सौरभ के इस तरह बोलने पर नव्या थोड़ा नाराज होती है और वह सौरभ से पूछती है कि आपने कुछ कहा क्या मिस्टर सिंघानिया सौरभ ने मुस्कुराते हुए कहा नहीं तो किंतु बगल में विहान को बैठे देख वह चुपचाप बर्दाश्त करती रहती हैं,।
हालांकि विहान का ध्यान सौरभ की बातों पर नहीं रहता उसका पूरा ध्यान हनी के साथ वक्त बिताने में रहता है। हनी और विहान एक दूसरे की छोटी से छोटी बातों को जानना चाहते थे ,इसलिए वे चुपचाप एक दूसरे के हाथों में हाथ लिए मूवी देखते रहते हैं।ेे
सौरभ का ध्यान तो पूरा नव्या पर था पता नहीं क्यों उसको मूवी देखने की बिल्कुल इच्छा नहीं हो रही थी, नव्या चुपचाप मूवी देख रही थी, सौरभ बीच-बीच में जानबूझकर नव्या से कुछ न कुछ पूछने लगता इस पर नव्या खीझ जाती ऐसा कई बार करने पर नव्या ने कहा इससे पहले मिस्टर सिंघानिया आप कभी मूवी नहीं देखने गए हैं क्याॽ
सौरभ ने कहा बहुत कम गया हूं क्योंकि मेरे पास तो टाइम ही नहीं रहता कि मैं मूवी देख सकूं नव्या अपने मन में सोचती है कितना झूठ बोलते है, अगर गये न होते तो इनको मूवी का आइडिया कैसे आता ,फिर थोड़ी देर बाद सौरभ अचानक नव्या का हाथ पकड़ लेता है ,नव्या भरसक प्रयास करती है सौरभ से अपना हाथ छुड़ाने का सौरभ कस के पकड़े रहता है।
नव्या पूरी ताकत लगा देती है, लेकिन वह अपना हाथ छुड़ा नहीं पाती जैसे सौरभ तो यह सोच कर बैठा हो कि आज मैं नव्या का हाथ पकडूंगा जरूर नव्या को बहुत तेज गुस्सा आता है ,किंतु बगल में विहान बैठा रहता है वह कुछ करती नहीं बस हाथ की कलाइयों को चारों तरफ घूमाती रहती है।
फिर नव्याने दूसरे हाथ से सौरभ की हाथ पर कसके चुटकी काटी सौरभ चीख उठा और हाथ छोड़ते हुए थोड़ा पीछे हो गया घबराकर विहान और हनी ने पूछा क्या हुआ सौरभ बोला कुछ नहीं तभी नव्या ने कहा पिक्चर इतनी डरावनी तो नहीं है कि डर के मारे आप की चीख निकल गई सौरभ नव्या की ओर देखता है ,किन्तु कुछ बोलता नहीं नव्या अपने मन में सोचती है अब थोड़ी देर शांति से बैठे रहेंगे वरना ना खुद शांति से बैठते और ना मुझे बैठने देते, नव्या मन ही मन मुस्कुराती है सौरभ थोड़ा मुंह बना लेता है।
, तभी इंटरवल हो जाता है, सौरभ उठकर बाहर निकलने लगता है, पीछे से विहान उसको आवाज देता है सौरभ जी मैं भी आ रहा हूं, सौरभ रुककर उसके आने का इंतजार करते है, और दोनों बाहर निकल जाते हैं।
अब हनी नव्या के पास आकर कहती है, दीदी सौरभ जी ने ही सारा प्लान बनाया था, यह बात मुझे अभी विहान से पता चली, नव्या बोली मुझे पता है, हनी ने कहा आपको पता है??
