कसक तेरे प्यार की सीजन टू (भाग 54)
अब तक आपने पढ़ा सीमा और वसीम की शादी की बात चल रही है,, अब आगे 👉
सीमा के घर के लोग वसीम के बारे में सोच रहे हैं नानी जान सीमा से पूछती हैं वसीम कैसा लड़का है तूने तो वहां रहकर देखा है,,, ।
सीमा कहती है घर के सभी लोग बहुत अच्छे हैं वसीम ने वहां रहते हुए मुझे बहुत सपोर्ट किया था मेरी वजह से वह बहुत बार नदीम से भी लड़ा था।
भाभी होने के नाते बहुत इज़्ज़त करता था मेरी उसको लगता था नदीम जो कुछ भी कर रहा है वह बहुत ग़लत है उसने हरचंद कोशिश की तलाक ना हो,,,,।
मेरे लिए वसीम हर वक़्त खड़ा रहता था,, मुझे कोई तकलीफ़ ना हो इसका पूरा ध्यान रखा था उसने,,,।
घर के लोग भी हर वक़्त मेरा ख़्याल रखते थे और नदीम को वक़्त वक़्त पर समझाते रहते थे,,, ।
पर आप यह सब क्यों जानना चाहती हैं जो होना था वह हो गया,,,।
नानी कहती हैं वसीम का रिश्ता आया है तुम्हारे लिए,,, वह तुमसे शादी करना चाहता है अब यह फैसला तुम्हें ही करना है अगर तुम्हें उस पर यकीन हो तभी फैसला करना हम अपना फैसला तुम पर नहीं थोपना चाहते,,,।
सीमा कहती है ओह तो यह बात है वसीम भी मैसेज करके मुझसे पूछ रहा था,, मैं भी दो-तीन दिन से इसी बारे में सोच रही हूं कि वसीम को क्या जवाब दूं,,,,,।
वह लगातार इस बारे में बात कर रहा है,,, वसीम में कोई बुराई नहीं,, एक आदमी के किऐ की सज़ा हम पूरे घर को नहीं दे सकते,,, ।
वसीम ने वादा किया है कि वह उसको हमेशा ख़ुश रखेगा उसकी तरफ़ से उसे कभी कोई तकलीफ़ नहीं होगी,,,
नानी हंसते हुए कहती हैं इसका मतलब यह,,, कि हमारी पारखी आंखों ने सही अंदाजा लगाया था,,,,।
सीमा हंसते हुए अरे नानी आप भी ना,,, और नानी कहतीं हैं हम तो उड़ती चिड़िया के पर गिन लेते है,,,,,,,,, हमसे कोई बात छुपी नहीं रह सकती,,,,।
तो लो भाई शादी पक्की हुई सीमा हंसने लगती है और कहती है जैसा आप लोग ठीक समझें करलें,,,,,,।
वसीम अच्छा लड़का है वैसे भी मेरे ऊपर तलाक़ का धब्बा लग चुका है नानी और वसीम की अभी शादी भी नहीं हुई है,,,,।
नानी घर के सब लोगों को बताती हैं सीमा वसीम की तारीफ़ कर रही है वह राज़ी है इस रिश्ते के लिए बहुत समझदार लड़की है हमारी,,,।
वह तो नदीम ही बदक़िसमत था या यूं कहो कि उसकी आंखों पर पट्टी बंधी थी,,,,, प्यार अंधा होता है और किसी लड़की के प्यार ने उसे अंधा बना दिया था,,,,,।
सीमा के अब्बू जान कहते हैं तो फिर मैं फोन करके इस रिश्ते के लिए हां बोल देता हूं,,, और फोन लगाते हैं,,,।
वसीम के अब्बू जान,, बहुत खुश होते हैं और पूछते हैं क्या सोचा आपने,,,।
" अरे भाई अब सोचना ही क्या था सीमा तो पहले ही तुम्हारी हो चुकी है,,, बस अब शादी की कोई डेट चुनकर बता दें हम लोग जल्दी ही इसकी शादी कर देना चाहते हैं,,, !"
"ठीक है मैं वसीम की मां से बात करके आपको बताता हूं,,, !"
अरे भाई कहां हो वसीम की मां सुनो वसीम का रिश्ता पक्का हो गया है बहुत-बहुत मुबारक हो,, ।
"वसीम की मम्मी जान हाथ फैला कर ख़ुदा का शुक्र अदा करती हैं,,,!"
" और नदीम से कहती हैं बहुत-बहुत मुबारक हो वसीम का रिश्ता पक्का हो गया नदीम कहां पर,,!"
"अरे हमने सीमा के साथ ही नदीम का रिश्ता पक्का कर दिया है,,,, हम ऐहसासे गुनाह से मुक्ति पाना चाहते हैं,,,।"
"उस लड़की के हम सब गुनाहगार थे खुदा का शुक्र है वसीम ने उससे शादी करने का फैसला कर के हम सबको इस गुनाह से आज़ाद कर दिया,,,!"
" नदीम परम अम्मी एक बार मुझसे पूछ तो लेती,, !"
अरे तू कर रहा है ना अपनी पसंद की शादी अब तुझे इस से क्या लेना देना सीमा की शादी कहां होती है कहां नहीं,,,।
तू अपनी बीवी के साथ ख़ुश रहना और वह अपनी बीवी के साथ ख़ुश रहेगा,,, वैसे भी अब तूने दिल्ली वाली फैक्ट्री संभालने का फैसला कर लिया है नदीम कहता है ठीक है जैसा आप समझे,,
नदीम अपने दिल में सोचता है अब मां को कैसे बताऊं मैं जिसको प्यार करता था उसने कहीं और शादी कर ली,,,।"
वह बार बार सोचता है एक ठुकराए हुए इंसान की जिंदगी में बचता ही क्या है,, समझौतों,,और कसक के सिवा,,,, और अब यह तीसरी कसक भी मुझे झेलनी है,,, क्या करूं ना जीते बनता है ना मरते,,,।
नदीम आगे क्या कदम उठाता है जानने के लिए पढ़ते रहे धारावाहिक कसक तेरे प्यार की सीज़न टू
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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