सब लोग नव्या के घर पहुंच जाते हैं निवि नाराज होकर बैठी रहती है, जैसी ही नव्या लोग ड्राइंग रूम में पहुंचते है ,निवि कहती है।
यह तो गलत बात है दीदी आप लोग बाहर गए मुझे ही अकेले घर पर छोड़ दिया सौरभ निवि से कहता है मैं तो आप को ले जाने वाला था लेकिन आपकी दीदी ने हीं आप को ले जाने से मना कर दिया तो मैं क्या कर सकता हूंॽ
आपकी दीदी के सामने तो मेरी चलती ही नहीं नव्या सौरभ की ओर देखते हुए धीरे से कहती है आप कुछ ज्यादा ही स्मार्ट नहीं बन रहे हैं।
, सौरभ ने कहा इसमें स्मार्ट बनने की क्या बात है विहान से पूछ लो मैंने कहा था निवि को भी ले लेते हैं तो विहान ने कहा कि मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है।
सौरभ ने निवि से कहा अब बताओ इसमें हमारी क्या गलती हम और विहान तो दोनों तुमको ले जाना चाहते थे, पर क्या करें हम ले जा नहीं जा सके क्योंकि तुम्हारी दीदी ने मना कर दिया था।
तभी नव्या की मां कहती है तुम लोगों ने आने में बहुत समय लगा दिया अब मैं खाना लगवाती हूं तुम सब लोग हाथ मुंह धोकर खाना खा लो, सौरभ ने कहा नहीं आंटी मैं चलता हूं नहीं मुझे काफी देर हो जाएगी और ग्रैनी परेशान होंगी तभी विहान कि मॉम कहती है ।
अरे नहीं सौरभ बेटा अभी अभी तो तुम लोग आए हो, सुबह से हमारी बात भी नहीं हो पाई अब सब लोग एक साथ डाइनिंग टेबल पर बैठे , तो बात भी हो जाएगी और डिनर भी हो जाएगा
सौरभ ने कहा आंटी आप कह तो ठीक रही हैं लेकिन मुझे ग्रैनी को फोन करके बताना पड़ेगा वरना वह मेरा इंतजार करती बैठी रहेगी विहान कि मॉम बोली ग्रैनी के लिए भी मैंने कुछ सोचा है।
नव्या अपने मन में सोचती है कि इनके पास और कोई काम तो है नहीं बस सब के विषय में सोचती ही रहती हैं और भुगतना हमें पड़ता है।
सौरभ ग्रैनी को फोन करके बता देता है कि ग्रैनी तुम खाना खाकर अपने कमरे में लेट जाना मुझे आने में देर होगी ज्यादा देर होगी तो मैं नव्या के यहां रुक जाऊंगा।
ग्रैनी ने बोला ठीक है उसके बाद सौरभ डाइनिंग टेबल की ओर आता है और नव्या की बगल वाली कुर्सी पर बैठ जाता है। तभी विहान के डैडी बोलते हैं, कि सारे प्रोग्राम की लिस्ट मैंने बना ली है ।
मैं तुम लोगों को व्हाट्सएप कर दूंगा लेकिन अभी भी एक प्रॉब्लम है नव्या ने पूछा कौन सी प्रॉब्लम अंकल जी विहान के डैडी बोले जब सारे रिश्तेदार और मेहमान आ जाएंगे तो बेटा आपके घर में जगह थोड़ी कम पड़ेगी तभी विहान कि मॉम बोली सौरभ नव्या आप लोगों का तो फॉर्म हाउस है उसमें तो काफी जगह होगी??
