फ्लाइट पकड़कर नव्या हैदराबाद से बेंगलुरु आ जाती है। आने के बाद ड्राइवर को फोन करके सीधे एयरपोर्ट बुलाती है, ड्राइवर गाड़ी लेकर एयरपोर्ट पहुंच जाता है।
नव्या से पूछता है ।मैडम कहां चलना है ,नव्या बोली मेरे ऑफिस चलिए ड्राइवर आश्चर्य से कहता है ,मैडम अभी तो आप सफर करके आई हैं ।
घर चल कर आराम कर लीजिए, नव्या बोली नहीं ऑफिस ही ले चलिए ,और ऑफिस पहुंच जाती है । ऑफिस पहुंचते ही नव्या "हैलो एवरीवन" कहते हुए अपनी सीट पर जा बैठती है,
नव्या को देखकर मिस्टर नीलेश कहते हैं ,कैसी तबीयत हैॽ नव्या बोली मुझे क्या हुआ है ॽ आप सुबह से दिखाई नहीं दी ना इसलिए हम लोग सोचे कि आप बीमार हैं ।
नव्या हंसते हुए कहती है ,दिखाई तो मिस्टर सौरभ भी नहीं दे रहे हैं तो क्या वह भी बीमार है, तभी मीनल की ओर मुंह कर कर नव्या कहती है कि मिस मीनल आज आपके सर नहीं है क्याॽ
मीनल बोली आए थे मैडम लेकिन किसी काम के कारण जल्दी ही चले गए नव्या ओहो तो मिस्टर सिंघानिया काम भी करते हैं ,सारा काम तो आप अकेले संभालती हैं।
मीनल चुप रहती है, और नव्या के इस बदले हुए रूप को देखकर हैरान होती है।
,उधर सौरभ हर जगह पता करके परेशान हो रहा था, कि नव्या आखिर गई तो गई कहां?? नव्या को भी कुछ यही अंदेशा था ,उसने सोचा अगर सौरभ को हैदराबाद जाने की बात पता चल गई तो वह तुरंत पता कर लेगा कि हैदराबाद में मुझे क्या काम था।
,इसलिए किसी न किसी तरह सौरभ को यह बताना ही है, कि मैं ऑफिस में हूं यही सोचती नव्या बैठी थी, तभी उसके दिमाग में एक आइडिया आया कि क्यों ना मीनल के फोन से यह बता दिया जाए, फिर नव्यां सोचती है नहीं बाबा मुझे इन सब चक्करों में पढ़ना ही नही है।
अगर मैंने एक बार सौरभ को फोन कर दिया तो फिर वह मेरे पीछे ही पड़ जाएगा। फिर नव्या सोचती है अगर मैं उसे नहीं बताऊंगी तू वह पक्का पता कर लेगा, नव्या मिस मीनल से कहती हैं की प्रोजेक्ट वर्क के सिलसिले में मुझे अर्जेंट मीटिंग रखनी है,।
जो अभी से 1 घंटे बाद होगी अपने सर को फोन करके कह दो क्योंकि मीटिंग में सभी सदस्यों का होना जरूरी है ,मीनल बोली सर गुस्सा तो नहीं हो जाएंगे, नव्या बोली अगर तुम फोन नहीं करोगी तब तो जरूर गुस्सा होंगे एक बार बताने में क्या हर्ज है।
, मीनल ने डरते डरते सौरभ को फोन किया सौरभ मीनल का फोन काट देता है, मीनल फिर फोन मिलाती है, अबकी बार सौरभ उठा लेता है और पूछता है, क्या है क्यों बार बार फोन करके परेशान कर रही हो,,,
मीनल कहती है कि नव्या मैडम ने 1 घंटे बाद मीटिंग रखी है। सौरभ आश्चर्य से नव्या मैडम ?जी सर तो क्या नव्या मैडम ऑफिस आ गईॽ
मीनल बोली जी सर, सौरभ सोचता है मैं पागलों की तरह सुबह से नव्या को ढूंढ रहा हूं, और यह मैडम पता नहीं कहां से आ कर तुरंत मीटिंग करने लगी ,और ऑफिस की ओर चल देता है।
सुबह से नव्या को ढूंढते ढूंढते सौरभ इतना परेशान हो जाता है, कि ऑफिस में जैसे ही घुसता है, वह सीधे नव्या के पास जाकर खड़ा होकर पूछता है। कहां चली गई थी, बिना बताए एक फोन तो कर सकती थी,,,
