पैरों में गिर कर रोते हुए शरद को सौरभ ने उठाया और कहा मेरे साथ गाड़ी में चलो शरद घबराया साहब मुझे कहां ले जा रहे हैं।
सौरभ ने कहा तुम चिंता मत करो अगर तुम मेरे सारे सवालों का सही जवाब दे दोगे तो मैं तुम्हें कुछ नहीं करूंगा और अगर तुमने जरा भी आनाकानी करी तो तुम जानते नहीं हो मैं कौन हूं ॽ
शरद सौरभ की ओर देखते हुए उठा और बोला साहब आप कुछ करेंगे तो नहीं ,सौरभ ने कहा तुम निश्चिंत रहो और मेरे साथ चलो शरद सौरभ के साथ चल दिया, दूर खड़ी मीनल सब देखती रहती है।
वह मन ही मन सोचती है अब यह कौन सी नई मुसीबत आ गई, और चुपचाप आकर गाड़ी में बैठ जाती है। सौरभ शरद को लेकर गाड़ी के पास आए शरद को गाड़ी में बैठने का इशारा किया,
किंतु मीनल को बैठे देख कर शरद गाड़ी में बैठने से थोड़ा कतराने लगा, मीनल को भी कुछ अजीब लगा सौरभ ने उसके मन की बात को समझते हुए मीनल से कहा मिस मीनल आप आगे आ जाइए, मैं पीछे बैठ जाता हूं ,
इतना सुनते ही मीनल झट से कार से उतरी और आगे की सीट पर आकर बैठकर मुस्कुराते हुए कहती है थैंक यू सर, सौरभ पीछे जाकर शरद के साथ बैठ गये, सौरभ ने ड्राइवर से कहा गाड़ी फॉर्म हाउस ले चलिए,
शरद को लेकर मीनल के मन में भी कई सवाल थे लेकिन सौरभ के कारण वह पूछ नहीं पा रही थी थोड़ी दूर गाड़ी जाने पर मीनल ले सौरभ से कहा सर क्या अब यह भी हमारे साथ फार्म हाउस चलेंगे सौरभ ने कहा तो क्या करें ,इनको रास्ते में उतार दे सौरभ का इस प्रकार उत्तर सुनकर मीनल चुप हो जाती है। और गुस्से से अपने मन में कहती है हमें क्या करना है चाहे जिसको ले जाए, इधर पार्टी में नव्या को सौरभ कहीं दिखाई नहीं देता वह समझ जाती है कि सौरभ फार्महाउस चला गया लेकिन एक क्षण उसके मन में विचार आता है इतनी जल्दी तो वो नवाबजादा जाने वाला नहीं है।कोई जरूरी काम होगा इसलिए चला गया, और अपनी बहनों से कहती है काफी देर हो गई अब हमें चलना चाहिए दोनों बहने नव्या के साथ बाहर निकलती रहती हैं ।निवि कहती है, नव्या दीदी वैसे तुम को चोट कैसे लगी थी, यह तो कहिए अच्छा था । जो सौरभ जी ने तुरंत पट्टी कर दी वरना खून बह कर नए कपड़ों में लग जाता और कपड़े खराब हो जाते, हमने तो देखा ही नहीं, आपके हाथों का बहता हुआ खून पता नहीं कैसे सौरभ जी ने देख लिया, नव्या बोली अगर सौरभ सिंघानिया की तारीफ हो गई हो तो हम घर चले ,दोनों बहने चुपचाप नव्या के पीछे पीछे चल देती हैं ।और घर की ओर निकल पड़ती है। घर पहुंचते ही जैसे ही नव्या और उसकी बहने घर के अंदर आती है , मां घबराकर नव्या का हाथ पकड़ कर पूछती है यह पट्टी क्यों बांध रखी है। कहां से लगी चोट तुझे नव्या कहती हैं। अरे मां छोटी सी खरोच है, आप खामखा परेशान हो जाती हैं। नव्या की मां बोली कैसे लगी तुझे यह चोट अरे, कुछ नहीं थोड़ा सा दीवाल के किनारे कील लगी हुई थी वही लग गई, आप चिंता मत करिए मैं बिल्कुल ठीक हूं मां मैं बहुत थक गई हूं अपने कमरे में जा रही हूं मां बोली हां ठीक है सुबह से लेकर शाम तक ऑफिस में काम करती है, ऊपर पार्टी में काफी समय लग गया तुम जाओ आराम करो नव्या सीढ़ियों से ऊपर अपने कमरे में चली जाती है। तभी निवि और हनी मां को बताती हैं मां पार्टी में बहुत बड़े बड़े बिजनेसमैन आए थे और आपको पता है। पार्टी के चीफ गेस्ट सौरभ सिंघानिया थे, उन्होंने ही तो दीदी के हाथों में मरहम लगाकर पट्टी बांधी हम तो देख ही नहीं पाए थे, कि दीदी के हाथ से खून भी बह रहा है ।