नव्या और सौरभ की गाड़ी फार्म हाउस पहुंच जाती है। नव्या को सौरभ की बातें सही लगती है, फार्म हाउस पहुंचते ही सौरभ की खुशी का ठिकाना नहीं रहता जैसे ही वह गाड़ी से उतरता है ।
ग्रैनी को जोर जोर से आवाज देता है ,ग्रैनी कहां हो ?तुम जल्दी आओ सौरभ के इस प्रकार चिल्लाने पर ग्रैनी घबराकर तुरंत बाहर आती है ।
वह एकदम डर जाती है, कि जाने क्या हो गया है ??सौरभ से हांफते हुए बोलती है, क्यों शोर मचा रहे हो, क्या हो गया सौरभ ने कहा ग्रैनी आरती की थाल मंगाओ तुम्हारी बहू आज अपने घर आई है
। यह सुनकर नव्या को बुरा तो बहुत लगता है, किंतु वहां वह कुछ बोलती नहीं क्योंकि वह ग्रैनी के सामने कोई हंगामा नहीं चाहती थी, लेकिन ग्रैनी की खुशी का ठिकाना न रहा, ग्रैनी ने पास खड़े नौकर से कहा जाइए पूजा के पास से आरती का थाल ले आइए, नव्या गाड़ी से उतरने लगती है, ।
सौरभ उसे गाड़ी से उतरने से रोक देता है नव्यां जी, आरती तक इंतजार कर लीजिए, तभी नौकर एक आरती का थाली हुए आता है, ग्रैनी को पकड़ा देता है। थाली लेकर ग्रैनी गाड़ी के पास आ जाती है, और नव्या की गाड़ी का दरवाजा खोलकर कहती है आइए बेटा आपका आपके इस फार्म हाउस में स्वागत है।
आरती करने के बाद ग्रैनी कहती है कि सौरभ बेटा तुम भी इधर खड़े हो जाओ और सौरभ आकर नव्या के बगल खड़ा हो जाता है ग्रैनी दोनों की साथ में आरती उतारकर कहती है ईश्वर करे तुम दोनों हमेशा प्रसन्न रहो अपने घर में खुशी खुशी रहो इतने में सौरभ ग्रैनी के पैर छू लेता है।उसको ऐसा करते देख नव्यां भी ग्रैनी के पैर छू लेती है।
सोचने लगती है कि सौरभ जी ने ग्रैनी को पता नहीं क्या बताया है ?ग्रैनी हमारे विषय में जाने क्या सोच रही हैं ।किंतु वह कुछ बोलती नहीं और सोचा की बाद में सौरभ जी से मैं पूछूंगी कि आपने हमारे बारे में ग्रैनी को क्या बताया है, ग्रैनी दोनों के सिर पर अपने हाथ फेर कर आशीर्वाद देती है और फिर दोनों को अंदर चलने को कहती है।
सौरभ को ऐसा महसूस हो रहा था मानो वह सब सच में नव्या को ब्याह कर पहली बार अपने घर लेकर आया हो मन में उसको इतनी खुशी और शांति मिल रही थी जैसे यह सब हकीकत हो, हकीकत तो जरूर थी किंतु कुछ पलों की कुछ दिनों की हमेशा कि नहीं, यह सोचकर सौरभ का थोड़ा सा मन उदास हो जाता है, ।
भीतर जाते समय वह नव्या को आगे चलने के लिए कहता है और खुद उसके पीछे पीछे चलता है नव्या थोड़ी दूर चलने के बाद रुक जाती है ,और पीछे पलट कर कहती है, मिस्टर सिंघानिया आपके घर का रास्ता मुझे पता नहीं है, इसलिए आप आगे चलिए मैं आपके पीछे चलती हूं सौरभ ने नव्या के पास जाकर धीरे से कहा अरे वाह आपको तो सारे रीति रिवाज पता है ।
मुझे आगे ही चलना चाहिए क्योंकि विवाह के पश्चात जब कोई अपने घर पहली बार आता है तो लड़का हमेशा आगे चलता हो लड़की पीछे चलती है इसी कारण से कह रही है ना आप ,नव्या ने गुस्से से सौरभ को घूरा और कहां अगर यह पति-पत्नी वाली स्टोरी हो गई हो तो हम आगे बढ़े सौरभ ने घबराते हुए कहा जी बिल्कुल,,,
