सौरभ और विहान नव्या के घर की ओर जाने लगते हैं, सौरभ को यह सब सपना जैसा लग रहा था, उसे तो समझ ही नहीं आ रहा था ,कि आखिर यह लोग नव्या के कौन से रिश्तेदार हैं ।
जो उसे नव्या का पति मान रहे हैं । सौरभ को अब तक इतना तो पता चल गया था, की वह युवक सौरभ नहीं था जिस सौरभ के विषय में सोच कर वह डर रहा था, थोड़ी देर गाड़ी चलने के बाद सौरभ ने विहान से पूछा आप इंडिया से हैं ,।
विहान बोला जी किंतु जब मैं बहुत छोटा था तभी मेरे मॉम डैड लंदन में सेटल हो गए थे ,हमारा घर यहां जयपुर में और मंसूरी में हमारा फार्म हाउस है, ।
छुट्टियों में कभी-कभी हम लोग अपने घर आया करते हैं। अब सौरभ चाह कर भी यह नहीं पूछ पा रहा था, की नव्या से आप लोगों का रिश्ता क्या है?
क्योंकि वह डर रहा था अगर मैं ऐसे प्रश्न पूछ लूंगा तो विहान को पता चल जाएगा कि मैं नव्या के करीब नहीं हूं वरना नव्या के रिश्तेदारों के बारे में मुझे अच्छे से पता होता इसलिए सौरभ चुप था।,
तभी विहान ने कहा मिस्टर सिंघानिया आप अपने बारे में कुछ बताइए सौरभ ने कहा मेरे बारे में क्या जानना चाहते हैं आप, विहान ने कहा इंडिया में और अदर कंट्रीज में आपकी इतनी कंपनियां हैं ।
,इतना बड़ा बिजनेस आप अकेले संभालते हैं या फिर आपके डैड तभी सौरभ ने विहान से कहा मेरे डैड अब इस दुनिया में नहींहै।
l विहान अफसोस जाहिर करते हुए कहता है आई एम सॉरी मुझे पता नहीं था, आई एम रियली सॉरी सौरभ ने कहा इट्स ओके कोई बात नहीं तभी विहान ने बात बदलते हुए कहा नव्या जी से शादी करे आपको कितने साल हो गए, ?
अब तो वह भी आपकी बिजनेस में भी आपकी मदद करती हैं क्योंकि फॉरेन कंट्री में कई बिजनेस मीटिंग में तो नव्या जी अकेले ही जाती हैं, ,,,
अब सौरभ मन ही मन सोच रहा था कि कहां फसाया मुझे इस नव्याने अब मैं क्या बोलूं मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा बस मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि किसी तरह नव्या जी का घर जल्दी से आ जाए और मैं इनको उतार कर अपने फॉर्म हाउस जाऊं हां मुझे यह जानने की इच्छा है, कि विहान और उसकी फैमिली का नव्यां से कौन सा रिश्ता है ,किंतु मेरे कुछ बोलने से अगर गड़बड़ हो गई तो नव्या मुझ से फिर कभी बात नहीं करेगी और बहुत गुस्सा होगी वैसे भी मैं कोई अच्छा काम करना चाहता हूं तो वह उल्टा ही हो जाता है, इसलिए अब मैं चुप ही रहूंगा बिहान ने कहा मिस्टर सिंघानिया क्या सोचने लगे कुछ नहीं हां , और विहान बोला इन तीन सालों में भी आप नव्या जी की कितनी रिस्पेक्ट करते हैं ,सौरभ ने कहा मतलब मैं समझ नहीं पाया आप क्या कहना चाहते हैं विहान ने हंसते हुए कहा इतने सालों में नव्यां जी कहकर कौन पुकारता है ,सौरभ कुछ सोचते हुए कहता है हां हमारा उनका रिश्ता कुछ ऐसा ही है मैं उनको सम्मान देता हूं और वह मुझे,
इधर नव्या ने फोन पर अपनी मां को घर आने की बात बताई उसकी मां निवि और हनी से कहती है, फटाफट तुम लोग तैयार हो जाओ वह लोग किसी भी वक्त आने वाले हैं दीदी का फोन आया था, निवि से कहती हैं, जाओ हनी को जल्दी से तैयार कर दो निवि ने कहा हनी दीदी तो खुद ही से तैयार हो जाएंगी,
