हाल में सब लोग बैठे रहते हैं तभी विहान की मॉम बताती हैं कि कल विहान की जयपुर वाली बुआ सुबह की फ्लाइट से यहां आ जाएंगी सौरभ बोला आप परेशान बिल्कुल मत होइए, जितने भी मेहमान आते जाएंगे उन सबके लिए मैंने स्पेशल ड्राइवर और गाड़ी की व्यवस्था की है ताकि उन लोगों को फार्म हाउस तक आने में कोई तकलीफ ना हो विहान कि मॉम बोली मैं विहान की बुआ के घर तक आने में तकलीफ की बात नहीं कर रही हूं दरअसल विहान की बुआ के आने के बाद मुझे सारी व्यवस्थाएं उन्हीं के हिसाब से manage करनी पड़ेगी वरना वह बात बात पर गुस्सा हो जाती है। सौरभ नव्या की ओर देखते हुए कहता है जी आंटी जी आप बिल्कुल सही कह रही हैं बहुत से लोग ऐसे हैं जो बात बात पर गुस्सा हो जाते हैं नव्यां समझ जाती है की सौरभ यह उसके लिए कह रहा है। विहान के डैडी बोले गुस्सा नहीं होती बल्कि वह चाहती हैं कि जो रीति रिवाज चले आ रहे हैं उन्हीं का हूबहू पालन हो ऐसा नहीं होता तो वह नाराज हो जाती हैं विहान की मां बोली ऐसा तो हो ही नहीं सकता अब किसी न किसी को किसी ने किसी चीज में देर तो हो ही जाती है कभी पंडित जी के आने पर कभी बच्चे नहीं तैयार हो पाते तो यह तो संभव ही नहीं है कि हर काम टाइम टू टाइम खत्म हो जाए,
विहान के डैडी बोले ठीक है तुम उनको बस नाराज मत करना अगर वह नाराज हो कर चली गई तो उनको मनाना बहुत कठिन है इसलिए कोशिश यही करना कि वह रूठे ही ना ग्रैनी बोली मेरे रहते कोई नहीं रूठेगा मैं सारे काम उन्हीं की मर्जी से और सही टाइम पर पूरा करवा दूंगी विहान की मां खुश होकर कहती हैं अब तो हमारे पास ग्रैनी है अब हमें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है जहां मैं नहीं पहुंच पाऊंगी वहां ग्रैनी देख लेंगी क्यों ग्रैनी ग्रैनी ने कहा यह भी कोई पूछने की बात है, थोड़ी देर बाद निवि सबके लिए कॉफी लेकर आती है ग्रैनी बोली अब मेरे सोने का समय हो गया मैं कॉफी नहीं पियूंगी आप लोग पीजिए विहान ने कहा ग्रैनी आप चली जाएंगी सोने तो हम लोग सब लोग बैठ कर बातें किससे करेंगे ग्रैनी बोली अरे कल सुबह उठना भी है मेहमान आ रहे हैं उनके स्वागत के लिए तैयारियां भी करवानी पड़ेगी विहान की मां बोली ग्रैनी बिल्कुल सही कह रही हैं अब हम लोगों को भी चलना चाहिए निवि ने कहा कोई भी बिना कॉफी पीए नहीं जाएगा सब लोग कॉफी पी लीजिए तब जाइए सौरभ बोला कॉफी पीकर तो मुझे नींद भी नहीं आती अगर मैंने कॉफी पी ली तो मैं पूरी रात जागता ही रहूंगा, यह सुनकर नव्या सौरभ की ओर देखने लगती है और अपने मन में सोचती है, हे भगवान अगर इसने कॉफी पी ली तो न खुद सोएगा ना मुझे सोने देगा, नव्या निवि से कहती है, किसी के साथ जबरदस्ती मत करो जो पिए उसको दे दो जिसको नहीं पीना है उसकी कॉफी ले जाकर किचन में रख दो सब स्टाफ के लोग पी लेंगे निवि ऐसा ही करती है जो कॉफी लेता है उसको देती है जो नहीं लेता