नव्या की गाड़ी जैसे-जैसे एयरपोर्ट पर बढ़ती जा रही थी सौरभ का दिल वैसे वैसे बैठता जा रहा था, तभी नव्या की गाड़ी एयरपोर्ट पर पहुंच जाती है,।
सौरभ ड्राइवर से कहता है की गाड़ी पार्किंग में लगा दो, और खुद उतरकर नव्या के पीछे पीछे जाता है, नव्या तेज कदमों से एयरपोर्ट की ओर बढ़ती है,
वहां पहुंचकर नव्या खड़ी होकर किसी का इंतजार करने लगती है सौरभ भी उससे नजरें बचाकर उसको एकटक देखता रहता है ,
उसके मन में यह कशकश बनी हुई थी कि आखिर नव्या यहां किससे मिलने आई है, तभी नव्या के पास एक स्मार्ट सा खूबसूरत नौजवान आता है ,
अब तो सौरभ के दिल तेज धड़कनें और तेज हो जाती हैं, साथ ही उसके हाथ पैर भी ढीले होने लगते हैं उसे लगने लगता है हो ना हो यही नव्या का हस्बैंड है। ॽ
फिर देखता है उस युवक के साथ एक बुजुर्ग दंपत्ति भी हैं, जो काफी मॉडर्न दिखाई देते हैं ,पहनावे से काफी रिच और पैसे वाले लोग लग रहे थे ,सौरभ सोचता है आखिर कौन है? यह लोग,,,
क्या सचमुच कोई दूसरा सौरभ सिंघानिया है जो नव्या का पति हो ,क्या शरद ने मुझसे झूठ बोला यह सब बातें उसके दिमाग में नाच रही थी, तभी उसने देखा बुजुर्ग दंपत्ति सीधे नव्या समीप पहुंच जाते नव्या उनके पैर छूती है ।
सौरभ पसीना पसीना हो जाता है ,उसे लगने लगता है,कि आखिर नव्या ने उनके पांव क्यों छुए क्या रिश्ता है नव्या का उनका और उस युवक का कौन है यह ॽ
सब बातें सौरभ को परेशान कर रही थी ,तभी वह युवक किसी काम से दूसरी ओर जाता है, और बुजुर्ग दंपत्ति वहां रखी हुई चेयर पर आराम से बैठ जाते हैं, सौरभ से रहा नहीं जाता और वह थोड़ा आगे बढ़ता है ।
बुजुर्ग दंपति आपस में बात करने में व्यस्त रहते हैं , नव्या उनकी चेयर से कुछ दूर खड़ी रहती है, सौरभ पीछे से आते हैं एक हाथ नव्या के मुंह पर रखकर उसका मुंह दबा देते हैं दूसरा हाथ पीछे से उसकी कमर पर डालकर उसके पेट को पकड़ते हुए धीरे-धीरे उसको पीछे की ओर ले जाते रहते हैं ।
तभी नव्या दोनों हाथों से उसका हाथ छुड़ाने के लिए मचलने लगती है लेकिन पकड़ इतनी तेज होती है कि वह कुछ नहीं कर पाती सौरभ उसको एक किनारे लेकर जाते हैं ,और दीवाल से टिका कर छोड़ देते हैं ।
खुद सामने खड़े होकर दोनों ओर हाथ लगा देते हैं, जिससे नव्या उनके हाथों के बीच में खड़ी रहती है पीछे उसके दीवार रहती है सामने सौरभ खुद खड़ा रहता है, सौरभ को देखते ही नव्या चौंक जाती है,
चिल्लाने वाली रहती है तभी सौरभ नव्या से कहता है मिसेज सिंघानिया शांत रहिए जो मैं कहता हूं, उसे ध्यान से सुनिए और मेरे प्रश्नों का उत्तर दे दीजिए मैं यहां से चला जाऊंगा।
नव्या गुस्से से कहती है तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई इस तरह से मुझे खींचकर यहां लाने की तुम अपने आप को समझते क्या हो
,खैर ऐसी गिरी हरकत तो तुम्हारे जैसे लोग ही कर सकते हैं, तब तक वह युवक जो उधर गया था वह सामने से आता दिखा उसको आते देख नव्या डर जाती है । और अपना मुंह उधर घुमा लेती है ।
ताकि सामने से आने वाला युवक उसको देख ना सके किंतु नव्या की साड़ी के कारण वह युवक तुरंत समझ जाता है ,कि यह नव्या है और सीधे नव्या के पास आकर कहता है। अरे मिसेज सिंघानिया बताया ही नहीं कि आपके साथ मिस्टर सिंघानिया भी आए हैं, ।
नव्या का गला सूख जाता है उसका चेहरा पीला पड़ जाता है जैसे किसी ने उसकी कोई चोरी पकड़ ली हो , वह घबराई हुई उस युवक की ओर देखती है, वह युवक कहता है । मिस्टर सिंघानिया शायद मैं गलत वक्त पर आ गया मैंने आपको डिस्टर्ब कर दिया ,
इस पर सौरभ मुस्कुरा कर कहता है जी नहीं आपने हमें कोई डिस्टर्ब नहीं किया और आप बिल्कुल सही वक्त पर आए , यह कहकर सौरभ अपना हाथ आगे बढ़ाता है,
उसके हाथ हटाते ही नव्या कैद से आजाद हुई पक्षी की तरह सौरभ से दूर हट जाती है, उस युवक ने सौरभ से हाथ मिला कर कहां माय सेल्फ विहान मलिक सौरभ ने जवाब देते हुए कहां कि मैं सौरभ सिंघानिया लेकिन आप मुझे कैसे जानते हैं,ॽ
