डिनर करने के बाद सौरभ अपने फार्महाउस जाने के लिए तैयार हो जाता है, नव्या की मां ने कहा कि सौरभ बेटा अगर आपको देर हो गई हो तो आप यहां रुक सकते हैं ।
उनको ऐसा कहते देख सौरभ को थोड़ा अजीब लगता है। क्योंकि सौरभ ने ऐसी कभी कल्पना नहीं की थी, सौरभ कहता है ।
नहीं आंटी अब मुझे चलना चाहिए, ग्रैनी फार्म हाउस में अकेली है, और मैंने मिस मीनल से कहा भी नहीं की वह ग्रैनी का ध्यान रखें उन्हें तो यह पता ही नहीं है कि मैं नव्या जी के घर आया हूं, और सौरभ फॉर्म हाउस चला जाता है।
सौरभ के जाने के बाद थोड़ी देर तक सब लोग फंक्शन के बारे में डिस्कस करते रहते हैं फिर नव्या की मां कहती है रात बहुत हो गई है अब हमें सो जाना चाहिए,
हम लोग कल इस विषय पर बात कर लेंगे क्योंकि नव्या को सुबह ही उठना रहता है, नव्या ने कहा अरे नहीं मॉ आपको सोना हो तो सोइए हम लोग थोड़ी देर और बैठ कर बातें करेंगे जब नींद आएगी तब सोने चले जाएंगे ,,,,
आप हमारी चिंता बिल्कुल ना करें नव्या की मां ने कहा मुझे तो नींद आ रही मैं सोने जा रही हूं आप लोगो को जब नींद आएगी तब आप चले जाइएगा नव्या की मां के जाने के बाद थोड़ी देर सब लोग बात करते रहते हैं बिहान की मॉम कहती हैं कि हमारे कारण नव्या तुम्हें भी यहां रुकना पड़ रहा है वरना तुम अपने फार्महाउस सौरभ के साथ चली जाती नव्यां बिना कुछ बोले हां में सिर हिला देती है।
इधर फॉर्म हाउस पहुंचने पर सौरभ देखता है ,ग्रैनी के कमरे की लाइट बंद है उसे लगता है ग्रैनी अब सो गई रात भी काफी हो चुकी थी इसीलिए उसने ग्रैनी को जगाना उचित न समझा,,,
, और चुपचाप जाकर अपने कमरे में लेट गया, लेटने के बाद उसे रह रह कर नव्या का ही चेहरा याद आता है और वह अपने मन में कहता है कि अब तो आप अपने फॉर्म हाउस आ रही है मिसेज सिंघानिया वह भी फंक्शन तक रहने के लिए अब आपको मेरे करीब आने से कोई नहीं रोक सकता खुद आप भी नहीं और यह सोचते सोचते सौरभ सो गया,
इधर नव्या के मन में बड़ी हलचल मची हुई थी कि अब मुझे शादी के फंक्शन तक घूम फिर कर फॉर्म हाउस में ही रहना पड़ेगा और अब मेरा सामना हर दिन उस घटिया आदमी से होगा जिसे मैं एक क्षण बर्दाश्त नहीं कर सकती जब मैं अपने मंगलसूत्र को देखती हूं तब मुझे उससे बदला लेने की प्रेरणा मिलती है ।
और अपने मांग में लगे सिंदूर को देखकर मैं प्रतिशोध की आग में जल जाती हूं। लेकिन कोई बात नहीं मिस्टर सिंघानिया अब आप की बर्बादी का समय बस हनी की शादी तक टला है।।
,उसके बाद आप की बर्बादी की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी तब आपको नव्या से कोई नहीं बचा पाएगा खुद आप भी मुझसे नहीं बच सकते मैंने आपको सड़क की धूल न चटाई तो मेरा नाम भी नव्या सौरभ सिंघानिया नहीं,
दूसरे दिन नव्या तैयार होकर ऑफिस जाती है सामने सौरभ को देखकर बिना कुछ बोले अपनी सीट पर जाकर बैठ जाती है, नव्या की ओर देखकर सौरभ कहता है, गुड मॉर्निंग मिसेज सिंघानिया नव्या बिना कोई उत्तर दिए चुपचाप अपनी फाइलें देखती रहती है ।
सौरभ सोचता है आज मैडम को क्या हो गया नव्या के पास जाता है और कहता है ,आपने मेरे गुड मॉर्निंग का उत्तर नहीं दिया नव्या घूरते हुए कहती है कोई जरूरी तो नहीं कि मैं आपकी हर एक बात का उत्तर दूं ,ही कोई जबरदस्ती है।
,सौरभ ने कहा मुझसे कुछ गलती हुई क्या आप ऐसे क्यों बोल रही हैं ??नव्या न गुस्साते हुए कहा अब आप मुझे बताएंगे कि मैं कैसे बोलूं मेरी जैसी मर्जी होगी मैं वैसे बोलूंगी अगर आपको मुझसे बात नहीं करनी है तो मत करिए नव्या का यह तेवर देखकर सौरभ सोच में पड़ जाता है कि क्या हो गया ???
