कसक तेरे प्यार की सीज़न टू ( भाग 51)
अब तक आपने पढ़ा वसीम सीमा को मैसेज करता है पर सीमा वह मैसेज नहीं देख पाती वह आतिफ की शादी में बिजी है,,,
आज आतिफ़ की शादी थी दुल्हन घर आ गई है सब लोग बहुत खुश हैं ढोलक बज रही है गाने चल रहे हैं और लड़कियों की हंसी गूंज रही है,,,,।
नानी आतिफ़ को आवाज़ लगाती हैं,,, अरे कहां चला गया मेरा पान दान तो उठा कर ला जब तक मैं 2,4 पान नहीं खा लेती,,, मुझे मज़ा नहीं आता ।
नानी का पान दान उठा कर लाता है लो नानी दिल भर कर पान खाओ,, तभी दादी जान कहती हैं अरे एक गुलकंद वाला पान मुझे भी बना दे आज,,,,।
नानी जान, ओ हो,,, तो तुम पर भी शौक चढ़ा है पान खाने का,,, हां हां गुलकंद वाला पान तो यह रोज़ मेरे लिए लाते हैं,,,।
मैं तो दिन भर में एक ही पान खाती हूं,,, हर वक़्त मुंह में पान रखने की आदत तो बस पूरे घर में तुम्हें ही है,,, ।
नानी पान चबाते हुए आतिफ़ से कहती हैं,,,, अरे चुप चुप खड़े हो जरूर कोई बात है पहली मुलाकात है भाई पहली मुलाकात है,,,,,,।
जा अब कमरे में क्यों नहीं जाता आयशा कब से तेरा इंतजार कर रही है,,, आसिफ का चेहरा शर्म से लाल हो जाता है,,,,,,,अरे नानी आप भी ना बस कुछ भी कहती हैं,,,
अरे कुछ भी क्या तू भी तो कब से कमरे में घुसने के लिए पर तोल रहा है,,, आतिफ मुस्कुराते हुए कमरे में जाता है जहां आयशा उसका इंतज़ार कर रही होती है,,,, ।
आतिफ के कमरे में जाने के बाद सीमा अपना फोन उठाकर देखती है वसीम का मैसेज देख कर दिल में सोचती है अब यह वसीम क्या कह रहा है मुझसे,,,,।
फिर दिल में सोचती है मैसेज का जवाब दूं या ना दूं तभी वसीम का एक और मैसेज आ जाता है,,, ।
"शादी कैसी रही आतिफ़ की,,,, ¡"
"सीमा लिखती है शादी तो बहुत अच्छी हो गई,,, !"
"कल वलीमा है तुम आ रहे हो क्या,,, !"
"हां हम लोग सोच तो रहे थे कि वलीमा में आ जाएं,,,!" "ठीक है फिर अब मैं रखती हूं,,,!"
" कहकर बात खत्म कर देती है,,!"
पर वसीम का चेहरा उसकी आंखों के सामने बार-बार आ रहा है,,, और वे अपने दिल में सोचती है काश मेरी शादी वसीम से हुई होती कितना ख़्याल रखता है मेरा,,,।
" कितनी इज़्ज़त देता था मुझे कहीं मैं बोर ना हो जाऊं इस बात का कितना ध्यान रखता था वह,,।"
"पर जो हम सोचते हैं वह कब होता है,,,,!"
" उधर वसीम को भी नींद नहीं आती है वह अपने दिल में सोचता है मैं कल ही सीमा से अपने दिल की बात कह दूंगा ऐसा ना हो मैं इन्तज़ार करता रह जाऊं और वह किसी और की हो जाए,,,,!
और सोचता है जो होगा देखा जायेगा,,,, दिल में किसी के प्यार का जलता हुआ दिया दुनिया की आंधियां से भला ये बुझेगा क्या,,,,।
कहानी क्या नया मोड़ लेती है यह जानने के लिए पढ़ते रहे कसम तेरे प्यार की सीजन टू,,,
मौलिक रचना सैयदा खा़तून ✍️
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