नव्या सौरभ को इंस्पेक्टर से बात करते देख ,बहुत खुश होती है और सोचती है थैंक गॉड मिस्टर सिंघानिया बच गए वरना इन बेवकूफों ने तो आज मुझे बुरी तरह फंसाया ही था।
, अभी तो एक आदमी को पुलिस पकड़कर ले गई है जाने वह क्या बताएगा?, वैसे मैंने अपने सभी आदमियों को अच्छी तरह से समझाया है ।
कि कभी भी पुलिस के हाथ पड़ जाओ तो मेरा नाम मत लेना तभी मैं तुम्हारी मदद कर पाऊंगी ,अगर तुम में से किसी ने मेरा नाम लिया तो मैं मदद भी नहीं कर पाऊंगी और उल्टा तुम फंस जाओगे,
सौरभ की गाड़ी जाने बाद नव्या भी घर के लिए निकलती है लेकिन फिर रास्ते में सोचती है कि मुझे भी फॉर्म हाउस जाना चाहिए नहीं तो ग्रैनी सोचेंगी कि मेरे फोन करने के बावजूद नव्या फॉर्म हाउस देखने भी नहीं आई कि सौरभ जी आए या नहीं यही सब सोचकर नव्या अपनी गाड़ी फॉर्म हाउस की ओर घुमा लेती है ।
सौरभ जैसे ही फॉर्म हाउस पहुंचता है ,ग्रैनी उसको पकड़ कर रोने लगती है। तभी नव्या की गाड़ी भी आकर फॉर्म हाउस के गेट पर रूकती है।
नव्या गाड़ी से उतरकर सौरभ और ग्रैनी को देखने लगती है ग्रैनी सौरभ को अपने सीने से लगा कर कहती है कहां चले गए थे मुझ अकेली बुढ़िया का तुम ही तो एक मात्र सहारा हो ऐसे कैसे बिना बताए तुम चले गए ।
सौरभ बोला अरे परेशान बिल्कुल मत होइए मुझे थोड़ा सा काम था और आप सो रही थी इसलिए मैं बिना बताए जल्दी में निकल गया नव्या अपने मन में सोचती है कि सौरभ जी अपनी ग्रैनी को कितना प्यार करते हैं ।
उन्हें तकलीफ ना हो इसलिए उन्होंने यह भी नहीं बताया कि इन की किडनैपिंग हुई थी उसी समय ग्रैनी नव्या को देखती है और कहती हैं बताओ बेचारी नव्या को भी आधी रात को यहां आना पड़ा सौरभ पलट कर देखता है तो नव्या खड़ी रहती है।
सौरभ ग्रैनी को पकड़कर आगे ले चलता है तभी मीनल आ जाती है और वह ग्रैनी का हाथ पकड़कर उन्हें ड्राइंग रूम की ओर ले चलती है पीछे पीछे सौरभ भी आते रहते हैं और नव्या भी उनके पीछे आती है सौरभ नव्या के समीप जाकर कहते हैं।
मिसेज सिंघानिया मैंने तो आपसे पहले ही कहा था, मैं आपको लेने फार्महाउस से आपके घर आ जाऊं लेकिन आप ही ने मना कर दिया था अगर आप मुझे लेने बुला लेती तो आपको यूं आधी रात को भागे भागे ना आना पड़ता नव्या कुछ नहीं बोलती बस मुंह बना लेती है सौरभ, फिर कहते हैं मेरी बातों का बुरा मान गई क्याॽ नव्या कुछ नहीं बोली सौरभ ने कहा बताइए, नव्या बोली बुरा क्यों मानूंगी मेरा आपका रिश्ता ही क्या हैॽ सौरभ ने नव्या का हाथ पकड़कर अपनी ओर खींचते हुए कहा ऐसे ही मिसेज सिंघानिया बन बैठी आप बिना रिश्ते के ही और बिना रिश्ते के ही आधी रात को मेरे लिए फॉर्म हाउस में दौड़ी चली आई बताइए, वैसे मिसेज सिंघानिया क्या यह रिश्ता पर्याप्त नहीं है नव्या कुछ नहीं बोलती चुपचाप अंदर की ओर जाने लगती है तभी ग्रैनी नव्या से कहती हैं बेटी रात बहुत हो गई है अब तुम