निवि को उदास देखकर विहान की मॉम निवि से कहती हैं, कि कोई बात नहीं मुझे भी तो कोई अपने साथ नहीं ले गया पर मैं तो उदास नहीं हूं,
बल्कि मैं खुश हूं कि मैं तुम्हारी मॉम और तुम्हारा डॉगी हैरी सभी एक साथ मिलकर घर में इंजॉय करेंगे निवि ने कहा लेकिन मुझे तो दीदी लोगों के साथ बाहर जाने का मन था विहान कि मॉम उसको समझाती हैं तो वह मान जाती है और खुश हो जाती है।
सौरभ, नव्या, हनी और विहान चारों रास्ते भर बातें करते हुए जाते हैं l हनी को विहान से बात करने में थोड़ा संकोच लगता है किंतु सौरभ के कारण वह बेझिझक अपनी बात कह ले रही थी क्योंकि जब कोई बात हो तो सौरभ उससे कहता कि अब इसका जवाब दो हनी, और हनी फट से बोल देती थोड़ी देर के लिए तो नव्या भी यह भूल गई थी, कि वह उस सौरभ सिंघानिया के साथ है जिससे उसको बदला लेना है ।
हंसी मजाक का दौर चलता रहता है सब एक दूसरे में इतना घुल मिल जाते हैं कि कब थिएटर आ जाता है पता ही नहीं चलता, अंदर टॉकीज में जाने पर विहान थोड़ा आगे बढ़,कर हनी का हाथ अपने हाथ में ले लेता है ।
हनी शर्माती है। किंतु मन ही मन उसकी भी सहमति रहती है सौरभ ने उन दोनों को ऐसा करते देख लिया और मुस्कुरा कर आगे बढ़ते हुए नव्या से कहता है।
लीजिए आपकी बहन तो आप से काफी आगे निकली अभी शादी नहीं हुई फिर भी उसने विहान का हाथ न छोड़ने का फैसला कर लिया नव्या सौरव का मुंह देखने लगती है ,तभी सौरभ उसका चेहरा घुमाते हुए हनी और विहान के हाथ की ओर इशारा करता है।
नव्या देखती है हनी और विहान एक दूसरे का हाथ पकड़े रहते हैं लेकिन वह कुछ बोलती नहीं और आगे बढ़ जाती है। सौरभ पीछे से नव्या से कहता है ,नव्या जी इस पर पर आपने कुछ टिप्पणी नहीं की नव्या बोली आप अपना मुंह बंद रखिए और चुपचाप चलिए, सौरभ बोला मैं तो चुपचाप ही हूं, अगर चुपचाप ना होता तो यहां लोग शादी के पहले क्या क्या कर रहे हैं और मैं शादीशुदा होकर भी अपनी पत्नी को छू नहीं सकता नव्या सौरभ की ओर देखती हैं सौरभ बोला क्या मैंने कुछ गलत कहा क्या ॽ नव्या बिना कोई जवाब दीजिए आगे बढ़ जाती है।
हनी और विहान उसी तरह हाथ पकड़कर आगे बढ़ते रहते हैं और दोनों एक दूसरे के बगल वाली सीट पर बैठ जाते हैं नव्या इधर-उधर देखने लगती है, तभी सौरभ नव्या का हाथ पढ़कर तेजी से खींचता है, ।
नव्या बिल्कुल गिरते-गिरते सौरभ के बाहों में आ जाती है सौरभ एक हाथ से उसको पकड़ कर कहता है इतनी जल्दी भी क्या है आज तो मैं आपके घर में ही रुक रहा हूं, नव्या गुस्से से सौरव को एक दूसरे हाथ से धक्का देती हुइ दूर करने की कोशिश करती है, लेकिन सौरभ की चैन नव्या के मंगलसूत्र में जाकर फंस जाती है।
सौरभ सीट पर बैठा रहता है नव्या उसके ऊपर झुकी रहती है। नव्या घबराकर जल्दी-जल्दी अपना मंगलसूत्र सौरभ की चेन से छुड़ाने की कोशिश करती है किंतु वह इतनी उलझ जाती है कि निकलने का नाम ही नहीं लेती तभी सौरभ ने नव्या से कहा आप कहें हैं तो मैं कोशिश करूं नव्या बोली उसके लिए भी आपको इनवाइट करना पड़ेगा,,,
, सौरभ ने कहा जैसी आपकी मर्जी अगर आपका भी मन कर रहा हो तो इनवाइट कर लीजिए नव्या लगभग गुस्से से चीखते हुई कहती है, मिस्टर सिंघानिया आप होश में तो है, कैसी बहकी बहकी बातें कर रहे हैं ।
सौरभ बोला आप कहना चाहती मैं आपको देख कर बहक गया नव्या ने कहा मैंने ऐसा तो नहीं कहा तभी बिहान उन दोनों के समीप खड़ा होकर पूछता है दीदी कोई दिक्कत है क्या??
