कसक तेरे प्यार की ( भाग 39)
अब तक आपने पढ़ा आतिफ़ के पूछने पर आयशा बताती है कि वह भी उसको बहुत प्यार करती है अब आगे 👉
आतिफ़ के घर के लोग आतिफ़ की शादी पर विचार कर रहे हैं और उन्हें आयशा काफी पसंद आ गई है,,,, सीमा से भी उसकी दोस्ती है,,,,,,,,,।
और परिवार भी अच्छा है सबसे बड़ी बात आतिफ़ भी उससे शादी करना चाहता है,, आतिफ़ के अम्मी अब्बू दादी और नानी सब मिलकर आयशा के घर जाते हैं और शादी की बात चलाते हैं,,,,।
आयशा के अब्बू सब लोगों से मिलकर बहुत ख़ुश होते हैं और कहते हैं जल्दी ही हम आपस में बात करके आपको फोन कर देंगे,, निश्चिंत रहें,,, उधर नदीम बहुत दुखी और परेशान है उसको रात रात भर नींद नहीं आती उसे ज़ेबा से यह उम्मीद बिल्कुल नहीं थी,,,, के वह शादी के लिए इंकार कर देगी,,,।
कल ज़ेबा की शादी है,, नदीम उसकी शादी का कार्ड खोले बैठा है,,, रह रह कर उसकी आंखों में आंसू उमड़ आते हैं ,,,,,वह सीमा को भी खो चुका है अपनी गलती से,, और अब आयशा,,,,, वह अपने दिल में सोचता है यह तो होना ही था,,,,, ।
उधर ज़ेबा बार-बार फ़ोन करके नदीम से कहती है तुम अभी तक क्यों नहीं आए मेरे अच्छे दोस्त हो,,,,,, तुम्हें तो मेरी शादी में पहले से ही आ जाना चाहिए था,,,।
नदीम तय नहीं कर पा रहा कि वह ज़ेबा की शादी में जाए या नहीं,,,,,,,, अगर नहीं जाता तो यह भी बड़ा ग़लत होगा और जाए तो किस दिल से जाए,,,,।
सारी रात वो यही सब सोचता रहा,,, कभी ज़ेबा तो कभी,, सीमा उसके आंखों के सामने आती रहीं,,, सीमा के लिए तो वह खुद को कसूरवार मानता ही है,,,,,।
और जे़बा भी अपनी जगह बिल्कुल ठीक है,,, भला वह किसी औरत का दिल दुखा कर कैसे उससे शादी कर सकती थी,, ।
और आतिफ़ अपने सीने में प्यार की कसक लिए पूरी रात जागता रहा,,, जे़बा का चेहरा उसकी आंखों के सामने आकर बार-बार उससे पूछता रहा मेरी शादी में आ रहे हो ना,,, ।
आखिरकार नदीम फैसला करता है मुझे इस तरहां हिम्मत नहीं हारना चाहिए,,, आख़िर दिल पर पत्थर रखकर वह भी तो मेरी शादी में शरीक हुई थी,,,।
क्या बीती होगी उसके दिल पर,,, जिससे वह प्यार करती है,, उसको किसी और के घर बारात ले जाते हुए देखकर,,,।
वह फैसला लेता है मुझे जे़बा की शादी में जाना ही होगा,,, है,,,, वह फैसला करता है कि मैं ज़ेबा की शादी में ज़रूर जाऊंगा,,,।
और उसकी शादी के बारे में घर पर किसी को कुछ नहीं बताऊंगा,,,,।
इसलिए मां के हज़ार पूछने पर भी वह नहीं बता पाता कि
आज ज़ेबा की शादी है,,,अब वह उसकी नहीं हो सकती,,, वह कहीं और शादी कर रही है,,,।
नदीम सुबह बहुत ही स्पेशल ढंग से तैयार होता है और पहुंच जाता है ज़ेबा की शादी में,, घर के लोग नदीम को देखकर बहुत ख़ुश होते हैं,,।
जब ज़ेबा को करोना हुआ था नदीम ने ज़ेबा की बहुत देख भाल की थी,,, ज़ेबा के घर के लोग नदीम को बहुत पसंद करते हैं,,,,, तभी उनकी मुलाकात ज़ेबा ने नदीम से करवाई थी,,,,, ।
नदीम ज़ेबा के ख़्यालों में गुम था के कुछ लड़कियां उसके सामने से गुज़री वह सब एक से बढ़कर एक हसीन थीं,,,,, लग रहा था आसमान से रंग बिरंगी तितलियां उतर आई हैं,, जो इधर से उधर और उधर से इधर लहराती फिर रही हैं,,, ।
पर उसकी नज़रें तो ज़ेबा को ही ढूंढ रही थी,, जो तैयार होने के लिए ब्यूटी पार्लर गई हुईं थी,,,,, तभी एक लड़की को अपने करीब आते देख वह उठ कर खड़ा हो गया,,,
और उसको हैरत से देखते हुए कहता है,,,,,अरे ज़ेबा तुम,,, यहां इस वक्त,,,,, आंटी तो कह रही थीं कि तुम ब्यूटी पार्लर गई हो तैयार होने के लिए,,,,
आगे जाने के लिए पढ़ते रहे,,, धारावाहिक कसक तेरे प्यार की सीज़न टू,,,
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मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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