सौरभ और नव्या फार्महाउस से निकलकर सीधे ऑफिस जाते हैं ,ऑफिस में पहुंचते ही मिस्टर नीलेश मिस्टर हर्ष वर्धन और मिस मीनल अपने अपने काम में व्यस्त रहते हैं, किंतु नव्या और सौरभ को साथ आते देखकर, नीलेश एक व्यंग हंसी के साथ कहते हैं ।
सौरभ जी यह आफिस है, इसके कुछ नियम है, कोई पिकनिक स्पॉट नहीं की जब मन हुआ चले आए और जब मन नहीं किया तो चले गए, इतना सुनते ही सौरभ गुस्से से आगबबूला हो जाता है।
वह नीलेश को कुछ कहने वाला रहता है तभी नव्या पीछे से आकर सौरभ का हाथ पकड़ लेती है और कहती है गलती तो हमने की है तो इतना तो सुनना ही पड़ेगा सौरभ चुपचाप अपनी सीट पर जाकर बैठ जाता है।
लेकिन उसको नीलेश के ऊपर बहुत तेज गुस्सा आती है वह मन ही मन सोचता है जब मैंने इनसे राय नहीं मांगी तो यह कौन होते हैं, मुझे राय देने वाले अबकी बार तो मैंने नव्यां जी के कहने पर छोड़ दिया लेकिन , इसके बाद फिर कभी नीलेश ने ऐसे मुझसे बात की तो मैं इसको छोड़ूंगा नहीं,,,,,
नव्या समझ जाती है कि सौरभ बहुत ज्यादा गुस्से में है ।वह सौरभ से कहती है सौरभ जी इस समय सिचुएशन को समझिए हम दोनों लोगों की वजह से आफिस के रूटीन वर्क पर फर्क पड़ा है, ।
सौरभ कुछ बोलता नहीं चुपचाप अपनी सीट पर बैठ कर मीनल से फाइलें लेकर देखने लगता है। मीनल यह सब देखती रहती हैं, वह अपने मन में सोचती है कि, अरे वाह,,नव्यां मैडम तो जादूगरनी निकली कितने आराम से उन्होंने सौरभ सर का गुस्सा शांत कर दिया जैसे कुछ हुआ ही न हो, वरना अब तक तो गुस्से से सौरभ सर पूरे आफिस को ही अपने सिर पर उठा लेते,
सौरभ के शान्त हो जाने पर, नव्यां भी अपनी सीट पर बैठ जाती हैं। और अपने काम में व्यस्त हो जाती हैं। है।ँ इधर नव्या की मां और विहान की मॉम फॉर्म हाउस जाने की तैयारी करने लगती हैं।
नव्या की मां विहान की मॉम से बोलती है कि फॉर्म हाउस जाने की वजह से हमें बहुत सारे सामानों को अपने साथ लेकर जाना पड़ेगा विहान की मां ने कहा अगर फॉर्म हाउस की जगह होटल या रिसोर्ट कर लेती तो भी आपको सामान तो ले ही जाने पड़ते नव्या की मां ने कहा कि कहां अब तो सारे होटल और रिसॉर्ट में किसी भी सामान को ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती
तो विहान कि मॉम बोली वह सौरभ और नव्या का ही तो घर है तो कौन सा हमें किसी सामान के लिए जाने की जरूरत पड़ेगी यह सुनकर नव्या की मां चुप हो जाती हैं।
इधर आफिस में सौरभ का गुस्सा किसी तरह शांत होता है, लेकिन उसका काम में बिल्कुल मन नहीं लगता क्योंकि वह बहुत ज्यादा गुस्से में रहता है।
नव्या उसकी सिचुएशन को समझ जाती है वह मीनल से कहती है मीनल सौरभ सर को बता देना कि एक घंटे बाद बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने मीटिंग रखी है।
जिसमें मिस्टर सिंघानिया का रहना भी जरूरी है क्योंकि प्रोजेक्ट पर वर्क करने वाले सारे मेंबर इस मीटिंग को अटेंड करेंगे मीनल बोली जी मैडम मैं सर को जरूर बता दूंगी और आकर अपनी सीट पर बैठ जाती है थोड़ी देर बाद मीनल सौरभ से कहती है सर एक घंटे बाद बोर्ड ऑफ एसोसिएशन की मीटिंग है।
