कसक तेरे प्यार की भाग 15
नदीम सीमा के साथ ससुराल नहीं जाना चाहता है,, पर सीमा उसे साथ लेकर चलने को कहती है,,, जिससे कोई फैसला लिया जा सके,,, अब आगे 👉
और यही सोचते हुए नदीम से कहती है आपको साथ चलना ही चाहिए नहीं तो लोग क्या कहेंगे,,,।
नदीम कहता है अम्मी मैं बहुत थका हूं,,, आप वसीम को साथ भेज दें अम्मी गुस्से से कहती हैं अरे दूल्हा को जाना होता है ना कि देवर को,,,,।
तुम्हें जाना है बस इन लोगों के साथ एक ही दिन की तो बात है फिर हम लोग चौथी की रसम होती है उसमें जाकर तुम्हें और दुल्हन को साथ ले आएंगे,,,।
नदीम कुछ नहीं बोलता,,, सीमा और उनके घर वालों के साथ ससुराल पहुंच जाता है जहां उसका जमकर इस्तकबाल होता है ।
सब लोग नदीम को बहुत प्यार करते हैं और बेहद खा़तिर की जाती है दामाद की,,, सीमा अपनी मम्मी को देखकर लिपट जाती है,,, ।
अम्मी जान और अब्बू जान की ख़ुशी का ठिकाना नहीं है,,, तभी नानी जान सीमा और नदीम को गले से लगा लेती हैं,,, और कहती हैं लाखों में एक जोड़ी ऐसी होती है जो तुम दोनों की देखने को मिली है ।
और सीमा कहती है बिल्कुल सही कह रही हैं नानी जान भला ऐसी जोड़ी किसी की हो सकती है वह नदीम पर तंज़ करते हुए नानी जान से कहती है,, ।
सीमा के अब्बू जान सीमा की अम्मी से कहते हैं शुकराने की नमाज़ पढ़नी चाहिए बेटी की शादी का फ़र्ज़ पूरा हो गया है,,,,, और वह माशा अल्लाह से बहुत खुश है,,, ।
और खुदा का लाख-लाख शुक्र है कि उसने हमें दामाद के रूप में हीरा दिया है,,,।
बस अब तो यही अरमान है कि कोई अच्छी सी लड़की देख कर बेटे आतिफ की शादी भी जल्दी से करके बहू घर ले आएं,,,।
तभी नानी जान बीच में बोलती हैं हां भाई मेरे बूढा होने से पहले बहू आ जानी चाहिए,,, अभी बहुत से अरमान बाकी हैं,,, सीमा की शादी में कुछ निकल गए कुछ आतिफ की शादी में निकालने हैं,,,,।
खाना पीना खाने के बाद सीमा अपने रूम में आ जाती है उसकी सहेलियां एक-एक करके उससे मज़ाक करती हैं कोई मुंह दिखाई का पूछती है तो कोई वसीम के बारे में बात करती है ।
सीमा की कुछ समझ में नहीं आ रहा है किससे क्या कहें ,, उधर नदीम भी सबके बीच में घिरा बैठा है,,,।
रह-रह कर नदीम अपनी प्रेमिका के बारे में सोच रहा है मेरे दिल में तेरे प्यार की कसक बहुत दर्द दे रही है काश मैं यह शादी ना करता,,,,।
शादी करने से क्या होता है तुम मेरी हो ज़ेबा,,,,,, सिर्फ़ मेरी,,,,।
और खुद को तसल्ली देते हुए वह अपने दिल में बार-बार गाने की यह पंक्तियां ही दोहराता रहा,,,
दिल में किसी के प्यार का जलता हुआ दिया
दुनिया की आंधियों में भला ये बुझेगा क्या,
सांसों की आंच पाके दहकता रहेगा ये,
सीने में दिल के पास धड़कता रहेगा ये,
अब वो करम करें के सितम उनका फैसला
हमने तो दिल में प्यार का शोला जला लिया,,,,,
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहे धारावाहिक कसक तेरे प्यार की ,,,,,,,
👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉👉 क्रमशः
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
---------------🌹🌹🌹---------------