नव्या को और सौरभ को लेकर ग्रैनी अपने कमरे में ले जाती है वहां एक बड़ी सी तस्वीर के सामने नव्या और सौरभ को खड़ा करती है, और कहती है कि नव्या बेटा यह सौरभ के मम्मी पापा है इन्हें प्रणाम कर लो तब तुम अपने कमरे में जाओ नव्या सामने एक बड़ी सी तस्वीर ने सौरभ के माता-पिता को देखती है और उन्हें प्रणाम करती है।
सौरभ भी उन्हें प्रणाम करके खड़ा रहता है, ग्रैनी कहती है तुम दोनों बैठ जाओ, सौरभ बैठते हुए नव्या को भी बैठने का इशारा करता है दोनों चुपचाप बैठ जाते हैं, ग्रैनी कहती है, मैं इसी दिन का इंतजार कर रही थी,
ग्रैनी बोली आज मुझे इतनी ज्यादा खुशी हो रही है कि मैं बता नहीं सकती सौरभ ग्रैनी की तरफ देखते हुए कहता है मुझे पता है ।
ग्रैनी तुम्हें कुछ कहने की जरूरत नहीं है, तभी नव्या देखती है कि ग्रैनी की आंखों में आंसू भर आता है, सौरभ उठकर ग्रैनी को अपने गले से लगा लेता है और धीरे-धीरे उसका सर सहलाने लगता है कहता है अब सब ठीक हो जाएगा ग्रैनी तुम चिंता मत करो,
नव्या को कुछ समझ नहीं आता वह चुपचाप बैठी रहती है और अपने मन में सोचती है कि मिस्टर सिंघानिया से उसकी ग्रैनी कितना ज्यादा प्रेम करती है।
इधर ऑफिस में मिस मीनल परेशान हो जाती हैं कि अचानक से सौरभ सर कहां गायब हो गए और नव्यां मैडम भी दिखाई नहीं दे रही हैं, हो ना हो जहां भी होंगे पक्का दोनों साथ ही में होंगे इधर मैं कई दिनों से देख रही हूं कि सौरभ सर नव्या मैडम के आसपास मंडराते रहते हैं, जाने क्या उन्होंने नव्या मैडम ने देख लिया उनको तो अपने बगल की खूबसूरत लड़की दिखती ही नहीं आज तक उन्होंने मेरे ऊपर कभी नजर ही नहीं डाली इसीलिए तो उनको पता ही नहीं कि मैं इतनी खूबसूरत लड़की सारा टाइम उनके साथ ही रहती हूं इसीलिए तो कहा जाता है घर की मुर्गी दाल बराबर मेरी तो कोई कदर ही नहीं है।
नव्यां मैडम इनको भाव नहीं देती तो सर नव्या मैडम के पीछे पीछे घूमते हैं। तभी मिस्टर निलेश हंसते हुए कहते हैं कि मिस मीनल सौरभ सर ऑफिस केवल अटेंडेंस लगाने ही आते हैं।
सारा काम तो अकेले आप ही संभालती हैं मीनल ने मुस्कुराते हुए कहा अब नव्या मैडम भी तो नहीं है। तो सर ही क्यों नीलेश। चुप हो जाता है, अपना काम करने लगता है। सौरभ नव्या से कहता है ।
अब हमें वापस ऑफिस जाना चाहिए क्योंकि अभी छुट्टी होने में चार घंटे का समय बचा है इसलिए अब हमें ऑफिस लौट जाना चाहिए, ऑफिस से सब लोग जाने क्या सोच रहे होंगे क्योंकि आप और मैं अचानक से बिना किसी को बताए चले जो आए नव्या को भी सौरभ की बातें सही लगती है और वह कहती है शायद आप सही कह रहे हैं।
तभी ग्रैनी ने कहा नव्या पहली बार घर आई है, बिना उसका मुंह मीठा कराएं मैं ऐसे नहीं जाने दूंगी, नव्या बोली ग्रैनी फिर कभी मैं आऊंगी तब मुंह मीठा कर लूंगी ग्रैनी नहीं मानी और नौकर की तरफ देखती है नौकर दौड़कर एक प्लेट में लड्डू लेकर आता है ग्रैनी नव्यां को अपने हाथों से वह लड्डू खिला देती है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए तड़प तेरे प्यार की और समीक्षा करके हमें जरूर बताइए कि आपको हमारी यह कहानी कैसी लगी 🙏👍🙏 क्रमशः।।