जैसे ही सौरभ ने यह बोला नव्या ने तुरंत सौरभ का हाथ पकड़कर कहा अब घर चले कि सारी बातें यही कर लेंगे, सौरभ को लगा कि वह कोई सपना देख रहा है, नव्या के हाथों की छुवन से उसके बदन में एक अजीब सी सिरहन सी दौड़ जाती हैं,
यूं तो वह, कई बार नव्या को खींचकर या उसके हाथ को कसकर पकड़ चुका था किंतु आज खुद नव्या के पकड़ने पर उसके मुंह से एक शब्द भी न निकला वह चुपचाप किसी आज्ञाकारी की तरह नव्या के पीछे चल देता है,
विहान अपने माम, डैड के पास आता है और सौरभ का उनसे परिचय कराता है, नव्या सौरभ को उनका पैर छूने का इशारा करती है सौरभ नहीं समझ पाता नव्या सौरभ का हाथ कस के दबाती है, सौरभ घबरा के नव्या की आंखों में देखने लगता है।
नव्या आंखों से विहान के मॉम डैड के पैरों की तरफ इशारा करती है, सौरभ उसका इशारा समझ जाता है और झुक कर दोनों के पैर छूता है वह दोनों भी सिर पर हाथ रखकर खुश रहो बेटा ऐसा आशीर्वाद देते हैं ।
तभी नव्या कहती है,अब चले वे सब उठ कर धीरे धीरे एयरपोर्ट के बाहर निकलने लगते हैं, नव्या अब तक सौरभ का हाथ अपने हाथ में पकड़े ही थी विहान उनके साथ चल रहा था, पीछे उसके मॉम डैड आ रहे थे।
, एक दूसरे का हाथ पकड़े देख विहान कि मॉम कहती हैं, कितना प्रेम है तुम दोनों में यह सुनकर सौरभ नव्या की ओर शरारत भरी नज़रों से देखता है नव्या गुस्से से आंख दिखाती है और सौरभ का हाथ छोड़ देती है,,
विहान कि मॉम कहती हैं बेटा इसमें शर्माने की कोई बात नहीं, आजकल तो बगैर शादी के लोग जाने क्या-क्या करते हैं तुमने तो सिर्फ हाथ ही पकड़ा है, और वैसे भी आप दोनों तो शादी शुदा कपल है इसमें कोई बड़ी बुराई नहीं है,
अब तक हुई बातें सौरभ को कुछ समझ नहीं आ रही थी उसे यह नहीं समझ में आ रहा था जो नव्या उसकी परछाई से भी नफरत करती थी अचानक उसका हाथ पकड़ कर कैसे उसके साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही है ।
एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही नव्या का ड्राइवर गाड़ी लेकर आ जाता है, विहान के मॉम डैड गाड़ी में बैठ जाते हैं ,वे नव्या से कहते हैं, बेटी तुम हमारे साथ इस गाड़ी में आओ विहान और सौरभ दूसरी गाड़ी में आ जाएंगे सौरभ ने कहा जी आप चिंता ना करें मैं विहान को नव्या जी के घर छोड़ दूंगा,,
, सौरभ की इस तरह बोलने पर विहान कि मॉम बोली बेटा तुम लोग अलग-अलग घर में रहते हो ,तभी नव्या ने बात संभालते हुए कहा अरे नहीं आंटी एक्चुअली हां अभी क्योंकि मेरे इस वाले घर मे मेरी मम्मी और मेरी दोनों बहने भी रहती हैं इसलिए कभी-कभी सौरभ और मैं अपने दूसरे बंगले में भी रहते हैं।
विहान की मांम बोली अच्छा यह बात है ।इसीलिए सौरभ ने ऐसा कहा गाड़ी चल देती है, अब नव्या का दिल बैठने लगता है कि कहीं सौरभ विहान को सारी हकीकत बता ना दे उसे तो कुछ मालूम ही नहीं है,,
, फिर नव्या सोचती है फोन करके मैं उसको कुछ हिंट दे दूं लेकिन फोन की एलईडी टूटने के कारण नव्या को सौरभ का नंबर दिखाई नहीं देता ,और वह फोन नहीं कर पाती जैसे-जैसे गाड़ी बढ़ती जा रही थी नव्या के दिल की धड़कने तेज होती जा रही थी।
, कि पता नहीं घर पहुंचने तक सौरभ जाने क्या क्या बातें शेयर कर चुका होगा इसी उधेड़बुन में नव्या कार के बाहर की ओर देखती रहती है तभी विहान की मॉम नव्या से कहती हैं कहां खो गई बेटा नव्या बोली कहीं नहीं आंटी जी वह आज सुबह थोड़ा जल्दी उठ जाने के कारण मेरे सिर में थोड़ा दर्द है।
विहान कि मॉम बोली तब तो तुम्हें एयरपोर्ट नहीं आना चाहिए था, ड्राइवर के साथ मिस्टर सिंघानिया अकेले ही आ जाते हम उसके साथ चले आते नव्या ने हंसकर कहा अरे नहीं मैं ठीक हूं,। उधर विहान और सौरभ बातें करते हुए नव्या के घर की ओर जाने लगते हैं।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहे तड़प तेरे प्यार की और कमेंट करके हमें जरूर बताएं यह कहानी आपको कैसी लगी🙏🙏🙏 क्रमशः