कसक तेरे प्यार की सीजन टू (भाग 53)
अब तक आपने पढ़ा वसीम के मम्मी और अब्बू सीमा के घर जाकर वसीम से उसके शादी की बात करते हैं अब आगे 👉
सीमा के मां बाप नानी और दादी मां घर के सभी लोग मिलकर सीमा की शादी के बारे में सोचते हैं और फैसला करते हैं उस घर में सीमा का भेजना ठीक नहीं,,, तभी नानी कहती हैं,,,।
घर के सभी लोग बहुत अच्छे हैं फिर वसीम भी एक अच्छा लड़का है सीमा के लिए बिल्कुल परफेक्ट है,,, इस बारे में सीमा से बात कर लो,,,।
क्योंकि उसको भी घर के सभी लोग बहुत पसंद है वह रह-रहकर सब की तारीफ़ करती हैं,,,, ।
आदि की शादी में जिस तरह वह अकेला लड़का आया था और सीमा भी जिस तरह उससे खुश होकर बातें कर रही थी मुझे लगता है मैं उसको पसंद करने लगी है,,, मेरी यह पारखी आंखें कभी धोखा नहीं कर सकती,,,
फिर ससुराल वही होगी किसी को कुछ पता भी नहीं चलेगा वैसे भी हमने तलाक की बात अभी किसी को बताई ही नहीं है,,,,।
तभी वसीम सीमा को फ़ोन करता है और कहता है सीमा जब से मैं शादी से आया हूं तुम्हारा ही चेहरा मेरी आंखों के सामने है,,,।
हर वक़्त तुम्हें याद करता रहता हूं लगता है मैं तुम्हारे बिना नहीं जी सकता,, मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं प्लीज़ बुरा मत मानना जो मेरे दिल में था मैंने कह दिया
तुम भी जो चाहती हो मुझे बता दो मैं दोस्त हूं तुम्हारा तुम मना भी कर दोगी तो बुरा नहीं मानूंगा,,, तुम्हारी जिंदगी है और तुम्हें पूरा हक है अपने बारे में फैसला लेने का,,,,,,।
मैं तो बस तुम्हें ज़िन्दगी की हर ख़ुशी देना चाहता हूं,,,।
सीमा कहती है यह सब तुम मुझ पर तरस खाकर कर रहे हो ,,,,, और मैं नहीं चाहती कि कोई मुझ पर तरस खाए,,,
मैं उस शख़्स से शादी करना चाहती हूं,,, जो सिर्फ मुझे प्यार करे , जो मुझे सम्मान दे और अपना समझे,,,,।
वसीम तुम मुझे ग़लत समझ रही हो,,, मैं तुमसे बहुत प्यार करने लगा हूं,,, सोते जागते उठते बैठते तुम्हारा ही चेहरा मेरी आंखों के सामने घूमता रहता है,,, मैं तुम्हें ज़िन्दगी की हर ख़ुशी देना चाहता हूं,,,,।
मेरा एतबार करो,,, अगर तुमने यह रिश्ता क़बू़ल नहीं किया तो मैं जिन्दगी भर किसी से भी शादी नहीं करूंगा,,, और तुम्हारी दोस्ती के सहारे ही सारा जीवन गुजार लूंगा,,, मगर मेरे लब पर कभी शिकवा ना होगा,,,,,
सीमा ठीक है इतना इमोशनल भी ना बनो,,,, तुम मेरे दोस्त तो हो ही,,, मुझे एक मौक़ा दो सोचने का,,,,,, वैसे भी तुमने मेरा बहुत ख़्याल रखा है,,,।
सीमा अपने दिल में सोचती है मैं भी तो हर वक्त वसीम के ख्यालों में गुम रहती हूं और सोचने पर मजबूर हूं,,,,
अजनबी कौन हो तुम जबसे तुम्हें देखा है,
मेरी दुनिया मेरी आंखों में सिमट आई है,
शायद इसी को प्यार कहते हैं,,,,
क्या वसीम और सीमा की शादी हो जाएगी जानने के लिए पढ़ते रहें कसक तेरे प्यार की सीजन टू
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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