नव्या अपने मन में सोचती है कि मिस्टर सिंघानिया कोई काम करते तो है नहीं तो बोर्ड ऑफ मेंबर्स ने इनके काम की तारीफ कैसे की यह बात मुझे कुछ समझ नहीं आई ??
फिर अपने मन में कहती है की यही तो इनके सफल बिजनेसमैन होने का राज है सफल बिजनेसमैन काम करें या ना करें उसका पूरा काम समय पर कंप्लीट होता ही है।
सौरभ नव्या के पास आकर पूछता है, मिसेज सिंघानिया किस सोच में डूब गई नव्या ने घबराकर अरे कुछ नहीं, मिस्टर नीलेश मुंह बनाकर सौरभ की ओर देखते हैं ।
सौरभ निलेश से कुछ नहीं बोलते मीनल से कहते है। कि आप फार्महाउस जल्दी निकल जाइएगा एक छोटी सी पार्टी है उसका आयोजन आपको करना है मीनल खुश होती हुई पूछती है, किस चीज की पार्टी है सौरभ ने कहा वेलकम पार्टी मीनल की जिज्ञासा बढ़ती जाती है, और वह तुरंत पूछती है कौन आ रहा है सौरभ कुछ नहीं बोलता और कहता है जब आएंगे तो देख लीजिएगा,
नव्या सौरभ और मीनल की बातें सुनकर सौरभ से पूछती है आज कुछ है क्या ?सौरभ बोला हां आज मेरी जिंदगी का सबसे खास दिन है नव्या ने पूछा आज आपका बर्थडे है।
सौरभ बोला नहीं उससे भी ज्यादा खास दिन है आज मेरे लिए ,नव्या समझ नहीं पाती इसलिए आगे वह कुछ नहीं पूछती सौरभ के चेहरे की मुस्कान मीनल और नव्या दोनों देखती रहती हैं, ।
इधर नव्या के घर पर सब लोग नव्या और सौरभ के आने का इंतजार करते रहते हैं, क्योंकि आज सबको सौरभ ने फॉर्म हाउस में इनवाइट किया था तभी नव्या अपनी गाड़ी से घर आती है।
नव्या को अकेले देखकर नव्या की मां पूछती है, बेटा सौरभ जी तुम्हारे साथ नहीं आए, सबको साथ खड़े देख कर नव्या बोली मां सौरभ जी थोड़ी देर बाद आएंगे उन्हें कुछ काम था इसलिए वह चले गए, नव्या को तो पता ही नहीं था की सौरभ आज सुबह उसे जानबूझकर फार्म हाउस ले जाता है, से क्योंकि उसे तो यही पता था कि नव्या कभी फार्महाउस नहीं गई इसलिए वह जानबूझकर नव्या को फार्महाउस ले जाता है लेकिन उसे तो यह पता ही नहीं था कि नव्या और अशोक जी ने मिलकर फार्महाउस को होटल के रूप में तब्दील करके खूब पैसा बनाया सौरभ इस समय फार्महाउस की डेकोरेशन और होने वाली पार्टी के इंतजाम में बिजी था, फिर अचानक उसको याद आता है कि जाते समय उसने नव्या से यह कहा ही नहीं कि वह सब को लेकर फॉर्महाउस चली आए इसीलिए वह नव्या के मोबाइल पर फोन करता है निवि नव्या का मोबाइल लेकर आती है और कहती है दीदी जीजू का फोन है, विहान की मांम बोली कि सौरभ से पूछो कि अभी उनके आने में टाइम लगेगा क्याॽ नव्यां जी आंटी कह कर सौरभ से फोन पर बात करने लगती है सौरभ कहते हैं कि नव्या जी आप सब को लेकर मेरे फॉर्म हाउस पर आ जाइए मैं थोड़ा बिजी हूं मुझे फॉर्म हाउस पहुंचने में थोड़ा टाइम लग जाएगा नव्या बोली पर मिस्टर सिंघानिया मैं कैसे सब को लेकर सौरभ ने कहा कुछ नहीं आप सब को लेकर आ रही है बस यह कह कर सौरभ ने फोन काट दिया, नव्या कुछ कह नहीं पाई और अपने मन में गुस्सा होती है कि पता