं कि अब तक तो सौरभ को जरूर आ जाना चाहिए पता नहीं क्यों उसने एक बार भी मुझे फोन भी नहीं किया।
ग्रैनी अपने मोबाइल से सौरभ के नंबर पर फोन में करती है फोन की बेल जाती है सौरभ फोन उठाकर बोला हां ग्रैनी मैं बस थोड़ी देर में ही फार्महाउस पहुंचने वाला हूं, ग्रैनी ने कहा ठीक है और जाकर विहान की मॉम और नव्या की मां के साथ बैठकर शादी के फंक्शन डिस्कस करने लगती है।
नव्या अपने कमरे में परेशान होकर इधर-उधर टहलने लगती है कि अब मैं क्या जवाब दूंगी कि सौरभ जी कहां है पता नहीं किसका फोन सौरभ जी को आया था, जो अचानक बिना किसी को कुछ बताए चले गए मैंने तो कितनी बार फोन ट्राई किया हर बार उनका फोन स्विच ऑफ ही आ रहा है यही सब सोचती नव्या अपने कमरे में टहलती रहती है और उसकी नजर सामने सौरभ की फोटो की तरफ जाती है उसकी फोटो देखकर नव्या कहती है कहां है आप मिस्टर सिंघानिया कुछ देर बाद सबके तेज तेज हंसने की आवाज आती है नव्या हंसने की आवाज सुनकर सोचती है की कितना अच्छा इस समय फॉर्म हाउस का माहौल हो गया है हनी की शादी तक भगवान करे कि ऐसा ही बना रहे और चुपचाप एक कुर्सी पर बैठ जाती है क्योंकि नव्या का मुंह सौरभ की फोटो की तरफ रहता है इसलिए दरवाजे की तरफ उसकी पीठ रहती है नीचे सौरभ की गाड़ी रूकती है ग्रैनी तेज कदमों सेे सौरभ के पास आकर पूछती है आज कहां थे बेटा तुम पूरा दिन तुम्हें पता है मैं कितनी परेशान थी सौरभ ने कहा हां वह बीच में ही ग्रैनी बोली हां हां मुझे पता है नव्या ने मुझे बताया कि तुम्हारी कोई मीटिंग थी तुमको आने में देर हो जाएगी सौरभ सोचता है कि भले ही नव्या न झूठ कहा लेकिन कम से कम उसके झूठ से ग्रैनी को यह संतोष तो था कि मेरी सचमुच कोई मीटिंग है और मैं देर से लौटूंगा इसके बाद सौरभ अपना बैग नौकर को पकडांता है और सीधे अपने कमरे में चला जाता है उसे यह ध्यान ही नहीं रहता कि कमरे में नव्या भी हो सकती है वह कमरे में जाता है लेकिन उसकी नजर नव्या पर नहीं पड़ती क्योंकि उसके दिमाग में कुछ और चलता रहता है कमरे में पहुंचकर नव्या को वह नहीं देख पाता नव्या उसकी फोटो को देखती हुई जाने क्या सोचती रहती है, उसे भी सौरभ के आने का बिल्कुल एहसास नहीं। होता सौरभ अपना कोट निकाल कर बेड पर फेक देता है, नव्यां जाने क्या अपने मन में सोचती रहती है कि उसे कोट बेड पर गिरने का पता ही नहीं चलता सौरभ का पैर नव्या की कुर्सी से टकरा जाता है नव्या अचानक से उठ खड़ी होती है और इधर कुर्सी से टकराने के कारण सौरभ अपना बैलेंस संभाल नहीं पाता दोनों एक साथ बेड पर गिर जाते हैं जब तक वह कुछ समझ पाते दोनों एक दूसरे के करीब बेड पर लेटे रहते हैं नव्या घबराकर उठने लगती है और सौरभ भी अचानक से नव्या को देखकर घबरा जाता है, उठते समय नव्या घबराहट के कारण फिर से कुछ गिरती हुई, सौरभ हाथों से नव्यां के रुकने का इशारा करता है और अपना हाथ नव्या की कमर पर लगा देता है और दूसरे हाथ से नव्या के हाथ को पकड़ लेता है नव्या सौरभ के सहारे उठने लगती है सौरभ भी उठ कर मुस्कुराते हुए कहता है। हमें तो यह पता ही नहीं था की आप इस तरह मेरा इंतजार करेंगी नव्या हाथ छुड़ाकर दूर खड़ी होते हुए कहती है मैं किसी का इंतजार नहीं कर रही थी मैं तो अपने कमरे में बैठी थी, सौरभ ने मुस्कुराते हुए कहा ओहो मुझे तो पता ही नहीं था सॉरी मैडम यह आपका कमरा है मेरा कौन सा कमरा है मुझे बता दीजिए तो मैं उस कमरे में चला जाऊं नव्या बोली मेरे कहने का मतलब यह नहीं था यह कमरा तो आप ही का है मिस्टर सिंघानिया वह तो मेरे मुंह से निकल गया था सौरभ ने कहा देखा सच बात जवान पर आज ही जाती है मेरा कमरा आपका कमरा अलग अलग थोड़ी है। नव्यां ने कहा सिर्फ हनी की शादी तक उसके बाद तो मेरे और आपके रास्ते ही अलग अलग है। सौरभ ने कहा अगर आप चाहे तो मेरे और आपके रास्ते एक हो सकते हैं नव्या सौरभ से बोली ऐसा कभी नहीं होगा सौरभ ने कहा वैसे मिसेज सिंघानिया अभी तो ऐसा हुआ है और आगे क्या होगा यह तो ना मुझे पता है ना आपको पता है तो हम इस विषय में बहस क्यों कर रहे हैं वैसे सच बताइए आप मेरा इंतजार कर रही थी ना नव्या बोली नहीं तो तो फिर आप मेरी फोटो इतने गौर से क्यों देख रही थी नव्या बात बनाते हुए कहती है मैं कोई फोटो नहीं देख रही थी सौरभ ने कहा झूठ बोलना तो कोई आपसे सीखे नव्यां गुस्से से कहती है यह हमारी फितरत नहीं है ।
यह अपने आप से पूछिए यह किसकी फितरत है सौरभ अपनी शर्ट की बटन खोलने लगता है नव्यां अपना मुंह उधर कर के कहती है जब कपड़े बदल लीजिएगा तो हमें बता दीजिएग सौरभ ने कहा सॉरी मैं तो अपने कपड़े उठाना ही भूल गया प्लीज मुझे आप मेरे कपड़े दे देंगी क्याॽ
नव्या गुस्से से उठती है और सौरभ की अलमारी खोलती है, लेकिन उससे उसके अलमारी खुलती ही नहीं सौरभ देखता रहता है और शर्ट उतारकर एक हाथ में शर्ट लेकर अलमारी के पास आ जाता है नव्या पलट ती है उसकी नजर सौरभ की बॉडी पर पड़ती है सौरभ एकदम हॉट लग रहा था नव्या अलमारी और सौरभ के बीच में खड़ी रहती है ।
सौरभ अपना हाथ नव्या के बगल से ले जाकर अलमारी खोल देता हैं नव्या सौरभ की छुअन से पसीना पसीना हो जाती है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए तड़प तेरे प्यार की और हमें कमेंट करके जरूर बताइए कि हमारी यह कहानी आपको कैसी लगी प्लीज लाइक भी जरूर करिए 🙏🙏👍 क्रमशः