, आदमी को पता तो रहता बीमार हो कि कहां हो तुम्हारे तो घर वालों को भी नहीं पता तुम कहां हो, उसको इस तरह बोलते देख नव्या ने देखा नीलेश हर्षवर्धन मीनल सब उसकी ओर देखते हैं।
, नव्या अपनी कुर्सी से उठकर कहती है आप होते कौन है, पूछने वाले आपसे मतलब मैं कहीं जाऊं मेरे घर वाले मुझसे मतलब रखे ना रखे आपको क्या दिक्कत है ।
।सौरभ को लगा उसने कुछ ज्यादा ही बोल दिया वह बोला आप इस तरह बिना किसी प्रोजेक्ट मेंबर को बताएं कैसे जा सकती हैं नीलेश ने भी सौरभ की बात का समर्थन किया। और सौरभ चुपचाप आकर अपनी सीट पर बैठ जाता है ,मीनल, सौरभ के इस बदले हुए व्यवहार को देखकर समझ ही नहीं पाती कि आखिर इन दोनों के बीच चल के आ रहा है, सौरभ सर क्यों नव्या मैडम के पीछे हमेशा लगे रहते हैं। सौरभ गुस्से से हाफ रहा था उस समय तो सबके सामने वह कुछ नहीं बोला ,किंतु उसके मन में यह जरूर था कि नव्या इस बात का जवाब दे ,नव्या अपनी सीट पर बैठ जाती है। उसे अच्छे से पता है कि सौरभ बिना उससे पूछे रहेगा नहीं, मीटिंग में नव्या ने चेयरपर्सन को भी बुलाया था मीटिंग शुरू हो जाती है।मीटिंग में नव्या यह बात रखती है। कि लोग अपना काम सही से नहीं करते ,तभी सौरभ उसकी ओर देकर कहता है ,लोग तो बिना बताए गायब , भी हो जाते हैं। फिर दोनों में बहस शुरू हो जाती है। नीलेश किसी तरह दोनों को शांत करता है। चेयर पर्सन कहते हैं, मिसेज सिंघानिया, मिस्टर सिंघानिया सही कह रहे हैं ।आपको ऑफिस में इनफॉरम करके ही कहीं जाना चाहिए था, उनके इस तरह कहने पर नव्या थोड़ा घबराई उसकी घबराहट उसके चेहरे से साफ दिख रही थी सौरभ मन ही मन बहुत गुस्सा हो रहा था , एक तो बिना बताए चली गई ऊपर से मैडम के यह तेवर नव्या अपनी बात को छुपाना चाहती थी, इसलिए वह सौरभ को बोलने देना नहीं चाहती थी मीटिंग समाप्त होने के बाद सभी अपने अपनी फाइलें समेट कर उठने लगे मिस्टर हर्षवर्धन और नीलेश बात करते हुए चेयरपर्सन के साथ ही बाहर आ जाते हैं। मीनल को सौरभ कहता है आप गाड़ी में चल कर बैठिए मैं आता हूं, नव्या अपनी फाइलें उठाती रहती है तभी सौरभ जाकर पीछे से उसका हाथ पकड़ लेता है और कहता है अब तो आपको बताना ही पड़ेगा आप कहां गई थी, नव्या हाथ छुड़ाते हुए कहती है। आप होते कौन है मेरी जिंदगी में इस तरह दखल देने वाले सौरभ बोला जिस नाम को तुमने अपने साथ लगा रखा है। वह मेरा ही नाम है, और उसी हक से मैं तुम्हारी जिंदगी में दखल दे सकता हूं, नव्या पसीने पसीने हो गई वह सौरभ का मुंह देखने लगी फिर संभालते हुए बोली मिस्टर सिंघानिया बर्दाश्त की भी एक हद होती है ।
अभी आप मेरे पति को जानते नहीं मेरा हाथ छोड़िए सौरभ को तो जैसे करंट का झटका लगा हो उसे लगा सही में कोई दूसरा सौरभ सिंघानिया है, वरना नव्या इतने कॉन्फिडेंस से यह बात कैसे बोलती और नव्या का हांथ छोड़ देता है। आगे जानने के लिए पढ़िए तड़प तेरे प्यार की और कमेंट करके जरूर बताइए कि आपको यह कैसी लगी 🙏🙏 क्रमशः।।।