नव्या के हैदराबाद चले जाने की बात उसके ऑफिस में कोई नहीं जानता था, इसलिए यह बात सौरभ को भी नहीं पता थी, मिस्टर डेविड के जाने के बाद सौरभ समझ नहीं पाता की नव्या मेरी पत्नी है या फिर किसी और सौरभ सिंघानिया की फिर वह सोचता है ।
कि उस दिन जबरदस्ती जब मैंने नव्या का हाथ पकड़ा तो अगर वह किसी और की पत्नी होती तो वह मुझे इस बात का एहसास जरूर कराती,,
,लेकिन नव्या ऐसा तो कुछ बोली ही नहीं खैर मैं पता लगा लूंगा और आकर ग्रैनी के पास बैठ जाता है ।ग्रैनी से कहता है ग्रैनी अभी तक तो यह भी नहीं पता चल पाया कि नव्या मेरी पत्नी है या नहीं ग्रैनी बोली तू परेशान ना हो धीरे-धीरे सब पता चल जाएगा और सौरभ अपने कमरे की ओर चला जाता है।
दूसरे दिन सौरभ मीनल के साथ ऑफिस पहुंचता है, तो देखता है ,मिस्टर हर्षवर्धन और नीलेश अपने काम में व्यस्त हैं, नव्या की कुर्सी पर उसकी नजर जाती है तो वह चौंक जाता है।
आज अभी तक नव्या नहीं आयी, ऐसा तो पहले दिन से हुआ ही नहीं कि नव्या काम पर लेट आए ,वह तो हमेशा सबसे पहले ही आती है ।कहीं वह बीमार तो नहीं हो गई ???
यह सोचते हुए वह अपनी कुर्सी की तरफ आ ही रहा था, तभी मिस्टर हर्षवर्धन बोले मिस्टर सिंघानिया आज मिसेज सिंघानिया नहीं आई ,यह शब्द सौरभ के मन को व्याकुल कर देने वाला था ,
किंतु पलट के सौरभ ने कहा हां वही मैं भी देख रहा हूं, निलेश को हर्षवर्धन कि ऐ बात बहुत बुरी लगी उसने बात काट के कहा सर नव्या भी आप कह सकते हैं।
हम सब तो इसी नाम से बुलाते हैं उनको, उन्होंने कभी मिस्टर सिंघानिया से तो मिलाया नहीं इस पर हर्षवर्धन बोले शायद तुम ठीक कह रहे हो ,लेकिन सौरभ को मिस्टर सिंघानिया के साथ मिसेज सिंघानिया सुनकर बहुत अच्छा लगा,
अब सौरभ नव्या को लेकर चिंतित होने लगता है कि, कहीं नव्या की तबीयत तो नहीं खराब हो गई वह सोचता है ।फोन कर लेता हूं किंतु अगर नव्या ने फोन न उठाया तो फिर सोचता है, मिस मीनल के नंबर से करता हूं।
मीनल का फोन तो वह जरूर उठाएगी सोचेगी कोई ऑफिस का काम है ,अपने मन में यह विचार कर सौरभ ने मिस मीनल से उनका फोन मांगा मीनल ने तुरंत अपना फोन सौरभ को दिया और पूछा सर आपका फोन खराब है क्याॽ
सौरभ बोला नहीं मेरे फोन में पता नहीं क्यों नेटवर्क नहीं आ रहा है ।सौरभ ने मीनल के नंबर से नव्या को फोन किया ट्रूकॉलर पर मीनल नाम देखकर नव्या ने फोन उठा लिया मीनल कोई काम था
,इधर सौरभ नव्या की आवाज सुनते ही पूछता है, आपकी तबीयत ठीक है ॽ नव्या आवाज पहचान लेती है और कहती है मिस्टर सिंघानिया कितनी बार मैं कहूं कि आप अपने काम से काम रखिए मेरी जिंदगी में अब प्लीज इंटरफेयर मत करिए ,
सौरभ बोला अरे,,, आप मेरी बात तो सुनिए ,नव्या ने कहा मुझे किसी की कोई बात नहीं सुननी अरे !मुझे आपकी चिंता हो रही थी , नव्या ने फोन काट दिया ,,,,
और कहती है, बड़े आये चिंता करने वाले जब करनी चाहिए थी ,तब तो मुझे बेसहारा छोड़ दिया अब बता रहे हैं कि बड़ी चिंता हो रही है।ॽ
सौरभ को नव्या से इसी तरह के व्यवहार की उम्मीद थी ,इसलिए वह नव्या के घर नव्या को देखने जाना चाहता था ।किंतु काम इतना ज्यादा था कि एक 2 घंटे के पहले उसको फुर्सत ही नहीं थी।
मिस मीनल सौरभ का मुंह देखती रहती हैं फिर अचानक से पूछती हैं सर क्या हुआ? नव्या मैडम की तबीयत ज्यादा खराब है, सौरभ बोला मुझे पता नहीं है ।
मीनल,अपने मन में सोचती है कैसा आदमी है यह ,सामने वाली की तबीयत पूछा और बता भी नहीं पा रहा है कि ठीक है कि नहीं, और अपने काम में लग जाती है।
उधर हैदराबाद में नव्या अपने मकसद को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक गिरने को तैयार हो जाती है जब वहां हैदराबाद ऑफिस मैं पहुंचती है ।
तो वहां बिजनेस मीटिंग में भी हिस्सा लेती है। और बड़े चालाकी के साथ सिंघानिया ग्रुप की कुछ प्रॉपर्टी को अपने नाम करा लेती है।। और फिर सारे पेपर मिस्टर अशोक को देकर उन्हें अच्छे से व्यवस्थित करने को कहती है, और मिस्टर डेविड सारे पेपर और डाक्यूमेंट्स लेकर नव्या के पीछे पीछे आते हैं।