हां भाई मुझे पता है तो हनी ने कहा फिर आप सौरभ जी से इतना दूर दूर क्यों भागती हैं, नव्या ने हनी की बात को टालते हुए कहा मैं उस इंसान के पास कैसे रहूं जिसने मेरा सब कुछ बर्बाद कर दिया हो,,
जब तक वह मेरे पास रहता है मुझे एक पल भी चैन नहीं रहता मुझे ऐसा लगता है मानो मैं कोई गलत काम करे जा रही हूं मैं अपने रास्ते से भटक रही हूं बस एक बार तेरी शादीै विहान से हो जाए उसके बाद तो मैं इस सौरभ सिंघानिया को सड़क पर लाकर दर-दर की ठोकरें न खिलाई तो मेरा भी नाम नव्या आहूजा सिंघानिया नहीं हनी ने कहा लेकिन दीदी अब भी आप सौरभ जी के बारे में ऐसा ही सोचती हैं।
जब सौरभ जी आपके पास होते हैं तो आप इतना ज्यादा ओवर रियेक्ट करती हैं, कि ना चाहते हुए भी अगल बगल वाले को पता चल जाता है।
कि आप दोनों के बीच सब कुछ सही नहीं है तभी नव्या को नीलेश सामने से आता हुआ नजर आता है, नव्या अपना मुंह छुपाते हुए ओ माय गॉड मर गए, हनी कहती है अब क्या हो गया ??
अरे वह सामने मेरे ऑफिस के कभी मिस्टर नीलेश जी हैं हनी ने कहा तो क्या हो गया दी अगर आपको उनसे बात करने का मन नहीं तो आप मत बात करिए नव्या ने कहा ऐसी बात नहीं है नीलेश ने मुझसे कॉफी पीने के लिए चलने की जिद्द की थी लेकिन मैं जरूरी काम बता कर निकल आई अब मुझे यहां थिएटर में पिक्चर देखते देख सोचेगा कि मैंने उससे झूठ कहा, अरे तो आप कह दीजिएगा कि मैंने आपसे थिएटर आने की जिद की थी!
वह तो ठीक है लेकिन अगर उसने मुझे सौरभ के साथ देख लिया तो जाने क्या सोचेगा हनी ने कहा दी आप चिंता मत करिए जब तक विहान और जीजू आएंगे तब तक हॉल में अंधेरा हो जाएगा और वह कुछ देख नहीं पाएंगे, जीजू शब्द सुनते ही नव्या हनी को डांटते हुए कहती हैं तुम लोग क्यों उसको जीजू जीजू कहते हो नहीं है ।
वह तुम्हारा जीजू सब सुनकर उसका दिमाग सातवें आसमान पर पहुंच जाता है और वह अपने आप को पूरी तरह से इस घर का जमाई समझने लगता है। सामने से आते हुए नीलेश नव्या के एकदम पास आकर हेलो नव्या तुमने बताया नहीं कि तुम को मूवी देखने आना था बताया होता तो हम सब साथ में आ जाते नव्या शर्मिंदा होते हुए कहती हैं प्लीज आप मुझे और लज्जित ना करें, मैं तो आना ही नहीं चाहती थी किंतु हनी ने इतनी ज्यादा जिद की कि मुझे आना पड़ा। नीलेश बोला child yaar इतना परेशान मत हो मेरे साथ कॉफी फिर कभी पी लेना कोई बात नहीं मैं तुमसे कोई excuse नहीं मांग रहा हूं नव्या की निगाहें बार-बार दरवाजे की तरफ रहती हैं वह मन ही मन सोचती रहती है यह कहीं ऐसा ना हो मैं नीलेश से बात करती रहूं और और सामने से मिस्टर सिंघानिया आ जाएं तो मैं नीलेश को क्या जवाब दूंगी वैसे ही मुझे उसके सामने बहुत ज्यादा शर्मिंदगी महसूस हो रही है। नव्या को उधर बार-बार देखते नीलेश ने पूछा कोई आने वाला है, नव्यां ने कहा नहीं तो तब आप बार-बार दरवाजे की तरफ क्यों देख रही हैं। नव्या ने कहा वह मुझे जरा बाहर वॉशरूम जाना है।
इसलिए निलेश ने कहा ओ एम सॉरी आप जाइए तभी नव्या ने हनी की ओर इशारा करते हुए कहा meet my sister honey Ahuja नीलेश ने हेलो बोला और हनी से बातें करने लगा।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहें तड़प तेरे प्यार की और प्लीज समीक्षा करके हमें जरूर बताएं कि हमारी यह कहानी आपको कैसी लगीं 🙏