कसक तेरे प्यार की (भाग 29)
अब तक आपने पढ़ा ज़ेबा उस समय कोई याद कर रही है जब उसे करो ना हुआ था और नदीम ने जी जान से उसकी देखभाल की थी ,,,अब आगे 👉
"जेबा कहती है जब तुमने मेरा हाथ अपने हाथों में ले रखा था तब,,,!"
"उस वक़्त मैंने महसूस किया था एक अनोखी ताक़त मेरे अंदर आ रही है,,,,,।"
" और मुझसे बार-बार कह रही है तुझे कुछ नहीं होगा तुझे कुछ नहीं होगा,,,।"
"आज भी मैं सोचती हूं तो मेरी आंख भर आती है,,,!"
घर के लोगों को भी कुछ पता नहीं चला उन्हें भी बाद में ही बताया था कि मैं कोरोना पॉजिटिव हो गई हूं,,!"
"तुम्हारा प्यार और तुम्हारी देखभाल ने मुझे दुबारा जीने की हिम्मत दी,,,!"
"वरना हमारे कितने ही लोग जो अस्पताल में एडमिट हुए थे घर वापस ना सके,,,,!"
"आज भी सोचती हूं तो मेरा दिल धड़कने लगता है,,,,,,।"
"नदीम उसके मुंह पर हाथ रख देता है और कहता है,,,!" "अरे क्या हो गया तुम्हें,,,!"
" मना किया था ना इन बातों को मत सोचा करो अच्छा और बुरा वक्त हर किसी पर आता है,,,!"
" जो बीत गई सो बात गई,,,!"
" तुम मेरी जिंदगी हो तुम्हें बचाना मेरा फर्ज था,,, !"
"तुम्हें कुछ हो जाता तो मैं अपने आप को कभी माफ़ नहीं करता,,, !"
"बस उस वक्त तो यही दिल में था तुम बिल्कुल अच्छी हो जाओ,,,!"
" और खुदा ने मेरी दुआ सुन ली,,,!"
" सच्ची मोहब्बत में बहुत असर होता है,,,, !"
"ठीक है बस अब इतना इमोशनल होने की जरूरत नहीं "सारा बुरा वक्त अब जा चुका है,,,।"
"जिंदगी बहुत खूबसूरत है,,,,!"
" पुरानी बातें भुलाकर,,, जिंदगी का स्वागत करो,,,,,!"
"वह तुम पर खुशियां लुटाने के लिए बेकरार हो रही है,,,!"
" चलो अब मुस्कुराओ,,, "
"और दोनों हंसने लगते हैं,,,!"
" जे़बा गेट खोलते हुए नदीम से कहती है,,,!'
" ठीक है बाबा अब ख़ुश हो जाते हैं,,,!"
" अल्लाह हाफिज,,,!"
" और वह बहुत शरारती अंदाज में नदीम से कहती है अब अपनी बेगम को घर बुला ही लो,,,!"
" वह भी बिचारी तुम्हारे इश्क में,,, रात रात भर जाग रही होगी,,, !"
"और नदीम भी उसी तरह छेड़ते हुए कहता है,,,!"
" बस अब बेगम को लाने की तैयारी ही तो कर रहे हैं,,,।"
"अब उन्हें हमारे लिए रात रात भर जागने की जरूरत नहीं!"
"बहुत जल्दी हम उन्हें अपने पास जो लाने वाले हैं,,।"
जेबा मुस्कुराती है और कहती है ठीक है अब जाने दो ना,, और नदीम ज़ेबा को छोड़ कर घर वापस आ जाता है,,,,,,!
रास्ते भर वह गाने गुनगुनाता हुआ घर वापस आता है,,, अब मेरी परेशानियां खत्म होने वाली है,,, बहुत जल्दी मैंने फैसला ले लिया,, सीमा को छोड़ देना ही मेरे हक़ में अच्छा रहा,,,,,।
़आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहे धारावाहिक कसम तेरे प्यार की,,
👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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