और ऑफिस से निकल कर दोनों हाथ मिलाते हुए खुश हो जाते हैं, मिस्टर अशोक कहते हैं, मान गए मैडम आपका दिमाग जहां लग जाए उस चीज को घुन की तरह खोखला कर दे।।
नव्या कहती है यह मुहावरा कह रहे हैं कि मेरी बेइज्जती कर रहे है, मिस्टर अशोक बोले अरे! नहीं "मैडम भला मैं आपकी बेज्जती क्यों करूंगा।
नव्या बोली पता है मैं तो ऐसे ही मजाक कर रही थी, मिस्टर अशोक बोले आपने तो डरा ही दिया मैडम और फिर बेंगलुरु आने के लिए फ्लाइट देखने लगती है।
इधर सौरभ नव्या को देखने के लालच में ही ऑफिस आता था, आज नव्या को ना देख कर बेचैन हो जाता है ।और उठकर नव्या के घर जाने का फैसला करता है गाड़ी निकालता है ,और सौरभ नव्या के घर पहुंच जाता है।
डोर बेल बजाने पर नव्या की मां बोलती है, देखो दरवाजे पर कौन है, नव्या की बहन हनी दरवाजा खोलती है। और मां से कहती हैं आप ही देख लीजिए कौन आए हैं ॽ
नव्या की मां अंदर से बाहर आती हैं तो सौरभ आगे बढ़ कर उनका पैर छूता है और कहता है, नव्या की तबीयत ठीक नहीं थी इसलिए मैं उसे देखने चला आया ,,,
नव्या की मां कहती है ।यह तुमसे किसने कहा कि उसकी तबीयत नहीं ठीक ,सॉरी नव्या से फोन पर बात हुई नव्या की मां बोली और कितना झूठ बोलोगे ,सौरभ बोला मैं सच कह रहा हूं !
मेरी नव्या से बात हुई है ।नव्या की मां ने कहा नव्या घर में नहीं है" सौरभ घबराकर पूछता है ।घर में नहीं है तो कहां हैॽ नव्या की मां बोली मुझे नहीं पता इस पर सौरभ थोड़ा गुस्से से बोलता है।
, आपको नहीं पता तो किसे पता होगा जो नव्या दिन रात आप लोगों के लिए काम करती है ।वह कहां है कैसी है इसके बारे में आप लोगों को पता ही नहीं?
नव्या की मां बोली तुम्हें क्यों उसकी चिंता हो रही है ,उसकी चिंता करने के लिए उसके पति है ना ॽइतना सुनते ही सौरभ चुपचाप नव्या के घर से बाहर निकल आया और आकर गाड़ी में बैठा ,,,
उसका दिमाग जैसे काम ही ना कर रहा हूं उसे समझ नहीं आ रहा था कि नव्या कहां चली गई वह भी ऑफिस में किसी को बिना बताए सौरभ ने चेयरमैन को फोन किया और पूछा ""सर" नव्या ने आज एब्सेंट होने के लिए आपसे कहा था।
चेयरमैन बोले यार सौरभ मुझे सर मत कहा करो हम दोनों तो दोस्त हैं ,सौरभ बोला तुम्हें पता है नव्या कहां है चेयर पर्सन बोले हो सकता है उसकी तबीयत नहीं ठीक हो ना आई हो तुम्हें कुछ काम था, उससे सौरभ कुछ बोला नहीं और फोन काट दिया।
, अब सौरभ नव्या को ना पाकर व्याकुल हो जाता है, वह सोचता है या तो नव्या घर में ही है उसकी मां ने मुझे मिलने से मना कर दिया या तो वह उसके पति आए हैं ।
और वह अपने पति के साथ हैं लेकिन सौरभ का मन बार-बार यही कह रहा था, की हो ना हो नव्या की तबीयत नहीं ठीक है वरना वह किसी को तो बताती आज उसके सेक्रेटरी मिस्टर अमन भी नहीं आए हैं ।
फिर सौरभ सोचता है क्यों ना अमन से ही पूछा जाए और सौरभ मिस्टर अमन का एड्रेस लेकर उसके घर पहुंच जाते हैं, सौरभ को इस तरह अपने घर आए थे अमन घबरा जाता है, कहता है सर मुझे बुला लिया होता सौरभ बोला मिस्टर अमन आज आप ऑफिस क्यों नहीं आए अमन ने कहा मैडम ने आज की छुट्टी की है । सौरभ गुस्से से। कहता तुम्हारी मैडम छुट्टी करने वाली होती कौन हैॽ सॉरी सर मैडम ने कहा था ,कि उन्हें कहीं जाना है कल ऑफिस नहीं जाएंगी और मुझे भी जाने से मना किया था सौरभ ने पूछा मैडम को कहां जाना था ,सर यह तो हमें पता नहीं पर कहीं जाना जरूर था। सौरभ चैन की सांस लेता है चलो नव्या बीमार तो नहीं है हो सकता है अपने पति से मिलने ही गई हो, फोन से उसकी बातों से भी उसकी तबीयत ठीक ही लग रही थीं, लेकिन नव्या गई कहांॽ उधर नव्या को इस बात का एहसास हो गया कि सौरभ को पता चल गया है, कुछ देर बाद वह पता लगा ही लेगा कि मैं कहां हूं और मेरा काम भी खत्म हो गया इसलिए मुझे तुरंत यहां से निकलना पड़ेगा, और नव्या हैदराबाद से बैंगलोर के लिए निकल पड़ती है। आगे जानने के लिए पढ़ें तड़प तेरे प्यार की 🙏