सौरभ के हाथ छोड़ने पर नव्या थोड़ा संभल कर उसके बगल से होती हुई बाहर निकल आती है। और बाहर निकल कर गहरी सांस लेती है।
मीनल नव्या को ध्यान से देखती रहती है। वह सोचती हैं , कि ऐसा क्या हुआ? जो नव्या मैडम इतना घबराकर बाहर निकली उसके पीछे सौरभ सर को आता देख मीनल उधर से अपनी नजरें हटा लेती हैं,,,
, सौरभ नव्या के पास आकर कहता है, मिलवाएगी नहीं मिसेज सिंघानिया मिस्टर सिंघानिया से, नव्या डरी सहमी सी सौरभ को देखती है।
और बिना कुछ कहे अपनी गाड़ी में बैठ जाती हैं, सौरभ भी चले जाते हैं, नव्या घर पहुंचती है, तो वह बहुत खुश नजर आती है, नव्या की मां बोली बेटी बहुत खुश हो क्या हुआ?
नव्या बोली मां मैं जिस काम के लिए हैदराबाद गई थी वह काम हो गया, उसकी मां बोली बेटा तुम्हारे जाने के बाद सौरभ सिंघानिया यहां आए थे, और तुम्हारे बारे में पूछताछ कर रहे थे,,
नव्या मां से बोली आपने कुछ बताया तो नहीं, मां बोली ऐसे कैसे बता देती ??तेरे वह दुख भरे दिन मैं कैसे भूल जाती आज भी तेरे गले में मंगलसूत्र और मांग में सिंदूर देख कर मेरा कलेजा भर आता है।
नव्या बोली वह सब छोड़ो मां मैंने सौरभ सिंघानिया की एक और कंपनी को अपने नाम करा लिया, वह दिन दूर नहीं जब सौरभ सिंघानिया सड़क पर आ जाएगा ।
,नव्या की मां बोली बेटा सौरभ के आने पर मैंने उसके आंखों में अपनी गलती के लिए पछतावा देखा , कहीं ऐसा ना हो बदले की आग में तू अपना ही घर जला डाले नव्या बोली मां हो सकता है।
वह बदल गया हो, लेकिन मैं उन दिनों को कैसे भूल जाऊं जब सब ने हम लोगों से मुंह फेर लिया था, और हम दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर थे इन सब का मुख्य कारण सौरभ सिंघानिया ही तो था, क्या-क्या नहीं झेला हम लोगों ने सब लोगों ने तो हमें छोड़ दिया, हमारी कितनी बेज्जती हुई , अब क्यों वापस आया हमारी जिंदगी में मां कुछ नहीं बोल पाती और चुपचाप नव्या के कमरे से बाहर चली जाती है।
नव्या मिस्टर डेविड को फोन करती है और कहती हैं अंकल हमारा दूसरा मिशन भी कामयाब रहा डेविड अंकल कहते हैं, वेरी गुड बेटा, उधर सौरभ घर वापस आता है
तो उसका मैनेजर उससे कहता है ,सर शाम को आपके बंगलोर आने के सम्मान में सभी बिजनेस मैंन ने मिलकर एक पार्टी रखी है,
आपको बतौर उसमें चीफ गेस्ट के रुप में इनवाइट किया है। सौरभ बोला मेरा मूड ठीक नहीं है अभी बाद में बात करेंगे और अपने कमरे में चुपचाप चला जाता है।
ग्रैनी यह सब देखती रहती है ,उसे लगा आज फिर कुछ हुआ सौरभ के साथ कई बार ग्रैनी के मन में आया वह खुद जाकर नव्या से बात करें उससे माफी मांगे और उसे समझाएं किंतु यह सोचकर शांत हो जाती कि शायद सौरभ के यह सब करने से नव्या ज्यादा प्रभावित होगी,
ग्रैनी सौरभ के कमरे में आती है, देखती है सौरभ अपना कोट उतार कर बिस्तर पर फेंक देता है, ग्रैनी कहती है ओ,,, हो,,, मेरे प्रिंस को इतना गुस्सा किस पर आया ?
