नव्या और सौरभ दोनों ड्राइवर का इंतजार करते रहते हैं। तभी सौरभ के मोबाइल पर किसी का फोन आता है नव्या चौंक कर पूछती है किसका फोन है ??
सौरभ ने कहा मिसेज सिंघानिया आप तो बिल्कुल मेरी वाइफ ही बन गई है ।अब फोन किसी का भी हो आपको क्या करना है।
,सौरभ के इस उत्तर पर नव्या ने सोचा कह तो सही रहा है लेकिन पता नहीं क्यों मेरे मुंह से अचानक निकल ही गया और अगर मैंने उससे पूछ ही लिया तो कौन सा ऐसा पहाड़ टूट पड़ा कि बता नहीं सकता मैं तो इस रईस जादे की ड्रेस आने का इंतजार कर रही हूं ,।
सौरभ ने मुस्कुराते हुए कहा नव्या जी आप किसका इंतजार कर रही है। सौरभ बोला लगता है, बिना मिस्टर सिंघानिया को सुलाए आप सोएंगी नहीं, नव्या गुस्से से लेटने लगती है ,तभी सौरभ के मोबाइल पर फिर किसी का फोन आता है।
, सौरभ कमरे के बाहर निकलने वाला होता है, पीछे से नव्या आवाज देती है, कहां जा रहे हैं? ओ माय गॉड अगर मुझे पता होता यहां अपनी पत्नी के इतने नखरे इतने उठाने पड़ेंगे तो मैं यहां कभी नहीं रुकता ।
नव्या ने कहा आप बात समझने की कोशिश क्यों नहीं करते नीचे अगर किसी ने इस तरह आपको टहलते देख लिया तो हर कोई यही सोचेगा इन लोगों के बीच जरूर कुछ गड़बड़ है।
सौरभ ने शरारत भरी आंखों से नव्या को देखा और पूछा कैसी गड़बड़ नव्या ने कहा अगर विहान या उसकी फैमिली का कोई भी मेंबर उठेगा तो यह सोचेगा कि आप नीचे क्यों टहल रहे हैं?
सौरभ ने कहा सोचने की पहले मैं खुद ही बता दूंगा कि मेरी पत्नी ने मुझे धक्का देकर बाहर निकाल दिया l नव्या सौरभ को अजीब नजरों से देखने लगती है, और नीचे जाकर सौरभ का नाइट ड्रेस ड्राइवर से ले आती है।
और सौरभ के पास फेकते हुए कहती है लीजिए पहन लीजिए और प्लीज भगवान के लिए शांति से लेट जाइए ,और मुझे भी सोने दीजिए l
सौरभ हाथ में नाइट सूट लेकर कहता है जी बहुत मेहरबानी आपकी, नव्या नाइट सूट पकड़ा कर अपने बेड पर बैठ जाती है ,सौरभ वही कपड़े बदलने लगता है।
नव्या अपना मुंह घुमा लेती है और मन में बड़बड़ाते हुए धीरे से कहती हैं( लोगों के अन्दर शर्म नाम की चीज तो है ही नहीं)उसके बाद सौरभ जानबूझकर बोला कपड़े लाने के लिए थैंक यू ,,,,,नव्या कुछ बोलती नहीं तभी सौरभ पलट कर देखता है, अभी नव्या मुंह उधर घुमा कर बैठी रहती है ,।
सौरभ नव्या के पास आते हुए कहता है मिसेज सिंघानिया आप सुन रही हैं मैं जो कह रहा हूं आवाज पास से आते नव्या सौरभ से कहती है प्लीज जल्दी कपड़े बदल लीजिए और मुझे सोने दीजिए ।
सौरभ ने कहा मैंने तो कितनी बार कहा कि आप सो जाइए, लेकिन आपका खुद ही मन नहीं कर रहा है सोने का, नव्या गुस्से में कहती है मिस्टर सिंघानिया आप चाहते क्या हैं?
मैं इस कमरे में सोऊ या फिर उठ कर बाहर चली जाऊं सौरभ ने कहा अगर आप बाहर जा सकती है तो मैंने मना नहीं किया नव्या गुस्से से उठती है और कमरे के बाहर निकल जाती है l
सौरभ सोचने लगता है, बेकार ही मैंने नव्या को गुस्सा दिला दिया, इतनी रात को बाहर विहान की फैमिली का कोई भी मेंबर अगर उठ कर आ जाएगा तो सोचेगा अकेले यहां पर क्या कर रही है ?
