कसक तेरे प्यार की (भाग 34)
अब तक आपने पढ़ा नदीम के मां बाप सीमा के घर माफी मांगने गए थे अब आगे 👉
तलाक के बाद सीमा ने अपना मन बहलाने के लिए कॉलेज में नौकरी कर ली है ताकि जो कुछ उसके साथ हुआ है उसको भुला देने में थोड़ी मदद मिल जाए,,,।
पर कहते हैं ना इतना बड़ा ग़म भुलाने के लिए समय तो लगता ही है,,, सीमा को सब की याद आती रहती है क्योंकि उसने तो दिल से सबको अपना मान लिया था,,।
नदीम के अम्मी और अब्बू दोनों ही उससे बहुत प्यार करते थे और वसीम,,, वसीम तो उसका दोस्त बन गया था बहुत सारा वक़्त उसने वसीम के भरोसे ही वहां रहकर बिता दिया था,,, ।
और वह नदीम के सुधरने का भी इंतज़ार कर रही थी,, उसको उम्मीद थी कि वह नदीम को भी अपने स्वभाव से अपनी ओर आकर्षित कर लेगी,,,।
पर हायरी क़िस्मत वह ऐसा ना कर सकी नदीम ने उसको इतना समय ही नहीं दिया,,,।
ख़ैर छोड़ो यह सब याद करने से क्या फायदा है,,,,,।
अब कॉलेज में उसकी दोस्ती सब लोगों से हो गई है सब लोग उसको बहुत पसंद करते हैं स्टाफ में हर तरफ उसकी चर्चा है,,, ।
सीमा ने अपने बारे में किसी को कुछ नहीं बताया,, हमारा समाज इस तरहां का है कि वह आज भी तलाकशुदा औरतों को अच्छी नज़रों से नहीं देखता और यह भी जानने की कोशिश नहीं करता कि गलती किसकी है,,,।
क्योंकि हर हाल में औरत ही ज़िम्मेदार ठहराई जाती है,,, सीमा सबके साथ बहुत ख़ुश है और उसका समय बड़ा अच्छा बीत रहा होता है,,।
आज बहुत दिनों के बाद वह घर के सब लोगों के बीच बैठकर हंसी मज़ाक कर रही है और नानी जान से कहती है आप क्यों चुप हैं नानी जान कोई अच्छा सा गाना क्यों नहीं सुनाती,,।
अभी तो आपको आतिफ़ की शादी में डांस करने हैं,, नानी जान चारों तरफ देखते हुए मुंह में पान चबा चबा कर मुस्कुराते हुए सीमा से कहती हैं हां भाई हां,,,,,, तुम लोग मुझे बूढ़ा नहीं होने दोगे,,,।
अभी तो मुझे बहुत डांस करने बाक़ी है बहुत सी खुशियां देखनी है,,,, आने वाला वक्त इंशा अल्लाह बहुत ख़ूबसूरत होने वाला है,,।
"सीमा कहती है यह हुई ना बात नानी,,,,।"
"अब चलिए जल्दी आतिफ़ के लिए लड़कियां बताइए,,,!"
" मेरे चक्कर में उसकी शादी लेट हो गई अब फटाफट घर में बहू आ जानी चाहिए,,, !"
"नानी जान अरे ढूंढने की क्या ज़रूरत है तेरी शादी में लड़की तो उसने ढूंढ ही ली थी,,,,,।
"हर वक्त उसके फोटो देखता रहता है,,।"
"इन मामलों में तेरी नानी की निगाह बहुत तेज़ है उड़ती चिड़िया के पर गिन लेती है,,,,!"
" और वह कई बार हम लोगों से मिलने आ चुकी है,,!"
" सीमा खुश होते हुए यह तो बहुत अच्छी बात है नानी मैं आज ही आतिफ़ से बात करूंगी,,,,!"
" कौन है वो,,, नानी जान अरे कौन से क्या मतलब तेरी सहेली आयशा ही का तो दीवाना हो गया है यह,,,,!"
" बात बहाने सब को उसके घर ले जाने की ज़िद करता रहता है,,, ।"
अच्छा तो यह बात है मैं अभी आयशा को फ़ोन लगाती हूं,,,,आओ नानी दोनों मिलकर थोड़ी मस्ती करते हैं,,,,,।"
आगे कहानी जानने के लिए पढ़ते रहे धारावाहिक कसक उसकी,,, 👉
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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