ड्राइंग रूम में सब लोग बैठ कर बातें करते रहते हैं तभी सौरभ देखता है कि नाश्ता लगने लगता है। सौरभ ने निवि से कहा मुझे हैंड वॉश करना है।
निवि जी कहकर सौरभ को वॉश बेसिन तक ले जाती हैं मौका देख कर नव्या झट से वाशबेसिन के पास जाती है और सौरभ, के बगल खड़ी होकर सौरभ से कहती है।
मिस्टर सिंघानिया आप मेरी मजबूरी का फायदा नहीं उठा सकते आप अपनी हद में रहिएगा और अपनी लिमिट मत क्रॉस करिएगा नव्या की इस तरह बात सुनकर सौरभ को थोड़ा गुस्सा आता है।
नव्या यह कहकर जैसे ही आगे बढ़ती है सौरभ पीछे से उसका हाथ पकड़ कर खींच लेता है नव्या गिरती हुई उसकी बाहों में आ जाती है सौरभ एकदम से नव्या को देखता है, नव्या की नजरें सौरभ की नजरों पर टिक जाती है ।
फिर नव्या झटके से सौरभ से अपने को छुड़ाते हुए कहती है अपनी लिमिट में रखो अपनी लिमिट क्रॉस करने की कोशिश भी मत करना समझे तुम,,,,
यह कहकर उसे कुछ धकेलते हुए आगे बढ़ जाती है, नव्या का यह तेवर सौरभ से बर्दाश्त नहीं होता किंतु सौरभ ने नव्या के साथ जो किया था वह याद करके सौरभ सोचता है यही मेरा पास पश्चाताप है और मुझे अपना पश्चाताप करना ही है।
सौरभ सोचना है चाहे नव्या जिस रूप में मुझे सजा दे हर रूप में मुझे उसकी सजा स्वीकार है । सौरभ हैंड वाश करके वापस आता है ,आकर विहान के बगल सोफे पर बैठ जाता है।
तभी अंदर से नौकर नाश्ता लेकर आने लगते हैं निवि और नव्या दोनों बहने उठकर सबको नाश्ता सर्व करने लगती है जैसे ही नव्या सौरभ को नाश्ता देती है, तो सौरभ अपनी प्लेट से चीज सैंडविच उठाकर निकालने लगते है।।
विहान कहता है आप चीज सैंडविच नहीं खाते सौरभ बोला नहीं मुझे चीज से एलर्जी है बिहान ने आश्चर्य से कहा नव्या जी ने ही सर्व की है उन्हें नहीं पता कि आपको चीज से एलर्जी है और आप चीज सैंडविच नहीं खाते, इस पर सौरभ ने तुरंत बात बदलते हुए कहता है
, की खाता हूं किंतु बहुत कम खाता हूं कभी-कभी खा लेता हूं इसलिए शायद नव्या जी ने चीज सैंडविच मुझे भी दे दिया,
सौरभ और विहान से नव्या की मां कहती है बेटे आप लोग तो कुछ खा ही नहीं रहे हैं नव्या की मां के मुंह से बेटा शब्द सुनकर मानो सौरभ को उनसे कुछ लगाव और जुड़ाव सा हो गया था।
,बहुत ज्यादा तो कुछ नहीं बोल सका बस ॑॑जी॔ कहकर रुक गया ,यह सुनकर विहान कि मॉम बोली बहन जी आप परेशान मत होइए यह आपके बेटे के समान है, तो इन्हें कैसा संकोच अपना ही घर समझो और यह आपकी मां के समान है।
बिहान और सौरभ चुप थे सौरभ को तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था वह अपने मन में सोचता है,कि आज ईश्वर की कौन सी कृपा मेरे ऊपर हो गई है जो इतना प्रेम हर तरफ से मिल रहा है, आज ग्रैनी के हाथ का नाश्ता नहीं खा पाया क्योंकि मुझे नाश्ता यहां जो करना था,