नव्या ने हंसकर कहा अरे नहीं वह मेरा मंगलसूत्र सौरभ की चेन में थोड़ी फंस गई है मैं कोशिश करूं ,अरे नहीं विहान ने कहा जिस तरह आप लोग एक दूसरे से अलग नहीं रहते वैसे ही आप की चेन और आपका मंगलसूत्र भी आपसे अलग नहीं रहना चाहते विहान के इस प्रकार बोलने पर नव्या और तेजी से खींच कर मंगलसूत्र निकालने लगती है ।
नव्या को इस तरह करते देख सौरभ कहता है मिसेस सिंघानिया अब यह आप के बस की बात नहीं है रुके मैं निकालता हूं नव्या ने कहा अभी आप भी तो नहीं निकाल पाए थे सौरभ धीरे से बोला वह तो मैं निकालना चाहता ही नहीं था। नव्या अपना मंगलसूत्र गले से उतारने लगती है ।
सौरभ उसका हाथ पकड़ लेता है और कहता है आप इसको मत उतारिए ऐ उतारने के लिए नहीं है। मैं अपनी चेन उतार देता हूं फिर आप दोनों को अलग कर दीजिएगा, अलग करना मेरी आदत नहीं इसलिए शायद मैं अलग नहीं कर पा रहा हूं,
सौरभ गले की चैन खोलकर अपने गले से चेन को निकाकर देता है नव्या उठकर वहीं सीट पर बैठ जाती है , मूवी शुरू हो जाती है टॉकीज में एकदम अंधेरा पसरा रहता है। सौरभ को एक सपना जैसा लगता है उसके बगल में नव्या बैठी है और सामने मूवी चल रही है ।
पूरे थियेटर में अंधेरा सौरभ यही बात कहता है कि नव्या मै कोई सपना तो नहीं देख रहा हूं नव्या कहती है फिलहाल चुपचाप पिक्चर देखिए सौरभ नव्या से कहता है यार तुम कभी-कभी मुझे एकदम डिप्रैस कर देती हो नव्या ने कहा अब मैंने क्या किया सौरभ बोला मैं इतने रोमांटिक मूड में तुमसे बात करता हूं और तुम सारा का सारा मेरा रोमांस उतार कर रख देती हो,
नव्या ने कहा मिस्टर सिंघानिया आपको नहीं लग रहा है, आप अपनी लिमिट क्रॉस कर रहे हैं सौरभ ने पीछे से नव्या के गले में हाथ डालते हुए कहा अब लिमिट क्रॉस हुई है इसके पहले तो मैं बहुत शराफत से बात कर रहा था।
नव्या अचानक उठ खड़ी हुई पीछे तो में हर कोई चिल्लाने लगता है। नव्या घबराकर बैठ जाती है। सौरभ कहते हैं अब तो मैंने अपनी चेन भी आपको दे दी अमानत के तौर पर तो अब आप क्यों उठ कर खड़ी हो गई नव्या ने कहा मैं घर पहुंच कर सुलझा कर आपकी जान आपको वापस कर दूंगी है। सौरभ हंसते हुए कहता है अरे वह चेन कोई मेरी जान थोड़ी ना हैऔर एक बात तो आपने बिल्कुल सही कही मेरी जान तो आप ही लौटा सकती हैं।
आगे जानने के लिए पढ़ते रहे तड़प तेरे प्यार की ,और प्लीज समीक्षा करके हमें यह जरूर बताएं कि हमारी यह कहानी आपको कैसी लगी, 🙏🙏🙏 क्रमशः।।।