यही सो जाओ कल सुबह होते ही चली जाना नव्या चाह कर भी ग्रैनी की बात नहीं टाल पाती और कहती है ठीक है, आज रात में यहीं रुक रही हूं, उसके ऐसा कहने पर सौरभ कहते हैं हां मुंह दिखाई के बाद की रसम तो अभी बकाया ही है नव्या उसको घूरते हुए अपने पैर से उसके पैर पर कसकर मारते हुए आगे बढ़ जाती है, नव्यां के ऐसा करने से सौरभ बिल्कुल चीख पड़ते हैं , क्योंकि नव्या के पैरों के सैंडिल की हील सौरभ के पैरों में लगभग चुभ जाती है। मीनल और ग्रैनी अचानक चीख सुनकर पलटकर कहती है क्या हुआ, सौरभ बोला कुछ तो नहीं ग्रैनी ने कहा फिर तुम चीखें क्यों सौरभ ने कहा मुझे लगा शायद मेरे पैर के नीचे कुछ आ गया लेकिन अब ठीक है आप लोग चलिए नव्या आगे की ओर बढ़ने लगती है तभी सौरभ पीछे से उसका हाथ पकड़ कर अपने पास खींच कर कहते है मिसेज सिंघानिया शरारत हमी से नव्या अपना हाथ छुड़ाकर कहती है यह कोई शरारत नहीं है शरारत तो आप जैसे लोग करते हैं हम जैसे लोग नहीं सौरभ नव्या की ओर देखता हुआ कहता है कब तक यूं ही मुझे ताने देती रहोगी नव्या ने कहा जब तक मेरी आत्मा जलती रहेगी उसकी तड़प तुम्हें भी सुनाई देगी मेरे तड़प का एहसास तुम्हें होगा सौरभ ने कहा कल सुबह से बहुत थक गया हूं,, अब मैं आप से बहस के मूड में नहीं हूं ।यह कह कर सौरभ आगे की ओर बढ़ गया नव्या उनके पीछे आती है और अपने मन में सोचती है, कितना स्वार्थी है यह, इस आदमी के लिए आधी रात को घर से फार्म हाउस आती हूं लेकिन इसको कोई फर्क नहीं पड़ता , यही सब सोचते हुए नव्यां आगे बढ़ती है तभी आगे देखती है कि दरवाजे के पास सौरभ झुककर प्रपोज करने के पोज़ में बैठे रहते हैं, नव्या उनको देखते ही कहती है कि अब यह कौन सा नया नाटक शुरू हो गया है। सौरभ ने कहा कि यह नाटक नहीं है मिसेज सिंघानिया कल आपकी मुंह दिखाई थी और आज अपनी सुहागरात ,आप खुद ही सारे लोकलाज छोड़कर मेरे पास दौड़ी चली आयी तो इतना तो मेरा भी फर्ज बनता है नव्या बोली ओ हेल्लो आप तो ऐसे बोल रहे हैं जैसे मैं आपके फार्महाउस में आने के लिए मरी जा रही थी ,ऐसा नहीं था मुझे तो ग्रैनी ने फोन करके बताया कि सौरभ फॉर्म हाउस में नहीं है इसलिए मैं ग्रैनी के पास आई थी ताकि वह अकेले ना रहे सौरभ ने कहा नव्या जी अब बहाने बनाना बंद करिए मुझे अच्छी तरह पता है कि आप किसके लिए यहांआई हैं। नव्या गुस्साते हुए कहती है आप कुछ ज्यादा ही नहीं सोच रहे हैं मिस्टर सिंघानिया और अपने मन में बढ़बढ़ाती हैं ,पागल कहीं का क्या कहा आपने मुझे पागल नव्या कुछ बोलती उसके पहले सौरभ ने कहा मैंने सुन लिया हां मैं पागल हूं लेकिन मैं तुम्हारे प्यार में पागल हूं नव्या कुछ बोलती नहीं बस मुंह बनाकर आगे बढ़ जाती है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहे तड़प तेरे प्यार की और हमें समीक्षा करके जरूर बताएं कि हमारी कहानी आपको कैसी लगी 👍🙏 क्रमशः।।