कसक तेरे प्यार की सीजन टू (भाग 47)
अब तक तो आपने पढ़ा वसीम ज़ेबा से मिलता है और वह दोनों आपस में बातें कर रहे होते हैं और एक दूसरे का हाल जान रहे हैं,,,, अब आगे 👉
वसीम कहता है मम्मी बता रही थी तुम कॉलेज में प्रोफेसर हो गई हो,,, हां मैंने जॉब कर लिया है,,,।
" बहुत-बहुत मुबारक हो!"
" सीमा कहती है ख़ैर मुबारक!"
हां मैंने जॉब कर लिया है तो अब अच्छे से टाइम पास हो जाता है आजकल तो शादी की वजह से बिल्कुल फुर्सत नहीं मिल रही।"
थोड़ी देर में दोनों बात करते हुए एक दूसरे से फिर मिलने का वादा करके अपने अपने घर चले जाते हैं।
नदीम घर जाकर अपने कमरे में कुछ देर आराम करता है के अम्मी जान आकर उससे कहती हैं मैं सोच रही हूं तुम्हारे लिए भी लड़की देखना शुरु कर दूं। जल्दी से जल्दी
मैं दोनों की शादी कर देना चाहती हूं कोई ड्रामा करने की ज़रूरत नहीं,,,,,, अगर कोई लड़की पसंद कर रखी है तो मुझे बता दो,,,,,।
वसीम इधर-उधर आंखें मटका ते हुए कहता है कैसी बातें कर रही हैं मम्मी जब पसंद करूंगा तो सबसे पहले अपनी मम्मी को बताऊंगा अगर आपको पसंद आए तभी शादी कर लूंगा।
मम्मी कहती हैं चुप कर इतना सीधा भी नहीं है तू सच सच बता दे कोई पसंद है तो,,,,,,।
नहीं ,,, मैंने अभी किसी को नहीं पसंद करा मुझे अभी थोड़ा वक़्त चाहिए इतने आप लड़की देखना शुरू करें "
"मम्मी कहती हैं नहीं बाबा मुझे तो बस माफी करो लड़की तो तुम्हें खुद ही पसंद करनी पड़ेगी ढूंढ लो जल्दी से जल्दी और मुझे बता दो,,
"मैं किसी की शादी अपनी मर्जी से नहीं करने वाली!" "एक बहू ला कर देख चुकी हूं मैं,,,!"
" बस अब मेरा मुंह न खुलवाओ,,,,, ।"
"ठीक है पहले भाई की शादी कर दें,,,!"
" वैसे भी मैं तो आप पर बेफिक्रे था आपने भाई के लिए इतनी अच्छी लड़की ढूंढ ली थी मेरे लिए भी ढूंढ लेंगीं,,,!" "अब यूं हीं सड़क चलते किसी को थोड़ी पकड़ कर ले आऊंगा,,,,।"
"अब आपने बता दिया है तो आज से ही सड़क पर खड़ा हो जाऊंगा और हर आती-जाती लड़की से कहूंगा,,,,,!" "आइए - आइए मुझसे शादी कर लीजिए,,,।"
" मां हंसते हुए कहती है,,!"
"अरे पगले मैंने कब कहा है कि तू लड़कियों से शादी के लिए सड़क पर खड़ा हो जा झोली फैलाकर,,,!"
" इतना बड़ा खानदान है कभी तो किसी को देख कर इंसान को लगता ही है काश यह मेरी बीवी होती,,,,।"
"पसंद भी तो कोई चीज होती है"
"और वसीम मां के गले में हाथ डाल कर कहता है,,,"
"ठीक है मां,,,,, ।"
"मैं समझ गया तेरी बात,,,,,,,,!" "
"जल्दी ही सोच कर बताता हूं,,,,।"
"अभी कुछ दिन मुझे सोचने का मौका दें"
" उसके बाद ही मेरी सोचिएगा,,,।"
"पहले भाई की कर लेते हैं"
अरे पहले उसी की शादी तो की थी उसके बाद ही तेरा सोच रही हूं,,,,उसने कह दिया है कि वह जब ठीक समझेगा बता देगा,,."
तो ठीक है अम्मी अभी मुझे थोड़ा और टाइम चाहिए ,,,
आगे जानने के लिए देखते रहें,,,,
कसक तेरे प्यार की सीज़न टू ,,,,
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मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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