,जाता हूं बुला कर लाता हूं यह, सोचकर सौरभ बाहर आता है देखता है नव्या नीचे सीढ़ियों पर बैठी रहती है, सौरभ पीछे से आकर उसके बगल बैठ जाता है और नव्या से कहता है मिसेस सिंघानिया इतना गुस्सा?????
चलिए कमरे में चलिए वरना आपको रात में इस तरह सीढ़ियों पर बैठे देख लोग जाने क्या सोचेंगे नव्या ने कहा जिसको जो सोचना है सोचे लेकिन मैं आपके साथ उस कमरे में नहीं रह सकती l
सौरभ कहता है ,चलिए ठीक है तो मैं भी यही बैठता हूं, और अब तो आप अपने कमरे में आराम से जा सकती है ना मैं तो बाहर बैठा हूं नव्या बोली यहां बैठने की कोई जरूरत नहीं है आप जानबूझकर यहां बैठना चाहते हैं ,!
ताकि आपको कोई देखे और मुझसे तरह तरह के प्रश्न पूछे आप चलिए मैं कमरे में आती हूं सौरभ मुस्कुराते हुए कहता है थैंक यू मिसेज सिंघानिया l नव्या नजर उठाकर उसकी ओर देखती है, सौरभ घबराहट में कहता है ,मैं चलता हूं और कमरे में चला जाता है ।
कमरे में जाकर सौरभ सोफे पर लेट जाता है । कुछ देर बाद नव्या कमरे के अंदर आती है और दरवाजा हल्का सा उड़गा देती है ,सोफा पर लेटे हुए सौरभ कहता है नव्या जी प्लीज दरवाजा मत बंद करिएगा मुझे आपके लिए आपके साथ अकेले रहने में डर लगता है ।
नव्या गुस्से से कहती है मैं कोई भूत हूं जो आप को मुझ से डर लगता है आपकी मर्जी हो तो दरवाजा बंद कर दीजिए नव्या ने कहा दरवाजा तो खुला ही रहेगा वही तो मैं भी कह रहा था।
लेकिन अगर सुबह विहान की मॉम ऊपर तुम्हारे कमरे तक आयी तो मुझे सोफे पर लेटे हुए देखकर नव्या जी आप से दस प्रश्न पूछेगी, तो उसका जवाब आप ही दीजिएगा नव्या जी मेरी हर बात आपको काटनी होती है, ।
अगर मैं सही भी बोलूं तो आपको गलत लगता है। क्यों इतना गुस्सा है हम पर आपको , बताइए ना मिसेज सिंघानिया बोलिए ना इतना सुनते ही नव्या एकदम बौखला जाती है ।और बौखलाहट में सौरभ के समीप जाकर कहती है क्या चाहते हो तुमने मेरी जिंदगी तो बर्बाद कर ही दी है , और मैं कहीं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रही सौरभ चुपचाप सुनता रहता है।
नव्या इतना ज्यादा गुस्से में थी कि गुस्से से उसका पूरा चेहरा लाल हो जाता है आंखें एकदम लाल हो जाती हैं ,इतना ज्यादा नव्या को गुस्सा आता है कि वह कुछ समझ नहीं पाती कि वह सौरभ के सामने क्या बोल रही है ।
, वह बदहवास सी हो जाती है।वह खुद ही सौरभ के सामने कहती है मेरा शहर मेरे लोग मेरे रिश्तेदार सबको तो तुमने हमसे दूर कर दिया, अब क्या चाहते हो अब तो मेरे पास कुछ भी नहीं है ,क्यों आए वापस मेरी जिंदगी में सौरभ कुछ ना बोल सका इतना कहकर नव्या फूट-फूट कर रोने लगती है। नव्या को इस तरह रोते देख सौरभ घबरा जाता है वह उठ कर बैठ जाता है ।
और नव्या के दोनों हाथों को अपने हाथों में लेकर नव्या से कहता है चुप हो जाओ नव्या मैं तुम्हारा दुख समझ सकता हूं इतना कहते ही नव्या दोनों हाथ जोर से झटक कर छुड़ाते हुए उठ कर खड़ी हुई और भागती हुई अपने बिस्तर पर जा गिरी,
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क्रमशः।।।।।