सौरभ ने कहा तो मैं क्या करूं मीनल ने कहा उस मीटिंग को सबको अटेंड करना आवश्यक है, सौरभ गुस्से से कहता है अब आप मुझे बताएंगे कि मुझे कौन सी मीटिंग अटेंड करनी है कौन सी नहीं करनी है।
मीनल एकदम शांत हो जाती है और धीरे से कहती है वह तो सर,,, इतना कहते ही सौरभ का गुस्सा और ज्यादा बढ़ जाता है और वह कहता है यहां जिसको देखो हर कोई कुछ ना कुछ राय देने को आतुर है।
जब मैंने किसी से कोई राय नहीं मांगी तो कोई क्यों मुझे राय दे रहा है सब अपना अपना काम करें तो ज्यादा अच्छा है यह कहते हुए वह मीनल को गुस्से से देखता है ।
मीनल घबराकर एक किनारे खड़ी हो जाती है नव्या को मीनल के साथ सौरभ का ऐसा बर्ताव अच्छा नहीं लगता क्योंकि मीनल ने उसके कहने पर ही सौरभ से यह बात कही थी नव्या अपनी सीट उठती है और सौरभ के पास आती है और कहती है ।
यह क्या तरीका हुआ किसी से बात करने का मिस्टर सिंघानिया सौरभ पलट के देखता है उसके सामने नव्यां खड़ी रहती है और कहती है यह बात मैंने ही मीनल से कह दी थी की ऑफिस में हर किसी को मीटिंग अटेंड करना ही है।
इसमें इतना नाराज होने की क्या बात है आप अपने पर्सनल इशूज ऑफिस में नहीं ला सकते अगर आप किसी बात से नाराज हैं तो अपना गुस्सा घर में उतार कर आया करिए, नव्या के इतना बोलने पर भी सौरभ पता नहीं क्यों नाराज नहीं होता और उसे नव्या की बात सही लगने लगती है ।
मिस्टर नीलेश भी सौरभ की तरफ देखते हुए कहते हैं कि मिस्टर सिंघानिया आपको मीनल से इस तरह बात नहीं करनी चाहिए ।
सौरभ नीलेश से कुछ कहता उसके पहले ही नव्या कहती है मिस्टर नीलेश यह सौरभ सिंघानिया और उनकी सेक्रेटरी मीनल के आपस का मामला है इसमें हमें और आपको नहीं पड़ना चाहिए निलेश बोला शायद आप ठीक कह रही है मिसेज सिंघानिया और सब अपने-अपने काम में लग जाते हैं ।
कुछ देर बाद बोर्ड ऑफ मेंबर्स सेक्रेटरी डायरेक्टर सब लोग आ जाते हैं और मीटिंग शुरू होती है, मीटिंग खत्म होने के पहले नीलेश कहता है कि मैं सारे बोर्ड ऑफ मेंबर से एक रिक्वेस्ट करना चाहता हूं कि मिस्टर सिंघानिया अपने प्रोजेक्ट वर्क पर बिल्कुल भी फोकस नहीं करते अगर हमारा प्रोजेक्ट रूका तो इन्हीं की वजह से रुकेगा ,,
सौरभ की ओर सारे बोर्ड ऑफ मेंबर्स देखने लगते हैं सौरभ ने कहा आप जिस दिन और जिस टाइम की फाइल मुझसे मांगी है मैं उसको दिखा सकता हूं मेरा कोई भी वर्क इस ऑफिस में मौजूद किसी भी व्यक्ति से कम नहीं है ।
इतने कॉन्फिडेंस से सौरभ को बोलता देख नव्या उसकी ओर देखती रहती है, तभी नीलेश कहते हैं सर प्लीज एक बार मिस्टर सिंघानिया का वर्क चेक किया जाए बोर्ड ऑफ मेंबर्स बोले हम ऐसे किसी का बीच में प्रोजेक्ट वर्क चेक नहीं कर सकते फिर भी नीलेश की जिद के कारण और सौरभ ने नीलेश का यह चैलेंज एक्सेप्ट करते हुए मिस मीनल से सारी फाइलें लाने को कहा अभी तक मीनल मुंह बनाए खड़ी रहती है,
लेकिन फिर भी मीनल जाती है और सारी फाइलें लेकर आती है मेंबर्स फाइलें देखकर खश हो जाते हैं और कहते हैं गुड वर्क मिस्टर सिंघानिया सौरभ मुस्कुराते हुए नव्या की ओर देखता है नव्या अपनी नजरें नीचे कर लेती है।
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क्रमशः।।।।।