सब लोग नाश्ता कर रहे थे तभी सामने से हनी लाइट पीच कलर के सिंपल हल्के चमचमाते सितारों जैसी ड्रेस पहने दोनों हाथों में एक ट्रे में चाय लिए ड्राइंग रूम में आती है उसकी खूबसूरती देखकर विहान, उठकर खड़ा हो जाता है, ।
विहान के पेरेंट्स उसे ऐसा करते देख हंसने लगते हैं विहान ने हनी, की जो फोटो देखी थी उससे कई गुना ज्यादा हनी सामने से खूबसूरत थी।
विहान के पेरेंट्स कहते हैं बेटा कैसी लगी हनी विहान तो मानो किसी अलग दुनिया में ही खोया था, उसको हनी किसी परी से कम नहीं लग रही थी सौरभ को भी हनी बेहद खूबसूरत लग रही थी
,लेकिन नव्या के मुकाबले कहीं कम सौरभ मन ही मन कहता है आज भी मेरी नव्या तुम दोनों बहनों से कहीं ज्यादा खूबसूरत है, और यह बात सच भी थी तीनों बहनों में सबसे सुंदर नव्या ही थी, आमतौर पर ज्यादातर बहुत सिंपल रहती थी तब भी वह बहुत खूबसूरत दिखती थी।
अब सबकी नजरें हनी की ओर रहती हैं किंतु सौरभ की नजर तो बस नव्या पर रहती है ,विहान की मांम हनी को विहान के बगल बैठने का इशारा करती हैं ।
,हनी विहान के बगल जाती है लेकिन सौरभ को बैठे देख वह पीछे हटने लगती है ।तभी विहान जो हनी को देखकर उठ कर खड़ा हो गया था हनी को बैठने का इशारा करता है, सौरभ का ध्यान इधर रहता ही नहीं वह तो नव्या की तरफ देखता रहता है ,
तभी सौरभ ने देखा नव्या उसके समीप चली आ रही है सौरभ मन ही मन सोचता है अब क्या हुआ मैडम क्यों मेरे पास चली आ रही हैं?
,जैसे ही नव्या सौरभ के पास आई सौरभ का हाथ पकड़कर उठाते हुए कहती है सौरभ जी आइए आप यहां इधर बैठिए वहां विहान और हनी को बैठने दीजिए सौरभ घबराकर कहता है ।
ओह,आई एम सॉरी मैंने तो ध्यान ही नहीं दिया इस पर नव्या धीरे से कहती है आप ध्यान कब देते ही हैं, इस पर सौरभ कुछ बोलने वाला ही था तभी विहान की मॉम को लगा कि विहान के बगल से सौरभ को उठाकर हमने अच्छा नहीं किया वह तुरंत बोली बेटा सौरभ आइए आप नव्या के बगल बैठ जाइए अब तो सौरभ व्यंग्य से हंसता हुआ नव्या की ओर देखता है नव्या मुंह बनाकर सौरभ के बगल वाले सोफे पर बैठ जाती है।
नव्या को सौरभ के बगल वाले सोफे पर बैठे देखकर विहान की मॉम बोली क्या हुआ नव्या बेटा अभी तुम्हारे सिर का दर्द ठीक नहीं हुआ क्या ॽनव्या धीरे से सौरभ को सुनाते हुए कहती है सिर दर्द तो बगल में ही बैठा है जब हटे गा तभी ठीक होगा,
नव्या कुछ बोलती उसके पहले घबराकर सौरभ भोला नव्या जी आपने बताया क्यों नहीं आपके सिर में दर्द है आपने कोई मेडिसिन ली नव्या मन में सोचती है ॎचिंता तो ऐसे कर रहा है मानो हमेशा से मेरा ध्यान रखता आया हो, स्वार्थी कहीं का ॎ, नव्या ने देखा कि विहान कि मॉम उसकी ओर देख रही हैं झूठी मुस्कान बना कर सौरभ की ओर देखते हुए बोली आप परेशान मत होइए मेरे सिरका दर्द अब ठीक है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए तड़प तेरे प्यार की और समीक्षा करके हमें जरूर बताइए कि हमारी यह कहानी आपको कैसी लगी 🙏🙏🙏🙏 क्रमशः।।।।