कसक तेरे प्यार की,,, (भाग 23)
अब तक आपने नदीम दूसरी शादी उस लड़की से करना चाहता है जिससे वह प्यार करता है घर के लोग उसको समझा रहे हैं अब आगे 👉
अम्मी नदीम से कहती हैं,,बेटा पहले ही तूने उस लड़की से शादी क्यों नहीं की,,,, नदीम कहता है ,,,,,,आप ज़िद पर अड़ी हुई थीं,,, ।
अम्मी पर तूने यह तो नहीं कहा कि मैं किसी से प्यार करता हूं।
तू तो बस यही कहे जा रहा था मुझे अभी शादी नहीं करनी है,,,,,।
अम्मी,,, मैं मां थी तेरी अगर तुम मुझे असलियत बताता तो हम ज़रूर तेरी शादी ज़ेबा से करा देती,,,,,। तेरी ही पसंद की दुल्हन घर में लाती,,,।
नदीम अब्बू तैयार नहीं होते मैं जानता हूं उन्हें अच्छी तरह इसी डर से मैं चुप रहा,,, मैं मनाती ना तेरे अब्बू को आख़िर क्यों नहीं तैयार होते,,,।
अब्बू कहते हैं,,, हम इतने पुराने ख़यालात के भी नहीं जो बेटे की पसंद को अपनी पसंद ना बना सके,,, तुमने एक बार कोशिश तो की होती आजमाया तो होता अपने अब्बू को,,,।
नदीम यह सब बातें आप अभी कर रहें हैं अगर मैं आप से कहता तो आप उस वक्त मना ही करते,,,,।
अब्बू,,,, नहीं मेरे बेटे ऐसी बात नहीं हम दोनों ने हमेशा तुम्हारी ख़ुशी का ख़्याल रखा है,,,, और चाहा है कि हमारा हर बच्चा कामयाब हो और जिंदगी की हर खुशी उसको मिले,,,।
अम्मी अब जो होना था हो गया अब यह सब बातें सोचने का वक्त नहीं और तुम भी अब ज़्यादा नाटक बाजी मत करो मैं क्या मुंह दिखाऊंगी इस लड़की के मां-बाप को।
नदीम और मैं क्या मुंह दिखाऊं उस लड़की को जिसके सामने मैं प्यार की क़समे में खाता रहा,,, जिसे यकीन दिलाता रहा कि वह मेरी है सिर्फ मेरी,,, उसने एक साल की मोहलत मांगी थी मुझसे बस मैं तो उसी का इंतज़ार कर रहा हूं,,,,।
अम्मी और इस बिचारी का क्या होगा जो बेवजह तेरी बेरुखी को सह रही है,,, इन सब बातों में इस बिचारी का क्या क़सूर कितनी मासूम कितनी खूबसूरत है ।
अम्मी तुझे तो ख़ुदा का शुक्र करना चाहिए जिसने तुझे इतनी अच्छी बीवी अता की इतने कम दिनों में ही इस लड़की ने सबका दिल जीत लिया है,,,।
नदीम सीमा की तारीफ़ सुनकर और भी भड़क जाता है और गुस्से में चिल्लाते हुए कहता है आप समझती क्यों नहीं,,,,,।
नदीम नहीं प्यार करता मैं इसको,,,, नहीं पसंद है यह मुझे,,,,,। नफ़रत होती है इसको देख कर,,,,,।
जिसे कभी जाना नहीं समझा नहीं उसके साथ पूरी जिंदगी नदीम कैसे गुजार सकता हूं,,,।
अम्मी अब जान समझ ले समझने की कोशिश करेगा तो तुझे हज़ार ख़ूबियां नजर आएंगी इसमें,,,।
नदीम अब्बू से,,,,, अब्बू माफ़ करिए मुझे अम्मी से कहें खामोश हो जाएं मैं बस और कुछ नहीं सुनना चाहता,,,।
मेरा सर फटा जा रहा है मैं अब और इसको बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगा,,,,।
नदीम आगे क्या कदम उठाता है यह जानने के लिए पढ़ते रहे धारावाहिक कसक तेरे प्यार की,,,
👉👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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