मैंने तो ऐसा कुछ कहा ही नहीं मैंने तो सिर्फ गुड मॉर्निंग कहा वह चुपचाप आकर अपनी सीट पर बैठ जाता है और नव्या को देखता रहता है नव्या थोड़ी देर फाइलें देखती है फिर फाइल बंद करके चुपचाप बैठ जाती है ।
सौरभ समझ नहीं पाता कि आखिर नव्या को क्या समस्या है, वह ऐसा व्यवहार क्यों कर रही है नव्यां को, इस तरह देखकर सौरभ परेशान हो जाता है, वह नव्यां से पूछना तो चाहता था लेकिन नव्या के चेहरे को देखते हुए उसकी हिम्मत नहीं पड़ती,
नव्या को इस तरह परेशान देखकर मिस्टर नीलेश नव्या के पास आकर एक कुर्सी पर बैठ जाते हैं और पूछते हैं मिसेज सिंघानिया कोई दिक्कत है क्या??
नव्या ने कहा नहीं तो निलेश ने कहा आप अपने चेहरे के भाव को किसी से छिपा नहीं सकती आपके चेहरे को देखकर स्पष्ट नजर आ रहा है कि आपको कोई न कोई परेशानी अवश्य है।
लेकिन आप अगर नहीं बताना चाहती तो मत बताइए मैं पूछूंगा नहीं लेकिन आप मुझसे शेयर कर सकती हैं नव्या ने कहा अरे नहीं ऐसी कोई परेशानी की बात नहीं है मेरे सिर में दर्द था इस कारण आप को ऐसा लग रहा है सौरभ दोनों की बातें सुनने की कोशिश करता है किंतु सौरभ को कुछ सुनाई नहीं देता, निलेश ने कहा अरे आपने बताया क्यों नहीं सिर दर्द की गोली तो मेरे पॉकेट में हमेशा रहती है मैं अभी आपको देता हूं नव्या बोली नीलेश जी इसकी आवश्यकता नहीं है ,अब मैं अच्छा महसूस कर रही हूं निलेश ने कहा छ जरा भी जरूरत हो तो आप बेझिझक मेरे पास से सिर दर्द की दवा ले लीजिएगा सौरभ नीलेश को नव्या के बगल बैठकर इस तरह बात करते देख सोचता है कि इसको जाने क्या चिंता पड़ी रहती है यह नहीं कि अपना काम करें नव्या को देखने के लिए अभी उसके पति हैं फिर भी पता नहीं क्यों बीच में कूद जाता है, मेरी वाइफ है मैं देखूंगा कि किस बात से परेशान है तभी अचानक सौरभ अपनी सीट से खड़ा होता है और जाकर नव्या की टेबल के पास चुपचाप खड़े होकर नीलेश से कहता है नीलेश जी आपका काम खत्म हो गया क्या निलेश ने कहा अरे नहीं सौरभ भाई अभी तो मेरा काम काफी बचा हुआ है तो आप यहां मिसेज सिंघानिया की टेबल पर क्या कर रहे हैं। निलेश ने कहा यही प्रश्न मै आप से भी पूछ सकता हूं कि आप हम दोनों की बातों के बीच में क्या करने आए हैं और नीलेश वहां से उठ कर चला जाता है।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहें तड़प तेरे प्यार की और समीक्षा करके हमें यह जरूर बताएं कि हमारी यह कहानी आपको कैसी लगीं 🙏🙏👍 क्रमशः।।।