मां कुछ सोच में पड़ जाती है, और कहती है ,तेरी दीदी की किस्मत में भगवान ने जाने क्या लिखा है, पता नहीं आगे सुख देखना है, या उस सौरभ सिंघानिया की वजह से आगे भी दुख ही झेलना है ।और चुपचाप सोफे में बैठ जाती है। सौरभ की गाड़ी फॉर्म हाउस पहुंच जाती है मिस मीनल अपना पर्स लेकर नीचे उतरती हैं, आपने रूम की तरफ जाने लगती हैं फिर पूछती है, सर कल ऑफिस कितने बजे निकलना है, सौरभ ने कहा वही जिस टाइम रोज निकलते हैं। मिस मीनल ओके सर कहकर आगे अपने रूम की तरफ बढ़ गई, सौरभ भी शरद को लेकर ड्राइंग रूम में पहुंचा ग्रैनी बैठी सौरभ का इंतजार कर रही थी ग्रैनी को देखकर सौरभ ने कहा आप अभी तक सोई नहीं, ग्रैनी बोली जब तक तू घर नहीं आ जाता मुझे नींद नहीं पड़ती चिंता लगी रहती है तेरी, सौरभ ने कहा अब मैं आ गया हूं अब आप जाकर सो जाइए तभी ग्रैनी की नजर पीछे खड़े शरद पर पड़ती है बिखरे बाल डरा हुआ चेहरा शरद को देखकर ग्रैनी बोली यह कौन है ॽसौरभ ने कहा ग्रैनी यह शरद है इसको मुझसे कुछ काम था, इसलिए इतनी रात को मेरे साथ चला आया आप चलिए, आप आराम से सोइये मैं काम निपटा कर आता हूं, यह सुनकर ग्रैनी उठी और धीरे-धीरे अपने कमरे की ओर चली गई ,सौरभ के फार्महाउस को देखकर शरद मन ही मन सोच रहा था इतना बड़ा घर गाड़ी सेक्रेटरी इसका मतलब यह कोई बहुत बड़े आदमी है चारों तरफ नजरें घुमा घुमा कर देख रहा था। तभी सौरभ ने कहा शरद पानी पियो शरद ने पानी का ग्लास उठाया और एक साथ में पूरा पानी पी गया सौरभ ने कहा अब मैं जो पूछने वाला हूं उसे बड़े ध्यान से सुनना और सही सही जवाब देना शरद ने हां में सिर हिला दिया सौरभ नेफिर वही प्रश्न पूछा कि तुम मिसेज नव्या को कैसे जानते होॽ शरद चुप था सौरभ ने यह प्रश्न बार-बार पूछा लेकिन शरद ने कोई जवाब नहीं दिया और चुपचाप बैठा यह सोच रहा था कि अब वह नव्या और सौरभ दोनों से ही पैसे निकलवा सकता है। सौरभ गुस्सा हो गया और गुस्से से आगबबूला होता हुआ बोला तुम को क्या दिक्कत है यह बताने में तुम्हारा नव्या का क्या रिश्ता हैॽ कैसे जानते हो तुम उसको, शरद बोला साहब गरीब आदमी हूं, कुछ पैसे मिल जाते तो॥। अब तक तो सौरभ को समझ आ गया था कि यह आदमी पैसे का लालची है ,पैसे के लिए कुछ भी कर सकता है क्योंकि वह भी एक बड़ा बिजनेसमैन था आदमियों की परख उसको भी थी।
लेकिन सौरभ को गुस्से में देख कर वह घबराकर डर गया और हकलाते हुए बोला बताता हूं बताता हूं साहब, नव्या जी हमें जेल में मिली थी ,जेल में हम और नव्या साथ साथ ही गए थे।
,सौरभ बड़े आश्चर्य॥ से बोला जेल में, तुम पागल तो नहीं हो गए हो नव्या क्यों जाएगी जेल, तो शरद ने कहा साहब , ऐसा पति भगवान किसी को न दें
,नव्या के कोई बॉस थे सौरभ नाम था उनका उन्होंने नव्या से शादी की थी और फिर उसको पुलिस के हवाले कर दिया, यह सुनकर सौरभ अपनी आंखें बंद करके अपने सिर पर दोनों हाथ रखकर धम्म से सोफे पर बैठ जाता है । उसे ऐसा लगा मानो उसके शरीर में जान ही न हो, शरद आगे बोला हां नव्या एक अच्छी लड़की है ।
लेकिन साहब मैं भी बेरोजगार हूं, जब जेल से निकला तो मुझे पता चला नव्या एक बहुत बड़ी बिजनेसवुमन है, सौरभ ने पूछा तुम्हें कैसे पता चला कि नव्या बिजनेस वुमन है। साहब जेल से छूटने के बाद मैं एक दुकान में बैठकर चाय पी रहा था ।
तभी एक अखबार में नव्या की तस्वीर देखी जब उसके नीचे मैंने पढ़ा तब मुझे पता चल गया कि नव्या इस समय बेंगलुरु की ही नहीं और कई जगहों पर अपना बिजनेस कर रही है, और यह जानकर मैं लालच में पड़ गया। आगे जानने के लिए पढ़ें तड़प तेरे प्यार की प्लीज हमें जरूर बताइए कि आपको यह कैसी लगी 🙏🙏🙏
क्रमशः