,सौरभ ने कहां गुस्सा, मैंने तो गुस्सा करना कब का छोड़ दिया मैं क्या करूं ग्रैनी कैसे मैं नव्या को यकीन दिलाऊ कि अब मैं बदल चुका हूं, मैं उसको दिलो जान से चाहने लगा हूं ।
उसके बिना एक पल एक क्षण भी मुझसे रहा नहीं जाता उसके बिना जीवन की तो मैं कल्पना ही नहीं कर सकता, एक बार मछली पानी के बिना रह सकती है ।
किंतु अब मैं नव्या के बिना नहीं रह सकता, ग्रैनी वह बोली अरे ओ मेरे हीरो तू एक बिजनेसमैन है ।तेरे अंदर पेशेंस तो बहुत होगा इतनी जल्दी तू कैसे हार मान सकता है ,
क्योंकि तू तो सौरभ सिंघानिया है ।जिसने हार मानना कभी सीखा ही नहीं नव्या अच्छी लड़की है लेकिन उसकी आत्मा पर चोट लगी है धीरे धीरे उसका घाव भर जाएगा और वह भी तुझ से उतना ही प्यार करेगी ,जितना तू उससे करता है।
वह भी तेरे बिना रह नहीं पाएगी, सौरभ दौड़ के ग्रैनी के पास आता है बोलता है ।तुम सच कह रही हो ग्रैनी ऐसा होगाॽ ग्रैनी बोली बिल्कुल होगा मेरे प्रिंस ऐसा जरूर होगा।
अब जा कपड़े बदल ले कपड़े बदलने सौरभ उठता है। और कपड़े बदल कर बाहर आता है फिर ग्रैनी से बोलता है कि आज रात में यहां के सारे बिजनेसमैन ने मिलकर मुझे चीफ गेस्ट के रुप में इनवाइट किया है ।
,ग्रैनी बोली जा तेरा मन थोड़ा बहल जाएगा, और हो सकता है उस पार्टी में नव्या भी हो सौरभ ने तो यह सोचा ही नहीं था अचानक सौरभ बोला मैं जरूर जाऊंगा पार्टी में ग्रैनी हस पड़ी और बोली हां हां जरूर जाना ,
यह कहकर ग्रैनी सौरभ के कमरे से बाहर आ जाती है, सौरभ ने सोचा नव्या को फोन कर पता करे कि वह पार्टी में आएगी कि नहीं, फिर उसने सोचा कोई फायदा नहीं है ।
अगर आएगी भी तो बताएगी नहीं ,इसलिए फोन नहीं करता उधर नव्या को भी पार्टी का इनविटेशन आया था, नव्या की बहन कार्ड लेकर नव्या को दिखाती है ,और कहती है दीदी सारे बिजनेसमैन होंगे तो बिजनेस वूमेन भी जाएगी,,
,नव्या बिना कार्ड देखे ही कहती है कहां जाना है, निवि बोली, दीदी यहां का सबसे अच्छा फाइव स्टार होटल है ,वही पार्टी है नव्या ने कहा तुम और हनी भी तैयार हो जाओ हम तीनों साथ चलेंगे निवि खुश हो जाती हैं।
निवि को खुश देख कर नव्या भी मुस्कुरा देती है, ग्रीन कलर की सिल्क की साड़ी में लिपटी नव्या बहुत ही खूबसूरत लग रही थी, पार्टी में पहुंचने पर सबकी निगाहें नव्या की ओर जाती है हरी साड़ी में उसकी सुंदरता और निखर कर आ रही थी।
तभी अचानक भीड़ से निकलकर एक आदमी नव्या से टकराता है, नव्या ने पलट कर देखा तो कुछ जाना पहचाना चेहरा लगा, फिर थोड़ा ध्यान से देखने पर नव्या को याद आया कि यह तो शरद है ।हां वही शरद जो नव्या को जेल में मिला था
, जैसे नव्या उसको पहचानती है उसका चेहरा पसीना पसीना हो जाता है ।दूर खड़े सौरभ यह दृश्य देख रहे थे ,सौरभ को लगा की आखिरी आदमी है कौन जिसको देखकर नव्या इतना घबरा गई ,,,,
क्या यह इसे पहले से जानती है, ?क्या यही नव्या का पति है।?? यह सब जानने के लिए पढ़ते रहिए "तड़प तेरे प्यार की"और कमेंट करके हमें जरूर बताइए कि आपको यह कैसी लगी क्रमशः।।।।।