उसकी कॉपी ले जाकर किचन में रख देती है सौरभ काफी उठाने के लिए हाथ बढ़ाता है, नव्या उसका हाथ पकड़ते हुए कहती है अरे नहीं सौरभ जी आप तो मत ही पीजिए वरना आप सुबह उठ ही नहीं पाएंगे और कल तो हमें ऑफिस भी जाना है, सौरभ कहता है अच्छा ठीक ह़ै आप जैसा कहेगी मैं वैसा ही करूंगा नव्या सोचती है सबके सामने सौरभ कुछ ज्यादा ही attitude दिखाने लगता है वह कुछ बोलती नहीं चुपचाप अपनी कॉपी लेकर पीने लगती है।
बिहान के डैड सौरभ से कहते हैं, कि बेटा अगर आज तुम समय से invitation card ना मंगवाते और उसे courier fax ना करवाते तो बहुत सारे मेहमान हमारे आ ही ना पाते वह तो तुम्हारी सूझ बूझ के कारण समय रहते हम लोगों ने सारा matter ही solve कर दिया सौरभ बोला अंकल आप कोई बाहरी थोड़ी है अब हम सब लोग अब एक घर के सदस्य की तरह हैं ।तो आपस में हम लोग एक दूसरे का इतना सहयोग तो करेंगें ही नव्या चुपचाप उन लोगों की बातें सुनती रहती है और फिर उसको समझ में आता है कि किसी न किसी रूप में बिहान की डैड की सौरभ ने आज मदद की थोड़ी देर बातचीत करने के बाद सौरभ उठ कर अपने कमरे में जाने लगता है तभी निवि सबको गुड नाइट बोलती है धीरे-धीरे सब उठ कर अपने कमरे में जाने लगते हैं।
नव्या अकेली हॉल में बैठी रहती है नव्या की मां और विहान की मॉम दोनों सोने के लिए जाने लगती है तो नव्या से कहती हैं बेटा काफी रात हो गई है अब तुम भी जाकर सो जाओ क्योंकि सुबह से ही तुमको ऑफिस और फंक्शन सब का arrangement सौरभ जी के साथ ही करना है नव्या बोली जी आंटी और गुड नाईट बोल कर अपने कमरे में चली जाती है कमरे में सौरभ मोबाइल पर पता नहीं किससे बातें करता रहता है नव्या सौरभ को देखती है और आकर अपने बिस्तर पर बैठ जाती है सौरभ बातें करने में इतना ज्यादा मशरूफ रहता है कि उसे यह ध्यान ही नहीं आता कि उसके कमरे में उसके साथ नव्या भी सोएगी तभी नव्या सौरभ की ओर देखती हुई कहती है मिस्टर सिंघानिया आपकी बातें खत्म हो गई हो तो मैं सो जाऊं सौरभ तुरंत फोन पर किसी से बाय बोल कर रख देता है और नव्या से कहता है जी नव्या जी आप सो जाइए नव्या अपने बिस्तर पर बैठकर अपनी तरफ की लाइट बंद कर देती है सौरभ की लाइट जलती रहती है सौरभ अपने मन में सोचता है कि एक न एक दिन मैं तुमको यह जरूर बताऊंगा कि मैं तुमसे कितना प्यार करता हूं बस हनी की शादी तक नहीं हमेशा हमेशा के लिए मैं चाहता हूं तुम मेरे साथ इसी कमरे में रह जाओ तभी नव्या उठती है और उठकर सौरभ के पास आकर कहती है मिस्टर सिंघानिया आप अपनी लाइट बंद करेंगे या नहीं सौरभ बोला नव्या जी हनी की शादी तक प्लीज आप मुझे मिस्टर सिंघानिया कहकर मत बुलाइए सौरभ या फिर सौरभ जी ही कहिए नव्या बोली ऐसा क्यों सौरभ ने कहा मैं आपकी सारी बातें मानता हूं तो आप मेरी एक बात तो मान ही सकती है ।
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