उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के बीच सीटों को लेकर सहमति बन गई है. सूबे में बसपा को सपा से ज्यादा सीटें मिली हैं. बसपा के खाते में 38 सीटें गई हैं तो सपा को 37 सीटें मिली हैं. दोनों पार्टियां किन-किन सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेंगी इसकी घोषणा कर दी गई है. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को मात देने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन किया था. सपा-बसपा के बीच सीटों को लेकर सहमति बन गई है. सूबे में बसपा को सपा से ज्यादा सीटें मिली हैं. बसपा के खाते में 38 सीटें गई हैं तो सपा को 37 सीटें मिली हैं. दोनों पार्टियां किन-किन सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेंगी इसकी घोषणा कर दी गई है. हालांकि दोनों पार्टियों ने बागपत, मथुरा और मुजफ्फरनगर सीटों छोड़ दी हैं. माना जा रहा है कि ये तीनों सीटें आरएलडी के खाते में गई हैं. सपा-बसपा ने गुरुवार को सीटों की घोषणा की है. पश्चिम यूपी की ज्यादातर सीटों पर जहां बसपा चुनावी मैदान में उतरेगी. वहीं, रुहेलखंड और मैनपुरी कन्नौज आसपास की सीटें सपा के खाते में गई है. हालांकि दोनों पार्टियों को हर मंडल की सीटें मिली हैं. कैराना, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, गाजियाबाद, हाथरस (सुरक्षित), फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, हरदोई (सुरक्षित), उन्नाव, लखनऊ, कन्नौज, कानपुर, झांसी, बांदा, कौशाम्बी, फूलपुर, इलाहाबाद, बाराबंकी (सुरक्षित), फैजाबाद, बहराईच (सुरक्षित), गोंडा, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, आजमगढ़, बलिया, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज (सुरक्षित) सीटों पर सपा चुनाव लड़ेगी. सूबे की 80 लोकसभा सीटों में अनुसूचित जाति के सुरक्षित 17 सीटों में से 7 पर सपा चुनाव लड़ेगी तो 10 पर बसपा अपनी किस्मत आजमाएगी.
उत्तरप्रदेश के सहारनपुर, बिजनौर, नगीना (सुरक्षित), अमरोहा, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर (सुरक्षित), अलीगढ़, आगरा (सुरक्षित), फतेहपुर सिकरी, आंवला, शाहजहांपुर (सुरक्षित), धौरहारा, सीतापुर, मिश्रिख (सुरक्षित), मोहनलालगंज (सुरक्षित), सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फर्रुखाबाद, अकबरपुर (कानपुर देहात), जालौन (सुरक्षित), हमीरपुर, फतेहपुर, अंबेडकरनगर, कैसरगंज, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीरनगर, देवरिया, बांसगांव (सुरक्षित), लालगंज (सुरक्षित), घोसी, सलेमपुर, जौनपुर, मछलीशहर (सुरक्षित), गाजीपुर और भदोही सीट पर बसपा चुनाव लड़ेगी.
बता दें कि सपा और बसपा ने सूबे के 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. लेकिन अखिलेश यादव ने अपने कोटे से एक सीट आरएलडी को दे दी है. इस तरह से आरएलडी को तीन सीटें मिली हैं. जबकि रायबरेली और अमेठी दो सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया गया है.