तो क्यों ना ग्रैनी से पूछ कर हम सारे फंक्शन आपके फॉर्म हाउस से ही कर दे यह सुनकर तो नव्या तुरंत बात बदलते हुए कहती है ।
अरे नहीं आंटी जी फार्म हाउस से हम कैसे कर सकते हैं विहान की मॉम ने पूछा क्यों क्या सौरभ जी को आपत्ति है या फिर ग्रैनी मना करेगी नव्या कुछ कहती इसके पहले सौरभ बोले कि नहीं आंटी मुझे कोई आपत्ति नहीं है और ग्रैनी को तो बल्कि बहुत अच्छा लगेगा,,,,
इसी बहाने कुछ दिन ही सही उसका अकेलापन तू दूर होगा फॉर्म हउस में तो सारी सुविधाएं हैं, और इतना ज्यादा बढ़ा है कि सारे फंक्शन आराम से और अच्छे से हो सकते हैं ।
नव्या सौरभ की ओर देखती रहती है और मन ही मन यह सोचती है कि मैं इस मुसीबत से निकलने की बजाए दिन पर दिन इसमें फंसती ही जा रही हूं।
कैसे इससे बाहर आऊंगी हनी की शादी तक तो मिस्टर सिंघानिया पूरे दमाद बनकर ही रहेंगे। नव्या घूरते हुए सौरभ की ओर देखती है और इशारों इशारों में उसे यह सब बोलने के लिए मना करती है किंतु सौरभ तो जैसे कुछ सुनने और समझने को तैयार ही नहीं था वह फॉर्म हाउस में ही सारे फंक्शन कराने को तत्पर हो गया था।
तभी नव्या की मां ने कहा कि हम कोई होटल या रिसोर्ट भी किराए पर ले सकते हैं, विहान की मॉम ने कहा जब फॉर्म हाउस है इतना बड़ा तो बहन जी आप को किराए पर लेने की क्या जरूरत है ।
सौरभ भी तो आपके बेटे की ही तरह है, नव्यां की मां ने बात संभालते हुए कहा बात वह नहीं है लेकिन मैं नहीं चाहती कि हनी की शादी की वजह से नव्या और सौरभ की लाइफ में कोई डिस्टरबेंस हो विहान के डैडी ने कहा अगर ऐसा है ।
तो हम कोई रिसोर्ट बुक कर लेते हैं। सौरभ ने कहा अरे नहीं अंकल जी मेरा फॉर्म हाउस खाली पड़ा है और उसका पूरा लुक रिसोर्ट , होटल कुछ भी कह सकते हैं। आप सब लोग मेरे फॉर्म हाउस पर आइए और आप खुद ही डिसाइड करिए कि आपके लिए क्या सही रहेगा कल मैं सबको फॉर्म हाउस पर इनवाइट करता हूं,,,
रात का डिनर मेरे फॉर्म हाउस पर सब लोग साथ ही करेंगे नव्या अपना सिर पीट लेती है। मन ही मन कहती है हे भगवान मुझे इस आदमी से बचाओ यह तो मेरी जिंदगी में घुसते ही चले जा रहे है, नव्या ने अपना हाथ बढ़ा कर सौरभ से कुछ कहने की कोशिश की लेकिन सौरभ तो कुछ जैसे सुनने को तैयार ही नहीं था। तभी विहान कि मॉम बोली सौरभ बेटा लगता है नव्या को फार्महाउस से फंक्शन करने में एतराज है सौरभ नव्या को देखते हुए कहता है नव्या जी क्या आपको एतराज है। नव्या बोली मुझे क्यों एतराज होने लगा नव्यां ने तुरंत जवाब देते हुए कहा मैं तो बस ग्रैनी के लिए कह रही थी क्योंकि शोर-शराबे से बिचारी ग्रैनी को डिस्टर्ब ही होगा, और उनकी तबीयत भी तो नहीं ठीक रहती सौरभ समझ जाता है कि नव्या फार्म हाउस से फंक्शन नहीं करना चाहती वह जानबूझकर तुरंत कहता है अरे नहीं ग्रैनी को तो कोई दिक्कत नहीं बल्कि उन्हें तो लोगों के साथ खुशी ही होगी नव्या जी आप अपना बताइए अब नव्या ना चाहते हुए बोली मुझे कोई दिक्कत नहीं है सौरभ ने कहा तो फिर कल रात का डिनर फॉर्म हाउस में पक्का है ना , विहान की मॉम ने कहा नव्या बेटा तुम हम लोगों को इनवाइट नहीं करना चाहती अपने घर में नव्या ने घबरा के कहा क्यों नहीं आंटी तो तुमने तो एक बार भी नहीं कहा की आंटी आप हमारे फॉर्म हाउस पर आइए बार-बार सौरभ के कहने पर भी तुमने नहीं कहा नव्या ने कहा सॉरी आंटी मेरा ध्यान कहीं और था आई एम वेरी सॉरी लेकिन हां कल रात का डिनर सब लोग हमारे फॉर्म हाउस पर ही करेंगे नव्या को इस तरह कहता सुन सौरभ खुश हो जाता है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहिए तड़प तेरे प्यार की और समीक्षा करके हमें यह जरूर बताइए कि हमारी यह कहानी आपको कैसी लगी 🙏🙏👍 क्रमशः।।।