वैसे भी हनी दीदी को सजने संवरने का बड़ा शौक है ,तो इनको कौन तैयार करें यह तो खुद ही मुझसे अच्छा तैयार हो जाएंगी यह कहकर निवि खुद तैयार होने जाने लगती है, तभी हनी उसका हाथ पकड़ कर खींचती है और कहती है निवि की बच्ची चल मेरे साथ और मेरे तैयार होने में मेरी मदद कर निवि कहती है नहीं हनी दीदी मुझे भी तैयार होना है।
प्लीज आप अपने से तैयार हो जाइए, हनी उसको प्यार से पुचकारते हुए कहती है मेरी प्यारी बहन , मेरी क्यूट बहन चलो मेरे साथ और अपने कमरे में ले कर चली जाती है,
हनी अपने वार्डरोब से बहुत ढेर सारी ड्रेसेस निकाल कर रखती है, और निवि से पूछती है ,कि मैं कौन सी ड्रेस पहन हूं निवि बोली मुझसे अच्छा तो आप ही ड्रेस चूज़ कर लेती है ,मैं आपको नहीं बता पाऊंगी, हनी ने कहा तब तुम मेरी मदद क्या करोगी जाने दो मैं मां से पूछ कर आती हूं ,हनी मां मां आवाज देती है आवाज सुनकर उनकी मां हनी की कमरे में आती है, और कहती हैं तुम लोग एक काम ढंग से नहीं कर सकती तैयार होना वह भी नहीं हो सकती उसने भी मां मां चिल्लाती लाती हो उधर दीदी को देखो अकेले सारा बिजनेस मैनेज करती है, अब बताओ क्या है हनी चुप हो जाती है तभी निवि कहती है मां यह जो बेड पर ड्रेसेस पड़ी है इसमें से बता दो हनी दीदी क्या पहने मां ने एक लाइट कलर की सुंदर सी ड्रेस निकाली और उसे हनी को पकड़ाती हुई कहती है ,इसी को पहन लो यह तुम्हारे ऊपर अच्छी लगेगी, यह कहकर मां नाश्ते का प्रबंध करवाने जैसे ही जाने लगती हैं वैसे ही पीछे से निवि कहती है मां प्लीज प्लीज मेरी भी ड्रेस डिसाइड कर दो,
मां थोड़ा नाराज होते हुए बोली ,मुझे बहुत काम है तुम्हारा क्या है तुम तो कुछ भी पहन लो , तभी निवि ने कहा क्यों मैं कुछ भी पहन लूं ,तो हनी ने बात संभालते हुए कहा कि तेरे ऊपर तो सब अच्छा लगता है ,तू कुछ भी पहन ले, अभी मैं तेरे कमरे में जाकर तेरे लिए ड्रेस चूज़ कर दूंगी मां को जाने दे, निवि ने कहा सच्ची हनी बोली हां बिल्कुल सच निवि भी खुश हो जाती है, और हनी की तैयार होने में मदद करने लगती है।
इधर नव्या गाड़ी में विहान की मांम के साथ बैठी है सोचती रहती है कि अब घर पहुंचकर क्या होगा क्योंकि नव्या को अच्छी तरह पता था कि अब सौरभ के सामने उसका राज ज्यादा दिनों तक छिप नहीं पाएगा, वह मन ही मन सौरभ को कोस रही थी कि पता नहीं कहां से एयरपोर्ट आ पहुंचे मेरे जीवन में तो यह आदमी हमेशा ग्रहण बनकर ही आता है अब जाने कौन सा कांड होने वाला है, दिमाग में यही सब चल रहा था तभी विहान की मॉम ने कहा नव्या बेटा अगर तुम्हारे सिर में दर्द तेज हो रहा हूं तो हम लोग रास्ते से कोई मेडिसिन लेते हुए चलते हैं नव्या बोली नहीं नहीं आंटी जी अब काफी आराम है ऊपर से तो नव्या ऐसे बोल रही थी अंदर से लग रहा था, मानो उसका सिर फट कर निकल जाएगा उसने दिल की धड़कन इतनी तेज थी, कि जैसे तुरंत उसको हार्ट अटैक आने वाला हो,
आगे जाने के लिए पढ़ते रहिए तड़प तेरे प्यार की और प्लीज ल हमें जरूर बताइए कि हमारी यह कहानी आपके दिलों को छू रही हैं कि नहीं प्लीज 🙏🙏🙏 क्रमशः।।।।