नहीं कहां के लाट साहब है कि एक काम जिम्मेदारी से नहीं कर सकते फार्महाउस इन वाइट सबको करना है लेकिन लेकर मैं जाऊं सबको विहान की मॉम ने पूछा सौरभ ने क्या कहा नव्या बोली सौरभ जी ने हम लोगों को फॉर्म हाउस बुलाया वह नहीं आ सकते क्योंकि थोड़ा बिजी हैं विहान बोला कोई बात नहीं हम सब लोग फॉर्म हाउस चलते हैं आप तो है ही हैं आपको तो रास्ता पता ही है नव्या बोली हां हां चलिए सब तैयार खड़े रहते हैं और फार्महाउस की ओर निकल पड़ते हैं। सौरभ जल्दी-जल्दी सारी तैयारियां करवाता है ग्रैनी को बताता है कि आज सब लोग फॉर्म हाउस मे डिनर पर इनवाइट है ग्रैनी बोली आज ही से सब रुकेंगे या फिर किसी और दिन से सौरभ ने कहा मुझे यह सब नहीं पता लेकिन आज रात का खाना सब साथ में खाएंगे ग्रैनी ने कहा एक बात मुझे समझ नहीं आई कि जब तूने सबको खाने पर इनवाइट किया था तो यह पार्टी किस लिए सौरभ ने कहा सुबह तुम्हारी बहू आई थी तो शाम को उसका रिसेप्शन होना चाहिए ना, अब इस समय तुम उसकी मुंह दिखाई की रस्म कर सकती हो, ग्रैनी कहती है मैंने तो इस ओर ध्यान ही नहीं दिया ग्रैनी सौरभ से कहती हैं सच-सच बताना की अब तू सचमुच नव्यां से प्यार करने लगा है ना सौरभ कुछ बोलता नहीं ग्रैनी के गले लग जाता है ग्रैनी कहती है तू चिंता मत कर नव्यां को मनाने में अब तो मैं भी तेरे साथ हूं सौरभ ने कहा जानता हूं ग्रैनी, सब लोग नव्या के साथ फार्महाउस पहुंच जाते हैं फार्महाउस की ख़ूबसूरती और सुंदरता देखकर विहान के डैडी और नव्या की मां विहान की मांम सब बहुत खुश होते हैं, और कहते हैं फार्महाउस आने का निर्णय एकदम सही निर्णय था क्योंकि इतना बड़ा प्लेस हमें कहां मिलता फार्म हाउस की सजावट देखकर नव्या सोचने लगती है सुबह तो यहां ऐसा कुछ नहीं था इसका मतलब सौरभ जी ने अचानक से यहां पूरी व्यवस्था की है तभी सामने मिस मीनल खड़ी दिखती है ,नव्या को देखते ही मीनल कहती है मैडम आपका स्वागत है, तभी विहान पूछता है यह कौन है नव्या कहती है यह सौरभ जी की सेक्रेटरी मिस मीनल है। सब लोग अंदर आते हैं फार्महाउस की शोभा और उसकी शानो शौकत देखते रहते है। ग्रैनी आकर कहती है कि आपके घर में आप लोगों का स्वागत है । ग्रैनी का बड़प्पन देखकर नव्या के घर वाले भी असमंजस में पड़ जाते हैं। सौरभ सब को ले जाकर उनका रूम दिखाता है, बड़े बड़े सुंदर होटल टाइप के कमरे देखकर निवी कहती है अरे वाह यहां तो शादी सारे फंक्शन अच्छे से हो जाएंगे, यह सुनकर विहान की माम बोलीं इतना खूबसूरत फार्महाउस शायद ही इस शहर में कोई दूसरा हो, सौरभ नव्यां की ओर देखकर धीरे से कहता है , सुबह आपका गृह प्रवेश था और अब इस समय मुंह दिखाई वैसे मुंह दिखाई में आप क्या लेगी नव्यां सौरभ को घूरते हुए आगे बढ़ जाती है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहें तड़प तेरे प्यार की और हमें समीक्षा करके जरूर बताएं कि आपको हमारी या कहानी कैसी लगी ,🙏🙏👍 क्रमशः।।।